भारत की संसद पर जिहादी आतंकवादियों के हमले को 11 वर्ष पूरे हो गए, लेकिन इस जघन्य कृत्य का मुख्य आरोपी अफजल सर्वोच्च न्यायालय से फांसी की सजा मिलने के बाद भी देश के सुरक्षा तंत्र और न्यायिक प्रणाली को मुंह चिढ़ा रहा है और उस हमले में मारे गए सुरक्षा जवानों के दुखी परिजन अपने जांबाजों की शहादत की सरकारी अनदेखी से क्षुब्ध और अपमानित हैं, इतने कि इन शहीदों की बहादुरी का सम्मान करते हुए सरकार द्वारा दिए गए वीरता पदक भी वे राष्ट्रपति को लौटा चुके हैं। वास्तव में अफजल की फांसी को टालते रहना या उसे फांसी से बचाए रखने की वोट राजनीति की कोशिशें उन बलिदानियों का अपमान हैं। इस अपमान की पीड़ा ने ही कोसी (मथुरा) के शहीद घनश्याम पटेल की पत्नी सोमौती को उन शहीदों की याद में हर साल किए जाने वाले रस्मी सम्मान समारोह में आने से रोका और उसका यह कहना कि 'हत्यारे को फांसी आखिर क्यों नहीं दी जा रही' सरकार, विशेषकर इसका नेतृत्व करने वाली कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर एक तमाचा है, जिसने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रश्न को वोट राजनीति की चौखट पर बलि चढ़ा दिया है। कांग्रेस की कुत्सित मानसिकता का परिचय तो उसके एक केन्द्रीय मंत्री ने यह कहकर दे दिया है कि अफजल को फांसी की बजाय उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए। इस कथन से कांग्रेस की मंशा साफ हो जाती है कि वह किस कारण अफजल की फांसी की फाइल को दिल्ली व केन्द्र सरकार के बीच वर्षों से लटकाए हुए है।
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

भारत की संसद पर जिहादी आतंकवादियों के हमले को 11 वर्ष पूरे हो गए, लेकिन इस जघन्य कृत्य का मुख्य आरोपी अफजल सर्वोच्च न्यायालय से फांसी की सजा मिलने के बाद भी देश के सुरक्षा तंत्र और न्यायिक प्रणाली को मुंह चिढ़ा रहा है और उस हमले में मारे गए सुरक्षा जवानों के दुखी परिजन अपने जांबाजों की शहादत की सरकारी अनदेखी से क्षुब्ध और अपमानित हैं, इतने कि इन शहीदों की बहादुरी का सम्मान करते हुए सरकार द्वारा दिए गए वीरता पदक भी वे राष्ट्रपति को लौटा चुके हैं। वास्तव में अफजल की फांसी को टालते रहना या उसे फांसी से बचाए रखने की वोट राजनीति की कोशिशें उन बलिदानियों का अपमान हैं। इस अपमान की पीड़ा ने ही कोसी (मथुरा) के शहीद घनश्याम पटेल की पत्नी सोमौती को उन शहीदों की याद में हर साल किए जाने वाले रस्मी सम्मान समारोह में आने से रोका और उसका यह कहना कि 'हत्यारे को फांसी आखिर क्यों नहीं दी जा रही' सरकार, विशेषकर इसका नेतृत्व करने वाली कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर एक तमाचा है, जिसने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रश्न को वोट राजनीति की चौखट पर बलि चढ़ा दिया है। कांग्रेस की कुत्सित मानसिकता का परिचय तो उसके एक केन्द्रीय मंत्री ने यह कहकर दे दिया है कि अफजल को फांसी की बजाय उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए। इस कथन से कांग्रेस की मंशा साफ हो जाती है कि वह किस कारण अफजल की फांसी की फाइल को दिल्ली व केन्द्र सरकार के बीच वर्षों से लटकाए हुए है।

by
Dec 15, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अफजल की फांसी की फांस

दिंनाक: 15 Dec 2012 15:14:29

मुम्बई हमले के आरोपी अजमल कसाब को अचानक फांसी दिए जाने की खबर ने जहां देशवासियों को आश्चर्यजनक खुशी दी, वहीं 'अफजल की फांसी कब?' जैसा सवाल भी उनके अंतर्मन को कचोट रहा था, क्योंकि भारत की संप्रभुता की प्रतीक संसद पर हमले का आरोपी अफजल देश की सुरक्षा में सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा प्रतीक बनकर जेल में बिरियानी उड़ा रहा है और सरकार कानूनी प्रक्रिया के बहाने देशवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। शायद इसीलिए सरकार की साख बचाने हेतु पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री ने घोषणा की कि मौजूदा संसद सत्र के बाद अफजल की फांसी पर फैसला होगा, उन्होंने 'फांसी दी जाएगी' नहीं कहा। 'फांसी पर फैसला होगा' के तो कई अर्थ हैं, जिनमें से एक का संकेत बेनी प्रसाद वर्मा ने उम्रकैद की बात कहकर दे दिया है कि वोट राजनीति के दबाव में अफजल को फांसी से बचाने की कहीं कोई खिचड़ी पक रही है। राष्ट्रपति द्वारा अफजल की दया याचिका गृह मंत्रालय को वापस कर दिए जाने के बाद भी सरकार इस मामले पर कानून मंत्रालय की राय मांग रही है, जबकि 3-3 अदालतों, यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी उसकी फांसी पर मुहर लगा दी है। अब भी कानून मंत्रालय की राय मांगना क्या हमारी न्यायिक प्रणाली, विशेषकर सर्वोच्च न्यायालय का मखौल नहीं है? इसका सीधा अर्थ है कि सरकार अपने राजनीतिक हितों के मद्देनजर अफजल को फांसी पर लटकाने के बजाय फांसी की सजा को ही लटकाने पर आमादा है और वह अफजल की फांसी के लिए तैयार नहीं है। अफजल की फांसी को लेकर जम्मू-कश्मीर में जिस तरह की राजनीति सामने आई और मुख्यमंत्री तक ने ऐसा होने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने का डर दिखाया, उससे साफ है कि कांग्रेस वोट के लिए अलगाववादियों व देशद्रोहियों के सामने समर्पण कर चुकी है और वह अपनी सत्ता के लिए देशहित को दरकिनार कर कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। लेकिन भारत की देशभक्त जनता के सीने में फंसी अफजल की फांसी की फांस उसे बेचैन किए हुए है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies