आंसुओं की राजनीति
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आंसुओं की राजनीति

by
Jan 28, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चिंतन की कांग्रेसी शैली

दिंनाक: 28 Jan 2013 11:10:00

 समदर्शी

बड़ा शोर था जयपुर में होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर का। कई मोर्चों पर मुश्किलों से घिरे इस देश के लोगों को लग रहा था कि बस, अब तो उन्हें तमाम समस्याओं से निजात मिलने ही वाली है। आखिर देश की सरकार और उसकी अगुआ कांग्रेस 'चिंतन' जो करने जा रही थी। पर चिंतन शिविर से जो निकला वह हैरान करने वाला ज्यादा रहा। अपनी पीठ खुद थपथपाने को तो खैर कांग्रेस अभिशप्त हो ही चली है, पर उम्मीद थी कि चिंतन शिविर के नामकरण का तो कुछ ख्याल रखा ही जायेगा। लेकिन जो सुधर जायें, वे कांग्रेसी कैसे? सो, कांग्रेस के अतीत और वर्तमान के साथ-साथ नेहरू परिवार का भी गुणगान करते हुए 'युवराज' को उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया गया। कहा गया कि अब वह औपचारिक रूप अपनी मां सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस में नंबर दो होंगे। वैसे राजनीति में दो नंबरियों को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता। लेकिन ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जब कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने खुद सफाई दी थी कि कई महासचिवों में से एक होते हुए भी राहुल गांधी की हैसियत पार्टी में नंबर दो की है, इस बारे में किसी तरह की अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। सवाल है कि फिर भी यदि 'युवराज' को नये पदनाम की चाह थी तो यह काम जयपुर जाए बिना ही दिल्ली में एक विज्ञप्ति जारी कर हो सकता था। कांग्रेस की इस चिंतन शैैली के मद्देनजर भाजपा नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी की टिप्पणी बहुत सटीक लगती है। उन्होंने कहा- खोदा पहाड़, निकली चुहिया।

आंसुओं की राजनीति से कांग्रेस का रिश्ता पुराना है। भावनाप्रधान देश भारत में यह नुस्खा कारगर भी रहा है, सो अब कांग्रेस को इसे ही आजमाने की आदत -सी पड़ गयी है। पिता राजीव गांधी ने आंसुओं के बीच सहानुभूति की लहर पर नेतृत्व संभाला था, सो बेटे राहुल को भी सलाहकारों ने वही आसान नुस्खा सिखा दिया। पेशेवर लेखकों से भाषण लिखवाने की परंपरा कांग्रेस में पुरानी है। लगता है, उपाध्यक्ष बनने के बाद दिया गया राहुल का भाषण भी किसी ऐसे ही लेखक से लिखवाया गया होगा। वह भाषण कम, किसी नाटक की पटकथा ज्यादा नजर आया। वैसे तो कांग्रेस का यह चिंतन शिविर ही पूरा नाटकीय रहा, पर उस समय तो चाटुकारिता की हद ही हो गयी, जब राहुल बोले कि रात को मां उनके कमरे में आकर रोने लगीं और बोलीं कि सत्ता जहर है। हो सकता है, ऐसा हुआ हो। पर नेहरू परिवार की सत्तालिप्सा किसी से छिपी तो नहीं है। राहुल ने जब सोनिया के रोने की बात कही और अपनी दादी इंदिरा गांधी की उन्हीं के सुरक्षाकर्मिर्यों द्वारा हत्या का जिक्र किया तब तो मंचासीन कांग्रेसियों में आंसू बहाने की होड़-सी लग गयी। कोई राहुल को आंसू पोंछने के लिए अपना रूमाल दे रहा था तो कोई खुद अपने आंसू पोंछ रहा था। यह रुदन स्पर्धा कुछ ऐसी चली, मानो जिसकी आंख से आंसू नहीं टपके, उसे कांग्रेस से निकाल दिया जायेगा।

   दुश्मनों के दोस्त

  देश के दुश्मनों से कांग्रेस की दोस्ती नयी बात नहीं है। महासचिव दिग्विजय सिंह तो अरसे से आतंकवादियों से हमदर्दी जताते हुए राष्ट्रवादियों पर निशाना साधते रहे हैं। इसलिए अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को 'ओसामा जी' कहने वाले दिग्विजय के लश्कर -ए-तोयबा सरगना हाफिज सईद को भी 'सईद साहब' कहने पर ज्यादा आश्चर्य नहीं होता। लेकिन जयपुर के चिंतन शिविर में तो इस बेशर्म और खतरनाक खेल में देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल हो गये। आलाकमान को खुश करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की। राजनेताओं की वोट बैंक राजनीति का स्तर तो सभी को पता है, लेकिन देश का गृह मंत्री गैर जिम्मेदाराना बात कहे तो मामला गंभीर हो जाता है। स्वाभाविक ही इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई, तो दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और मणिशंकर अय्यर सरीखे 'दस जनपथ के रत्न' उनके समर्थन में भी आ गये। लेकिन अब इसी टिप्पणी को आधार बना कर हाफिज सईद और पाकिस्तान ने खुद को मुंबई पर आतंकी हमले के दोष से मुक्त करना चाहा तो कांग्रेस को समझ आया कि खेल कितना खतरनाक हो सकता है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने सफाई दी कि शिंदे के मुंह से अनजाने में ऐसा निकल गया होगा। हालांकि इस सफाई पर कोई नादान भी विश्वास नहीं करेगा, लेकिन एक क्षण के लिए कर भी ले तो यह सवाल अनुत्तरित है कि बिना सोचे-समझे बोलने वाला शख्स क्या देश का गृह मंत्री रहने लायक है?

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies