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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अति संवेदनशील जिलों में से एक बुलंदशहर में भी बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व तथा समस्त राष्ट्रवादी संगठनों के सक्रिय सहयोग से गत दिसम्बर तथा जनवरी माह में अवैध कटान को ले जाया जा रहा लगभग 1600 गोवंश मुक्त कराकर गोरक्षा की गयी। पहले कुछ हिन्दू पुलिस अधिकारी भी साथ थे, पर बाद में, संभवत: सरकारी दबाव में पुलिस ने गोभक्त कार्यकर्त्ताओं को मुकदमों में फंसाकर उनका मनोबल तोड़ने का प्रयास किया। इसके बावजूद जिले भर में गोवंश बचाओ अभियान जारी है।
बुलंदशहर के तीन मार्गों से विभिन्न माध्यमों से गोवंश ले जाते हैं-शिकारपुर मार्ग, अनूपशहर मार्ग तथा गढ़मुक्तेश्वर मार्ग। इन तीनों ही मार्गों पर बजरंग दल सहित राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्त्ताओं के परिश्रम तथा स्थानीय हिन्दू समाज के सहयोग से दिसम्बर और जनवरी माह में चले विशेष गोरक्षा अभियान के अन्तर्गत 27 स्थानों पर 34 से अधिक छोटे-बड़े वाहन पकड़े गये, जिनमें गोवंश को क्रूरतापूर्वक भरकर कटान हेतु संभल ले जाया जा रहा था। इसके अलावा कई दलों में पैदल गोवंश ले जा रहे पशु तस्करों को भी पकड़ा गया। लगभग 1600 जीवित गोवंश के साथ ही 105 मृत अवस्था में भी मिले, जो ट्रकों में दम घुटने के कारण दम तोड़ चुके थे। मृत गोवंशों को पशु चिकित्सकों तथा प्रशासन के सहयोग से भूमि में दफनाया गया। जीवित गोवंश में से 978 गोवंश को बुलंदशहर, खुर्जा, हापुड़, वृंदावन तथा बरसाना की गोशालाओं में भिजवाकर शेष को पुलिस के माध्यम से स्थानीय हिन्दू किसानों तथा ग्रामीणों के सुपुर्द कर दिया गया। बहुत बीमार तथा कमजोर 28 गोवंश को चिकित्सा हेतु दिल्ली के संजय गांधी पशु चिकित्सालय भिजवाया गया। जिले में 8 नये स्थानों पर ग्राम समाज के सहयोग से नई गोशालाओं के प्रस्ताव भी तैयार किये गये, जिनमें गोवंश की समुचित व्यवस्था की जा सके।
गोवंश रक्षा के लिए हिन्दू संगठनों को अनेक प्रकार के संघर्ष, कठिनाइयों तथा प्रशासनिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। गोतस्करी में पुलिस की संलिप्तता तथा अपराधियों के प्रति निष्क्रियता के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक आंदोलन प्रदर्शन करने पड़े। कुछ स्थानों पर आक्रोशित हिन्दू समाज के रोष के कारण पुलिस से संघर्ष की स्थिति भी बनी। तीन स्थानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिसमें कई कार्यकर्त्ता घायल हुए। 26 जनवरी को चोला मार्ग पर नहर पुल पर पकड़े वाहन से गोवंश निकालकर उसमें आग लगा दी गयी, जिस पर प्रशासन ने भाजपा नगराध्यक्ष अनिल सिसौदिया तथा उपाध्यक्ष कुलदीप चौधरी समेत 12 लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 28 जनवरी रात्रि स्याना में एक सपा नेता के बाग से 27 गोवंश को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले विद्यार्थी परिषद कार्यकर्त्ता सचिन त्यागी समेत एक दर्जन के विरुद्ध हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया गया है। गोरक्षा अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कार्यकर्त्ताओं को सामाजिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित करके उनका उत्साहवर्द्धन भी किया गया। प्रारंभ में सहयोग करने वाला प्रशासन संभवत: बाद में ऊपरी दबाव के कारण आक्रामक भूमिका में आ गया और कार्यकर्त्ताओं का मनोबल तोड़ने के लिए झूठे मुकदमे लादकर उत्पीड़न करना प्रारंभ कर दिया, जिसके विरुद्ध व्यापक जनांदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है और गोवंश की रक्षा का पुनीत कार्य लगातार जारी है। हेमंत सिंह
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