के-15 के साथ बढ़ी साख
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आलोक गोस्वामी
पानी के नीचे से हवा में होते हुए कई सौ किमी. दूर लक्ष्य पर मार करने वाली बालिस्टिक मिसाइल की 27 जनवरी को सफल जांच-उड़ान ने भारत को इस महारथ को पाने वाले गिनते के देशों की कतार में ला खड़ा किया है। पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली इस 10 मीटर ऊंची के-15 मिसाइल का परीक्षण विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास किया गया। मिसाइल हवा में 20 किमी. की ऊंचाई पाकर करीब 700 किमी. दूर बंगाल की खाड़ी में पहले से तय स्थान के पास गिरी। इस मिसाइल की यह 12वीं और आखिरी जांच-उड़ान थी। रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार वी.के. सारस्वत की मानें तो मिसाइल अपनी पूरी दूरी यानी 700 किमी. पर मार करने में खरी उतरी और मिशन के तमाम उद्देश्य पूरे हुए। अब जल्दी ही भारत की परमाणु पनडुब्बी आई.एन.एस. अरिहन्त पर के-15 मिसाइल लगाने की प्रकिया शुरू हो जाएगी। परमाणु से लैस 6-6 टन की ऐसी 12 मिसाइलें अरिहन्त के साथ जोड़ी जाएंगी। भारत के रक्षा अनुसंधान के लिए यह गर्व की बात इसलिए भी है क्योंकि अब तक यह काबिलियत सिर्फ अमरीका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही थी। लेकिन बात इतने पर ही खत्म नहीं होती, अरिहन्त जैसी परमाणु ऊर्जा से चलने और परमाणु मिसाइल से लैस होने वाली तीन और पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं। के-15 की मार सिर्फ 700 किमी. तक है, लेकिन भारत के रक्षा अनुसंधान के वैज्ञानिक 3,000 किमी. तक की मार करने वाली के-4 मिसाइल भी विकसित कर रहे ½éþ*l
फिर हरकत में आई मलिक–सईद की जोड़ी
'आउटलुक टर्निंग प्वाइंट्स' पत्रिका में छपे अपने लेख में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान ने अपने मुस्लिम होने की बाबत जो कुछ लिखा उस पर भारत सरकार सहित तमाम राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों की तीखी टिप्पणियां आना स्वाभाविक ही था। भले शाहरुख अब सफाई देते फिर रहे हों कि 'तिल का ताड़ बनाया जा रहा है, मैं देशभक्त हूं' वगैरह-वगैरह। लेकिन मौके की ताड़ में रहने वाले पाकिस्तानी जिहादी दिमागों ने फौरन अपनी सोच जाहिर कर दी। हैरानी की बात है कि पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक (जो अभी पीछे भारत आए थे और एक के बाद एक विवादास्पद बयान देकर अपने दौरे को विवादित बना गए थे) ने भारत सरकार को बेमांगी सलाह दी कि शाहरुख खान को सुरक्षा उपलब्ध कराएं। मलिक अपने मुल्क में भी कुछ भी बोल देने के लिए बदनाम हैं, पर अपनी लफ्फाजी से पहले ही 'भरोसा बढ़ाने के प्रयासों' का माहौल बिगाड़ने वाले पाकिस्तान के गृहमंत्री का ऐसा बयान भारत में किसी को हजम नहीं हुआ, होना भी नहीं था। बेमतलब के सलाहकार को पलट जवाब दिए गए कि 'पहले अपने घर को ठीक करो, वहां के नागरिकों की हिफाजत की चिंता करो।' यही सही भी है, क्योंकि मलिक बखूबी जानते हैं कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की क्या स्थिति है, बचे-खुचे हिन्दू किस तरह पलायन करने को मजबूर किए जा रहे हैं, उनकी बहू-बेटियों को आएदिन कट्टरवादी षड्यंत्रों का सामना करना पड़ रहा है। अजीब है कि भारत के उच्चायुक्त शरत सब्बरवाल द्वारा 26 जनवरी के मौके पर दी गई दावत में मलिक ने वह सब कहा। बहरहाल, मलिक तो मलिक, 26/11 मुम्बई हमले का षड्यंत्रकारी हाफिज सईद