l 7 जुलाई,2013
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

 l 7 जुलाई,2013

by
Jul 27, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

स्वयंसेवकों और जवानों का अभिंनदन

दिंनाक: 27 Jul 2013 15:56:24

आवरण कथा सरकार नाकारा जवानों का सहारा पकर ज्ञात हुआ कि  उत्तराखण्ड में आई प्राकृतिक आपदा में सेना व स्वयंसेवकों ने पीड़ितों की जान बचाथ और उनकी सेवा की लेकिन दूसरी तरफ राज्य व कःन्द्र सरकार की ढिलाई से दु:ख हुआ। सरकार सिर्फ वोट लेने कः लिए तैयार रहती हैं। प्राकृतिक आपदाओं के लिए उसका तंत्र नाकाम क्यों हो जाता है?

–हरिहर सिंह चौहान

 जंबरी बाग, नसिया, इन्दैर, म.प्र.

 देश में आथ इस प्राकृतिक आपदा के समय रा.स्व.संघ के कार्यकर्ताओं एवं सेना के जवानों ने जो साहस एवं शौर्य का परिचय दिया वह अविस्मरणीय है। यह सोच कर ही दिल सिहर उठता है कि यदि ये लोग न होते तो क्या होता। 

–उदय कमल मिश्र

 सीधी, म.प्र.

उत्तराखंड में सेना कः जवानों ने अपनी जान खत में डालकर सेवा का जो कार्य किया वह सम्मान के योग्य है। यह साबित करता है कि सेना सीमा पर ही हमारी रक्षा नहीं करती, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय की हमारा संबल बनती है।

–रमेश, मोती नगर

 बालादाट, म.प्र.

उत्तराखंड में आई विपदा में रा.स्व.संद कः स्वयंसेवकों और सेना कः जवानों ने नि:स्वार्थ भाव से जो सेवा की, इसकः लिए देश उनका कृतज्ञ है। देश का हर नागरिक इनकः  साथ है।

–रामचंद्र ठोकः,

भिलाई नगर, दुर्ग, छ.ग.

पिछले 6 साल से मैं  का पाठक हूं। लेकिन उत्तराखंड में आई आपदा में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्य की रपट पढ़कर उनकी सराहना में पत्र लिखने से अपने को रोक नहीं सका।

—अनिल गोयल,

मुजफ्फर नगर, उ.प्र.

त्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा में सेना और संघ के स्वयंसेवकों का सहयोग अद्वितीय रहा। इसके कारण अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सका। लेकिन शर्म की बात है कि कांग्रेस देश पर आई आपदा की दी में की राजनीति करने से नहीं चूकी।

–रमेश कुमार मिश्र,

अंबेडकर नगर, उ.प्र.

उत्तराखंड आपदा के दौरान जिन लोगों की सेना के जवानों और रा. स्व. संघ के स्वयंसेवकों ने जान बचाई उन लोगों कः लिए यह लोग भगवान से कम नहीं थे। इसकः अलावा देशभर से विन्नि सामाजिक–धार्मिक संगठनों द्वारा पहुंचाई जा रही सहायता की स्वागत योग्य है।

–निमित जायसवाल

 मुरादाबाद, उ.प्र.

भारी पी प्रकृति  से

झूठ बहा सच सामने आया सम्पादकीय प्रशासन की प्रकृति कः प्रति दृष्टि स्पष्ट करता है। उत्तराखण्ड में हुई तबाही का कारण बनी जल विद्युत परियोजना देश की अर्थव्यवस्था और उत्तराखंड कः लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। वैज्ञानिकी इस बात की चेतावनी दे चुके हैं।

–राममनोहर चंद्रवंशी

 टिमरनी, हरदा, म.प्र.

प्रकृति से छःड़छा हमें महंगी पड़ने लगी है। यह बात स्पष्ट होती जा रही है। पहाडों पर प्रदूषण, इमारतें–बांध बनाना यह सब नुकसानदायक है।

–वीन्द्र सिंह जरयाल

 शिवपुरी विस्तार, कृष्णा नगर, दिल्ली

भ्रष्टाचार और घोटालों के बचाव में ऐड़ी–चोटी का जोर लगाने वाली सरकार के मुखिया केन्द्रीय आपदा प्रबंधन कः प्रमुख होकर कैग की चेतावनियों को नजरंदाज करकः तबाही कः गुनहगार ही कहः जाएंगे।

–हरिओम जोशी,

चतुर्वेदी नगर, म.प्र.

