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भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा की मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी को महत्व देने संबंधी अधिसूचना पर सरकार ने रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि इस परीक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। अंग्रेजी की परीक्षा पहले की तरह केवल पास ही करनी होगी उसके अंक वरीयता सूची में नहीं जुड़ेंगे। बीते 15 मार्च को संसद में इस विषय पर भारी हंगामा हुआ, बड़ी संख्या में सांसदों ने इस निर्णय का विरोध किया जिसके बाद सरकार ने इस अधिसूचना पर रोक लगा दी। अधिसूचना से संबंधित रपट पाञ्चजन्य ने पिछले अंक में प्रकाशित की है।
ऐसे छात्र जो 'आईएएस' बनने का सपना रखते हैं उनको संघ लोक सेवा आयोग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा पास करनी होती है। दो चरणों में होने वाली इस परीक्षा की मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी अनिवार्य करने एवं उसके अंक वरीयता सूची में जोड़े जाने संबंधी अधिसूचना बीते 5 मार्च को जारी की गई थी। अधिसूचना के जारी होते ही देशभर में इस निर्णय का जबर्दस्त विरोध हुआ। संसद में भी सांसदों ने इस निर्णय का विरोध किया। सपा, राजद, वामदल, अकाली दल, नेशनल कांफ्रेंस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और भाजपा ने इस निर्णय का जबर्दस्त विरोध किया। जिसके बाद सरकार ने अधिसूचना पर रोक लगा दी।
विरोध का कारण
पहले अंग्रेजी की परीक्षा पास करनी ही अनिवार्य थी उसके अंक वरीयता सूची में नहीं जुड़ते थे। लेकिन नए प्रारूप के अनुसार अंग्रेजी के अंक वरीयता सूची में जुड़ने थे जोकि हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषा के छात्रों के साथ अन्याय था।
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