भी मौका भांपकर कह उठा, 'शाहरुख अगर वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे तो पाकिस्तान में आ जाएं।' जमात-उत-दावा का अगुआ हाफिज वही शख्स है जिसके पाकिस्तान में होने को वहां की हुकूमत नकारती रही है। हैरानी की बात है कि उसी हाफिज सईद ने शाहरुख को यह 'दोस्ताना सलाह' एक टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू देते हुए दी। शाहरुख की बेमानी 'टीस' के जवाब में अखबार उन्हें इन्हीं भारतीयों की चाहत पर सवार होकर मिले 'स्टारडम' का आईना दिखा रहे थे, तो उधर एक मौलवी ने मलिक की 'सलाह' पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 'मलिक किस मुंह से हिफाजत की बात करते हैं, अरे पाकिस्तान में तो मुसलमान ही हिफाजत से नहीं ½éþþ*'l
पाकिस्तानी फौज का षड्यंत्र उजागर
शहीद हेमराज के हत्यारे अनवर को 5 लाख रु. 'इनाम'
खबरें छनकर बाहर आनी ही थीं, सो आ गईं और पाकिस्तानी फौज का वहशी चेहरा एक बार फिर से चमका गईं। वे फिर जता गईं कि पाकिस्तानी फौज के लिए अंतरराष्ट्रीय फौजी कायदों- तहजीबों का कोई मोल नहीं है। भारत के शहीद लांसनायक हेमराज की हत्या के बाद उसका सिर अलग करके ले जाना वाला पाकिस्तानी फौजी के वेश में दरअसल लश्करे तोयबा का जिहादी अनवर खान था। मीडिया में छपी खबरों के हवाले से, उसे पाकिस्तानी फौज की आड़ में नियंत्रण रेखा पर भारत विरोधी जिहादी हरकतें करने को तैनात किया गया था। भारतीय फौजी का सिर काटने के बदले में पाकिस्तानी फौज की सरपरस्त आई.एस.आई. ने उसे 5 लाख रु. का 'इनाम' दिया है। 8 जनवरी, 2013 को नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में घुसकर भारतीय सैनिकों पर हुए उस बर्बर हमले का पूरा खाका पाकिस्तानी फौज और आई.एस.आई. का रचा तथा लश्करे तोयबा-जैशे मोहम्मद द्वारा अंजाम दिया गया था। उस पूरी साजिश के तार-तार किए हैं भारतीय गुप्तचर ब्यूरो, रॉ और सैन्य गुप्तचरी ने। पता चला है कि तत्तापानी में तैनात पाकिस्तानी फौज ने सूबेदार जब्बार खान की अगुआई में उस साजिश को अंजाम दिया था। उसके मातहत 8 जनवरी वाली बर्बरता दिखाने वाला अनवर खान 1996 में भी वैसी कायराना हरकत कर चुका था। पता चला है कि नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान ने ऐसे कई जिहादी दिमाग पाकिस्तानी फौजी वर्दी में छुपाकर तैनात किए हुए हैं जो भारत विरोधी अभियानों को अंजाम देकर 'इनाम' के हकदार बन जाते हैं। यानी भारतीय क्षेत्र में सुरंगें बिछाने के 5000 रु., भारतीय सैनिक की जान लेने के 10,000 रु. और सिर काट लेने के 5 लाख रु. 'इनाम' की मुनादी जैसी की हुई है पाकिस्तानी फौज ने। l
स्वीडन के नोबुल के सामने ताइवानी नोबुल
ताइवान की अमीरों को टोली के एक सदस्य अरबपति सैम्युअल यिन ने घोषणा की है कि 2014 से वे हर दो साल में 3 अरब ताइवानी डालर का 'टैंग पुरस्कार' देंगे। उनका कहना है कि यह इनाम दुनिया और मानव जाति के लिए उपयोगी अनुसंधान, चीनी संस्कृति को बढ़ावा देने और दुनिया को बेहतर जगह बनाने के क्षेत्र में और काम करने को प्रोत्साहित करेगा। यिन का लंबा-चौड़ा कारोबार 'रुएंटेक्स' उद्योग समूह के जरिए चल रहा है। यिन की मानें तो, 'टैंग पुरस्कार' के लिए 3 अरब ताइवानी डालर की राशि दान करना उनके सबसे बड़े सपनों में से एक का पूरा होना है। 'टैंग पुरस्कार' दरअसल स्वीडन के नोबुल पुरस्कार की तर्ज पर 'एशिया का नोबुल' बताया जा रहा है।
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