सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
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सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान द्वारा रंगारंग 'शिवोत्सव कलापर्व 2012' का आयोजन
सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के रजत जयंती वर्ष का रंगारंग समापन
विद्या भारती से संबद्ध संस्था सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के तत्वावधान में गत दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तीन दिवसीय 'शिवोत्सव कलापर्व 2012' धूमधाम से संपन्न हुआ। प्रतिष्ठान के इस सांस्कृतिक आयोजन में मध्यभारत प्रांत के करीब 250 सरस्वती शिशु मंदिरों ने सहभागिता की। साथ ही देशभर के अनेक प्रतिष्ठित कलाकारों ने भी भाग लिया। आयोजन प्रतिष्ठान के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया।
कलापर्व का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त चक्रधर, सह क्षेत्र प्रचारक श्री अरुण जैन, प्रसिद्ध चाणक्य धारावाहिक के निर्माता-निर्देशक डा. चंद्र प्रकाश द्विवेदी, विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. गोविंद प्रसाद शर्मा सहित कला क्षेत्र से जुड़े अनेक प्रसिद्ध कलाकार भी उपस्थित थे। उद्घाटन कार्यक्रम से पूर्व 5 विधाओं की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सरस्वती शिशु मंदिरों के छात्रों को विषय विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने छात्रों को विषय की बारीकियों को बहुत ही सहजता से समझाया।
सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन में सरस्वती शिशु मंदिरों के छात्रों ने महानाट्य, लघुनाट्य, नृत्य, काव्य, गायन एवं वाद्यवृंद आदि कार्यक्रमों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं। रंगारंग कार्यक्रमों के लिए कुल 9 मंचों का निर्माण कराया गया जिन पर सभी कार्यक्रम सम्पन्न हुए। मंचों का नाम भगवान शिव के नामों- वीरभद्र, पिनाकी, नटराज, भुजंगभूषण, कुसुमाकर, त्रिपुरांतक, चारूविक्रम, मृत्युंजय, महादेव था। कुल 18 महानाट्य, 46 लघुनाट्य, तथा 50 समूह नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां हुईं। इन प्रस्तुतियों को समारोह में अलग-अलग समय पर उपस्थित हुए लोगों ने हृदय से सराहा। समारोह में मलखम्भ की भी आकर्षक प्रस्तुतियां हुईं।
शिवात्सव कलापर्व का समापन समारोह तो यादगार ही बन गया। 500 छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया सामूहिक महानृत्य एवं 500 छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गये वाद्यवृंद ने समारोह में हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। समारोह में शाम 6 बजे से लेकर रात 12.30 बजे तक लगातार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। कार्यक्रम में देशभर के प्रसिद्ध कलाकारों- ठुमरी गायिका डा. कुमुद दीवान, ख्याल गायिका श्रीमती मधुलिका दत्ता, कथक नृत्यांगना सुश्री अनुराधा सिंह, ध्रुपद गायक श्री अफजल हुसैन, भजन गायक गुन्देवा बंधु, निर्माता-निर्देशक डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी आदि ने अपनी आकर्षक प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जनमानस का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के अंत में समारोह के अतिथियों ने कलाकारों को शॉल, श्रीफल एवं शिवोत्सव पर्व का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। समारोह में करीब 30 हजार लोगों की गरिमामयी उपस्थित रही। |
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