|
हमने (मैंने और साहनी जी ने) वर्षों तक साथ-साथ काम किया, खासकर दिल्ली महानगर परिषद् में। नियमानुसार चलने की अपनी आदर्शवादिता के कारण होने वाली आलोचनाओं से मैंने कभी उन्हें आहत होते नहीं देखा। ढेरों संस्मरण हैं, पर यहां एक ही प्रसंग का उल्लेख उनके व्यक्तित्व को पूर्णरूप से व्यक्त करने वाला होगा। एक प्रमुख कार्यकर्ता देवप्रकाश शास्त्री जी ने एक को-आपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनायी और उसमें मैं, साहनी जी, आडवाणी जी आदि भी सदस्य बने। प्रीत विहार (दिल्ली) में उस सोसाइटी को कम दामों पर जमीन भी मिल गई। बाद में चुनाव हुए, जनसंघ जीता और हम सत्तारूढ़ हुए। इसी क्रम में मैं महानगर परिषद् का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बना और साहनी जी दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष। हमारे सामने एक फाइल आयी जिसमें देवप्रकाश शास्त्री जी की उस सोसाइटी को कुछ और जमीन दी जानी थी। जमीन वहां थी भी, नियमानुसार दी भी जा सकती थी, कोई नियम विरुद्ध कार्य नहीं किया जाना था। पर साहनी जी ने कहा कि वे पहले उस कोआपरेटिव सोसाइटी की सदस्यता से त्यागपत्र देंगे तभी जमीन आवंटित करने का आदेश देंगे। अन्यथा कोई भी कह सकता है कि उस सोसाइटी को जमीन इसलिए दी गई क्योंकि वे स्वयं उसके सदस्य थे। सदस्यता छोड़ने के बाद भले ही उस सोसाइटी के फ्लैटों की कीमत करोड़ों रु. में हो गई, पर उसका उन्हें कभी मलाल नहीं रहा। उन्होंने दिल्ली नगर निगम के पूर्व सदस्य होने के नाते मिलने वाली पेंशन भी कभी नहीं ली। हम उनसे कहते थे कि 'ले लो, भले ही दान कर देना।' पर वे कहते थे कि वह सब तो उन्होंने समाज सेवा के अपने दायित्व के चलते किया, उसकी 'पेंशन' क्या लेना?
3 अक्तूबर की प्रात: दिल्ली के बत्रा अस्पताल में अंतिम श्वास लेने के पश्चात स्व. केदारनाथ साहनी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्री लालकृष्ण आडवाणी, विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित दिल्ली में उपस्थित सभी वरिष्ठ भाजपा नेता व संघ विचार परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता पहुंचे। अगले दिन (4 अक्तूबर) स्व. साहनी की पार्थिव देह को भाजपा मुख्यालय (11 अशोक रोड) में अपराह्न 1 बजे से 3 बजे तक अंतिम दर्शनार्थ रखा गया, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसी दिन सायंकाल 6 बजे उनका अंतिम संस्कार लोदी रोड स्थित मोक्षभूमि में किया गया, जहां संघ विचार परिवार के अनेक वरिष्ठ नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। स्व. साहनी के निधन पर दिल्ली सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया तथा दिल्ली नगर निगम के तीनों क्षेत्रों में भी अवकाश रखा गया।
भारत प्रकाशन परिवार की ओर से अपने पूर्व प्रबंध निदेशक को भावपूर्ण श्रद्धाञ्जलि।
टिप्पणियाँ