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पंजाब में अकाली दल (बादल) व भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ ने चुनावी जीत का सिलसिला बरकरार रखते हुए निकाय व पंचायत चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बूरी तरह परास्त कर दिया। चुनाव में अकाली-भाजपा उम्मीदवारों ने जहां रिकॉर्ड जीत हासिल की वहीं कांग्रेस नौ जिलों में खाता तक भी नहीं खोल पाई। जिला परिषदों की 331 सीटों में से गठबंधन को 297 और कांग्रेस को मात्र 26 तथा अन्य को 8 सीटें मिली हैं। 2731 पंचायत समितियों में से शिअद-भाजपा गठबंधन को 2122, कांग्रेस 454 व अन्य को 155 सीटें मिलीं। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह की जगह सरदार प्रताप सिंह बाजवा को कमान सौंप दी थी, परंतु नए अधयक्ष कुछ भी नया नहीं कर पाए, बल्कि वे पुराने ढर्रे पर ही चलते नजर आ रहे हैं।
इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी की पराजय तो पहले से ही निश्चित नजर आ रही थी, परंतु इस तरह की दुर्गति का किसी को अनुमान नहीं था। वैसे भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय का जिस तरह से विश्लेषण किया गया था उससे साफ हो गया था कि कांग्रेस अपनी पराजय से कुछ सीखना नहीं चाहती। पंजाब से राकेश सैन
हरियाणा के 7 नगर निगम चुनावों में हुड्डा सरकार हार के डर से पार्टी चिन्ह पर चुनाव भी न लड़ सकी। प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए उनके रोहतक स्थित आवासीय वार्ड में भारतीय जनता पाटी प्रत्याशी द्वारा दी गई करारी हार भी उनके लिए पीड़ादायक रही। यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद शादीलाल बत्रा के परिजन को मात्र 15 वोट ही मिले। विभिन्न नगर निगम चुनावों में जनता ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के करीब 10 परिजनों को भी हार का स्वाद चखाया। इसके बावजूद कांग्रेस जीतकर आए निर्दलीय उम्मीदवारों पर अपना हक जताकर महापौर की कुर्सी पर दांव खेल रही है। कांग्रेस भली-भांति जानती है कि उसका जनाधार खिसक रहा है और जनता उसे नकार चुकी है। इसीलिए वह चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरने की हिम्मत भी नहीं जुटा सकी। पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर, पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक के 144 वार्डों में भाजपा के 25 प्रत्याशियों ने सीधे तौर पर व 5 अन्य समर्थित प्रत्याशियों ने जीत का परचम फहराया। हिसार को छोड़कर सभी स्थानों पर जनता ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया। विभिन्न नगर निगमों में 21 ऐसे वार्ड रहे जहां भाजपा नम्बर 2 पर रही और कई स्थानों पर जीत का अंतर 100 वोटों से भी कम रहा। भाजपा के सहयोगी गठबंधन हजकां को भी 7 स्थानों पर जीत प्राप्त हुई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रामविलास शर्मा तथा वरिष्ठ नेता वीर कुमार यादव ने कहा कि जनता ने भाजपा को भरपूर समर्थन दिया। बेशक परिणाम आशातीत नहीं आ सके, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकजुटता से काम कर कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया हैं। हरियाणा से डा. गणेश दत्त वत्स
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