यदि हम प्रकृति से छह करके विकास की राह तलाशते रहे तो पहा ही नहीं, अपितु मैदानों पर की प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने को तैयार रहना होगा। यह रास्ता सिर्फ विनाश की ओर ही ले जाएगा। हमें यह तय करना होगा कि हम चाहते क्या हैं?

–दिनेश ग्

 पिलखुवा, .प्र.

यह चमत्कार से कम नही

भगवान शिव की नगरी में भयंकर तांडव हुआ। इसे चमत्कार नहीं तो क्या केंगे कि केदारनाथ के आस–पास का क्षेत्र तो पूरी तरह तबाह हो गया लेकिन मुख्य मंदिर सुरक्षित है। इससे सिद्ध होता है कि हमें संभालने वाली कोथ ईश्रीय शक्ति है।

–भेरूलाल राठौर

मंदसौर, म.प्र.

…पधा युवराज

16 जून को उत्तराखंड में जल प्रलय शुरू हुआ। पूरा देश इसकः बाद गम तथा सदमे में डूब गया। लाखों हाथ सहायता कः लिए आगे आए। पर कांग्रेस के युवराज को अपना जन्मदिन (19 जून) मनाना था। सो वे देश छोड़कर स्पेन उ गए। लौटे करीब आठ दिन बाद। कहां थी इनकी संवेदना? 

–अजय मित्तल

 97, खंदक, मेरठ, उ.प्र.

 

 ताक पर कानून

हर साल शब–ए–बारात कः अवसर पर असामाजिक तत्व पूरी दिल्ली में हुदंग मचाते हैं। आश्चर्य की बात है कि इस पर मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, गृहमंत्री मौन हैं। भारत लोकतांत्रिक देश है। दु:ख होता है यह सब देखकर कि पक्ष–विपक्ष, सांसद, विधायक जानकर की इससे अनजान बने हुए हैं।  जबकि होना यह कि नियम तोने वालों पर सख्त से सख्त र्कावाथ हो, ताकि फिर कोथ कानून तोने की हिम्मत न कर सकः।

–बी.एल.सचदेवा

 263, आईएनए माकःर्ट, नई दिल्ली

कश्मीर में लश्कर का हमला

कश्मीर एक बार फिर सेना कः जवानों पर हुए आतंकी हमले से दहल उठा। इस हमले में 8 जवान शहीद व 19 दायल हुए। आखिर क्या गलती थी इन जवानों की? यही कि इन्होंने देश सेवा का प्रण लिया था। इसकः बाद की भारत सरकार का इस ओर नरम रुख, हास्यास्पद ही है।

–सुन्द्र धीमान

 गन्नौर, सोनीपत, हरियाणा

नेहरू की

माध्यम से पता चला कि आज जो कश्मीर भारत का अंग है उसकः पीछः प्रजा पषिद आंदोलन की बहुत बड़ी भूमिका है। परिषद कः कार्यकर्ताओं ने अपना बलिदान देकर शेख अब्दुल्ला कः मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। परिषद कः बलिदानी कार्यकर्ताओं को से नमन।

–प्रमोद वलसंगकर, दिलसुखनगर, हैदराबाद

 

जूं नहीं इनके कानों पर

पिछले दिनों उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा कः लिये मनुष्य और उसकी अति मह्त्वाकांक्षा ही जिम्मेदार है। कारण बहुत साफ है कि हमने अपनी निजी सुख–सुविधा और विलासिता कः चलते प्रकृति का बे पैमाने पर दोहन शुरू कर दिया है। जोशीमठ कः ऊपर औली नामक एक जगह है। वहां पर एनटीपीसी लगाग 520 मेगावाट का एक पन–बिजली संयंत्र लगा रही है।

पञ्चांग

श्रावण कृष्ण 13  रवि            4 अगस्त, 2013

”     ”          14 सोम  5       ”   “

”     अमावस्या          मंगल  6         ”   “

श्रावण शुक्ल        1      बुध     7         ”   “

”     ”          2    गुरु  8       ”   “

”     ”          3    शुक्र  9        ”   “

”     ”          4    शनि 10       ”   “

 

नेताओं का मोटा खाता

नयेआंकड़ेकहरहे, घटीगरीबीखूब

चुल्लूभरपानीअगर, मिलेकहींतोडूब।

मिलेकहींतोडूब, सड़कपरदेखोंजाकर

झांकोकिसीझोंपड़ीकापर्दाखिसकाकर।

कह 'प्रशान्त' निर्धनकापेटपिचकताजाता

मगरहोरहानेताओंकामोटाखाता।

-प्रशान्त

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies