दिल्ली सरकार का 74 धार्मिक स्थलों को तोड़ने का षड्यंत्र
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हिन्दू संगठनों की गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी
दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष राजधानी के 74 धार्मिक स्थलों को ताड़े जाने की सूची दी है। सरकार ने 75 में से 40 धार्मिक स्थलों को गिराने की अनुशंसा की है। जबकि 34 के बारे में कहा गया है कि इनको गिराने का विरोध हो सकता है, इसलिए इन स्थलों के आसपास के लोगों को समझाकर और उनसे बातचीत करके गिराया जा सकता है।
राज्य सरकार के इस फैसले की दिल्ली के हिन्दू संगठनों में तीखी भर्त्सना की है। इस संबंध में गत 4 जून को झंडेवाला स्थित विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय में एक बैठक हुई जिसमें दिल्ली के अनेक हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत महामंत्री श्री सत्येंद्र मोहन ने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हिन्दुओं के धर्म स्थलों पर यदि हथौड़ा चलाने का दु:साहस किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। हिन्दू संगठनो का कहना है कि एक बार प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद किसी भी धर्म स्थल या उसके किसी भाग को तोड़ा जाना गंभीर अपराध है।
बैठक में सर्वश्री विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष सरदार उजागर सिंह, दीपक कुमार व गुरदीन प्रसाद रुस्तगी, मंत्री रामपाल सिंह, दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महंत नवल किशोर दास, हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश कौशिक, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रकाश आर्य, दारा सेना के मुकेश जैन आदि ने भाग लिया।
स्वयंसेवक पढ़ रहे देशभक्ति का पाठ
स्वयंसेवकों के शारीरिक और बौद्धिक विकास हेतु रा.स्व.संघ द्वारा हर साल देशभर में संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी जगह–जगह संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन हो रहा है। वर्गों में स्वयंसेवक पूरे उल्लास के साथ प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे हैं। प्रशिक्षण लेते–लेते स्वयंसेवक मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प भी ले रहे हैं। यहां गुजरात और कोंकण प्रांत के संघ शिक्षा वर्गों की जानकारी दी जा रही है।
अमदाबाद (गुजरात) स्थित प्रेरणापीठ गुरुकुल में गत 4 जून को रा.स्व.संघ के गुजरात प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष संपन्न हुआ। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. एच.एल. त्रिवेदी थे, जबकि वक्ता थे पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह श्री सुनील भाई मेहता। 16 मई, 2013 से शुरू हुए 20 दिवसीय वर्ग में गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से आए 342 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनमें विद्यार्थी, कर्मचारी और व्यवसायी सभी थे।
वर्ग में स्वयंसेवकों ने 20 दिन तक दंड, नियुद्ध, योगासन आदि का प्रशिक्षण लिया। साथ ही समाज जीवन से जुड़े अनेक विषयों- भ्रष्टाचार, देशभक्ति, संघ की आवश्यकता आदि विषयों पर चर्चा भी की। स्वयंसेवकों ने यहां प्राथमिक उपचार, जैविक कृषि, अग्निशमन, सौर ऊर्जा, गोबर गैस आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। वर्ग में स्वयंसेवकों के साथ वर्गाधिकारी के रूप में डा. शैलेश भाई झाला और वर्ग कार्यवाह के रूप में श्री महेश भाई ओझा पूरे समय उपस्थित रहे। स्वयंसेवकों को संघ के अखिल भारतीय अधिकारियों का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। वर्ग के दौरान शहर में स्वयंसेवकों का पथ-संचलन भी निकला।
दहिसर (मुंबई) स्थित स्वामी विवेकानंद विद्यालय में गत 31 मई को कोंकण प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध फिल्म-नाट्य अभिनेता श्री अविनाश नारकर थे, जबकि वक्ता थे रा.स्व.संघ के पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्री मधुकरराव जाधव। मंच पर कोंकण प्रांत के प्रांत कार्यवाह श्री सुनील सप्रे, वर्गाधिकारी श्री दादा कल्लोलकर और बोरीवली भाग संघचालक श्री भालचंद्र भांगे भी आसीन थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मधुकरराव जाधव ने कहा कि संघ का विचार, हिन्दू समाज का विचार है और यही राष्ट्र का विचार है। उन्होंने कहा कि देश और समाज चाहे जैसा हो लेकिन यह मेरा है और समाज में सुधार करना मेरा कर्तव्य है। ऐसी सीख देशभर में संघ की शाखाओं पर देकर राष्ट्र निर्माण के बीज बोए जाते हैं।
समापन समारोह में स्वयंसेवकों ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों- दंडयुद्ध, नियुद्ध, योगासन, खेल आदि का सुंदर प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राम नाईक सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। वर्ग में कुल 92 स्वयंसेवकों ने 20 दिन तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रतिनिधि
पथ–संचलन में दिखा सामूहिक अनुशासन
इलाहाबाद (उ.प्रदेश) के नैनी स्थित माधव ज्ञान केन्द्र इण्टर कालेज में चल रहे काशी प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्वयंसेवकों का गत 4 जून को शहर में पथ-संचलन निकाला।
वर्ग स्थान से शुरू हुआ संचलन अरैल तिराहा से मलहरा गेट से खरकोनी होते हुए माधव ज्ञान केन्द्र पर समाप्त हुआ। घोष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे स्वयंसेवकों का अनुशासन देखते ही बन रहा था। स्वयंसेवकों का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत हुआ। वर्ग में 313 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे ½éþ*
प्रतिनिधि
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