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राष्ट्र सेविका समिति की प्रथम प्रचारिका स्व. सिंधु ताई फाटक की स्मृति में गत 31 मार्च को नई दिल्ली में शौर्य दिवस कार्यक्रम संपन्न हुआ। राष्ट्र सेविका समिति तथा संघमित्रा प्रतिष्ठान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित समारोह का आयोजन सिंधु ताई के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर किया गया था। यहां विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिल्ली तथा आसपास के राज्यों की महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज थीं, जबकि मुख्य वक्ता थीं समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े। मंच पर सेविका समिति की अ.भा. सह कार्यवाहिका सुश्री रेखा राजे, अ.भा. निधि प्रमुख तथा संघमित्रा प्रतिष्ठान की संयोजक सुश्री भारती ताई मम्बावले एवं दिल्ली की प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती राधा मेहता भी आसीन थीं।
समारोह में फरीदाबाद की श्रीमती शालिनी तोमर को शौर्य के प्रकटीकरण के लिए शौर्य सम्मान दिया गया। उन्होंने अपनी बेटी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया था। कबड्डी में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली शिखा राणा को खेलों में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सेवा सम्मान राष्ट्र सेविका समिति, दिल्ली की सेविका स्व. इंदू ताई पटवर्धन को दिया गया। यह पुरस्कार उनकी पुत्रवधू श्रीमती मधु ने प्राप्त किया। वीरमाता पुरस्कार स्व. मेजर डा. अश्विनी कर्ण की मां श्रीमती सुभाष कर्ण को दिया गया। विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कालेज की छात्राओं और दो महिला प्राध्यापिकाओं को संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया। कालेज की छात्राओं और प्राध्यापिकाओं के समूह ने यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का सफल प्रयोग किया है। सभी को श्रीमती सुषमा स्वराज एवं सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े ने स्मृति चिह्न एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर समिति की अ.भा. सह कार्यवाहिका श्रीमती आशा शर्मा, दिल्ली की प्रांत प्रचारिका सुश्री पूनम सहित राजधानी दिल्ली की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।
प्रमिला ताई मेढ़े
पूर्व प्रमुख संचालिका, राष्ट्र सेविका समिति
हम अपनी बच्चियों को ऐसे संस्कार दें कि वे ‘±É´É ÊVɽþÉnù’ जैसे झांसों में न आएं, लेकिन यदि ऐसा कुछ हो भी जाए तो हमें उन्हें वापस लाने के प्रयत्न करने चाहिए। यदि हमारा संकल्प मजबूत हो तो परिस्थिति बदलने में देर नहीं लगेगी। समाज से बुराइयों को मिटाने के लिए हमें सिंधु ताई बनना होगा।
सुषमा स्वराज
नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा
हमें अपने शब्दकोश से ये शब्द निकाल देने चाहिए कि ‘¨Éé कर नहीं ºÉEòiÉÒ’, हम सब काम कर सकती हैं। हम वे काम भी कर सकती हैं, जो पुरुष नहीं कर सकते। सिंधु ताई के किसी एक गुण के 100वें हिस्से को भी यदि हम अपने जीवन मंे उतारेंगे तो वही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धाञ्जलि होगी।
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