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'फोरम फार इन्टीग्रेटिड नेशनल सिक्युरिटी (फिन्स) के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम 'सरहद को प्रणाम' का गत 23 नवंबर को समापन हो गया। समापन पर देश के विभिन्न राज्यों से भारत की थल सीमा पर पहंुचे हजारों युवाओं ने सीमा को अखण्ड बनाये रखने की शपथ ली।
कार्यक्रम के समापन पर 'फिन्स' द्वारा दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारतीय सीमा की इस यात्रा में संकल्प लिया गया कि अब देश की एक-एक इंच भूमि की विदेशी अतिक्रमण से रक्षा की जाएगी तथा देश की सीमाओं को अखंडित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमाओं पर बनाए गए कैम्पों में मुलाकात के दौरान देशभर से गए युवाओं ने वहां के स्थानीय निवासियों व सैनिकों को रक्षा-सूत्र बांधे। साथ ही युवाओं ने अपने साथ लेकर गए क्षेत्र की नदियों, तालाबों के जल से सीमा का जलाभिषेक भी किया।
'सरहद को प्रणाम' कार्यक्रम का विवरण देते हुए फिन्स के उपाध्यक्ष ले. जनरल (से.नि.) वी.एम. पाटिल और जस्टिस (से.नि.) वी. एस. कोकजे ने बताया कि भारत की सम्पूर्ण जमीनी सीमा 15106.7 कि.मी. पर देश के प्रत्येक जिले से नवयुवकों की टोलियां 20 नवम्बर को पहुंचीं। सीमा पर कार्यक्रम के मद्देनजर बनाई गई अलग-अलग 469 चौकियों पर युवा एकत्र हुए। इससे पूर्व 19 नवम्बर को देश की सीमा से जुड़े हुए जिलों में बनाए गए 88 आधार शिविरों पर सभी युवाओं का एकत्रीकरण हुआ। 21 व 22 नवंबर को इन टोलियों ने सीमा का दर्शन-वंदन किया। इस दौरान युवाओं ने वहां बसे लोगों व तैनात सैनिकों से मुलाकात की। कार्यक्रम में आकर्षण का बिन्दु 22 नवम्बर को ठीक 11 बजे तब देखने को मिला जब सीमा पर गए युवाओं ने वहां तैनात सैनिकों व स्थानीय जनता के साथ मानव श्रंृखला बनाई। इसे 'सीमा रक्षा श्रृंखला' का नाम दिया।
उन्होंने कहा कि सीमा की पवित्र माटी लेकर लौट रहे ये युवा अपने-अपने स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा अपने साथियों का पवित्र माटी से तिलक कर देश की एकता, अखण्डता व समृद्धि का संदेश देंगे।प्रतिनिधि
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