बंद हुई बोलती
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बंद हुई बोलती

by
Oct 6, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बंद हुई बोलती

दिंनाक: 06 Oct 2012 14:35:30

   समदर्शी 

बात बेलाग

एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये के टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर 'कैग' से लेकर न्यायपालिका तक की लताड़ से बेनकाब मनमोहन सिंह सरकार ने राष्ट्रपति संदर्भ के जरिये सर्वोच्च न्यायालय से राय मांगी कि क्या प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के लिए नीलामी ही एकमात्र विकल्प है? मामला नीयत का था, पर सरकार ने बड़े ही शातिराना अंदाज में उसे नीतिगत प्रश्न बना कर पूछा। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने भी संविधान के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए जवाब दिया कि देश के राजस्व की दृष्टि से नीलामी निश्चय ही सर्वश्रेष्ठ जरिया है, लेकिन जनहित में अन्य प्रक्रियाओं से प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन को असंवैधानिक हरगिज नहीं कहा जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय की यह राय आते ही सरकार के मंसूबे भी बेनकाब हो गये, जब मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रियों और सोनिया पार्टी के नेताओं में यह राग अलापने की होड़ लग गयी कि टू जी स्पेक्ट्रम से लेकर कोयला खानों तक अपने चहेतों को बंदरबांट के जरिये देश के राजस्व को  साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का चूना लगाने का फैसला और तरीका सही था। कांग्रेसियों के मुकदमे लड़ते-लड़ते अचानक खुद बड़े नेता बन गये एक मंत्री, जो टू जी में 'शूून्य क्षति की थ्योरी' दे कर आलोचना और उपहास के पात्र बने थे, से जब पत्रकारों ने पूछा, तो क्या आपकी थ्योरी सही थी? वे रहस्यमयी मुस्कान के साथ बोले: 'वे शब्द तो नहीं दोहराऊंगा, पर समझने वाले सब समझ गये हैं और जो न समझे वह…'। देश की सर्वोच्च अदालत की इस राय के साथ ही संवैधानिक संस्था 'कैग' एक बार फिर कांग्रेसियों के निशाने पर आ गयी यानी जिसने सरकारी खजाने की लूट का पर्दाफाश किया, उलटे उसे ही कठघरे में खड़ा कर दिया गया, पर कांग्रेसियों का जोश जल्दी ही ठंडा पड़ गया, जब एक जनहित याचिका खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने दो टूक टिप्पणी की कि 'कैग' को सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन के आकलन का संवैधानिक जनादेश हासिल है, 'कैग' को महज मुनीम समझने की गलतफहमी नहीं पाल लेनी चाहिए। इसके बाद, कम से कम,  इस मुद्दे पर तो कांग्रेसियों की बोलती बंद है।

लूट की छूट

स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े घोटाले कोयला खान आवंटन की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, यह सच भी बेनकाब होने लगा है कि दरअसल लूट की उस खुली छूट में सभी को सब कुछ पता था और सब कुछ सुनियोजित ढंग से हुआ था। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्वकाल में, जब उनके पास कोयला मंत्रालय भी रहा, कोयला खानों का आवंटन जिस रफ्तार से किया गया, वह अपने आपमें बहुत कुछ कह देता है। इससे पहले पूरे साल में एक-दो कोयला खान ही आवंटित की जाती थी, लेकिन मनमोहन राज में तो एक-एक दिन में 41 कंपनियों को कोयला खानें बांट दी गयीं। वैसे खोजबीन की जाये तो कोयला खान आवंटन की यह रफ्तार विश्व कीर्तिमान भी हो सकती है। यह कीर्तिमान बनाया मनमोहन सिंह के अधीन कोयला राज्य मंत्री रहे दसारी नारायण राव ने। उन्होंने 13 जनवरी , 2006 को यह कारनामा किया। उनकी यह कारगुजारी तब और भी अर्थपूर्ण हो जाती है, जब यह पता चलता है कि 29 जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन पुन: कोयला मंत्री बन गये  थे, यानी कोयला मंत्रालय हाथ से निकलने से पहले ही पूरे खेल को अंजाम दिया गया। अब यह समझना तो मुश्किल नहीं होना चाहिए कि मंत्री और मंत्रालय बदलने की जानकारी पहले से किस-किस को रही होगी? लूट की छूट का ऐसा ही दूसरा उदाहरण संतोष बागरोडिया ने पेश किया। इस उद्योगपति के कोयला राज्य मंत्री रहते 11 कोयला खानें आवंटित की गयीं, जिनमें उनके अपने परिवार को मिली खान भी शामिल है।

किराये के 'किसान'

बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी के विरुद्ध विपक्ष ही नहीं, सरकार के सहयोगी और समर्थक भी उद्वेलित नजर आ रहे हैं। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तो संप्रग और सरकार से बाहर ही आ गयी, जबकि द्रमुक और समाजवादी पार्टी ने विरोध में आयोजित भारत बंद का समर्थन किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में प्रदर्शन कर चेतावनी भी दे दी कि वह इस सरकार के विरुद्ध किसी भी हद तक जायेंगी और जरूरत पड़ी तो संसद के आगामी सत्र में अविश्वास प्रस्ताव भी लायेंगी। बेशक, सरकार की धड़कनें तेज हैं, पर दरबारी सक्रिय हो गये हैं। इसी सक्रियता के परिणामस्वरूप हरियाणा से कुछ किराये के 'किसान' इस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले पर सोनिया पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी का 'आभार' जताने दस, जनपथ भेजे गये। जाहिर है, अपनी राजनीति चमकाने के लिए इन किराये के 'किसानों' का इंतजाम करने वाले नेता भी उनके साथ दरबार में पहुंचे। इन 'किसानों' की पूरी पहचान तो अभी होनी बाकी है, पर सच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोनिया को दिये गये ज्ञापन पर कुल 13  हस्ताक्षरों में से 10 अंग्रेजी में किये गये हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies