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केन्द्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के विरुद्ध 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' का प्रदर्शन
छात्रों पर पुलिस ने दिखाई बर्बरता
यूथ अगेंस्ट करप्शन के तत्वावधान में गत 8 सितंबर को महाराष्ट्र के गोंदिया में भारत सरकार में मंत्री प्रफुल्ल पटेल के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रो पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करते हुये सभी को गिरफ्तार कर लिया। करीब 3000 छात्रों व युवाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
मध्य प्रदेश के रजगांव से पदयात्रा करते हुये 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' के राष्ट्रीय सह संयोजक श्री विष्णु दत्त शर्मा, अभाविप प्रांत मंत्री श्री उपेन्द्र धाकड़, सुश्री अश्विनी परांजपे के नेतृत्व में लगभग 1000 से अधिक छात्र एवं युवा गोंदिया पहुंचे जहां उन्हें रोका गया, फिर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करते हुये गिरफ्तार करके पुलिस मुख्यालय ले जाया गया। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ से अभाविप के अखिल भारतीय जनजाति कार्य प्रमुख श्री प्रफुल्ल आकांत व अभाविप प्रांत मंत्री श्री राजू महंत के नेतृत्व में गोंदिया पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को फूलसिंग़री चौराहे पर लाठीचार्ज करते हुये पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद विदर्भ प्रांत के छात्रों व युवाओं का समूह अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री श्री सुरेन्द्र नाइक के नेतृत्व में गोंदिया पहुंचा जिन्हें रेलवे स्टेशन के पास ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के इतने बड़े दमनचक्र के बाद भी 100 से अधिक छात्र व युवा कार्यकर्ता अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री श्री रवि भगत, सुश्री कृति पटेल एवं अभाविप के पश्चिम क्षेत्र संगठन मंत्री श्री संजय पाचपोर के नेतृत्व में प्रफुल्ल पटेल के कार्यालय के सामने निर्धारित विरोध स्थल पर पहुंच गये। यहां पुलिस ने सभी छात्रों व युवाओं पर लाठीचार्ज किया।
इस संबंध में 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' के राष्ट्रीय सह संयोजक श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि पुलिस भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के स्थान पर उनकी सुरक्षा कर रही है तथा भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले निर्दोष छात्रों व युवाओं पर बेरहमी से लाठीचार्ज कर अत्याचार कर रही है। यह अत्यंत निंदनीय कृत्य है। उन्होंने कहा कि इस दमनकारी एवं अमानवीय लाठीचार्ज से देश का युवा डरने वाला नहीं है। इस आंदोलन को आगे ले जाते हुये कोयला घोटाले एवं दिल्ली एयरपोर्ट भूमि घोटाले में शामिल सभी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध तीव्र विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। श्री विष्णुदत्त शर्मा ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अब छात्रों व युवाओं को भ्रष्टाचार के विरुद्ध सीधा संघर्ष करने हेतु मौन तोड़कर हल्ला बोलना होगा तभी देश में भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाया जा सकेगा। प्रतिनिधि
चीन के तुष्टीकरण में लगी है भारत सरकार
–डा. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, कार्यकारी अध्यक्ष, भारत–तिब्बत सहयोग मंच
'चीन भारत को अपना शत्रु देश मानता है, लेकिन भारत सरकार अभी भी चीन के तुष्टीकरण के काम में लगी हुई है। यदि चीन के तुष्टीकरण से ही हिमालय पर चीन का खतरा टल सकता, तो 1962 में चीन का आक्रमण न हुआ होता। क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू से ज्यादा किसी ने चीन का तुष्टीकरण नहीं किया'। उपरोक्त विचार भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने व्यक्त किये। वे विगत दिनों एक सप्ताह के लिए मणिपुर व असम के प्रवास पर थे।
इंफाल में सेवा भारती द्वारा 'चीन के खतरे' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि चीन को प्रसन्न करने के लिए पंडित नेहरू ने तिब्बत की बलि दे दी। जबकि सरदार पटेल ने चीन के तुष्टीकरण की इस नीति के प्रति समय रहते चेतावनी दे दी थी।
असम के नलवाड़ी नगर में शुक्लेश्वर मेधी स्मृति व्याख्यानमाला में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि भारत ने 1950 में ही तिब्बत की रक्षा की होती तो आज हमारे उत्तरी सीमांत पर 'ड्रैगन' की नजरें न लगी होतीं और न ही हमें हजारों मील जमीन 1962 में चीन के हाथों गंवानी पड़ती।
बंगलादेश की सीमा से लगे धुबड़ी में चीन के बढ़ते खतरों के प्रति सचेत करते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि चीन भारत की घेराबंदी करने का प्रयास कर रहा है। इस दृष्टि से उसने पाकिस्तान को सहायता देनी शुरू कर दी है। बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान ने एक प्रकार से चीन के हवाले ही कर दिया है।
गुवाहाटी के पांडु कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह में बोलते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी ने कहा था 'भारत सरकार ने तिब्बत के साथ विश्वासघात किया है। इसका प्रायश्चित यही है कि भारत तिब्बत की स्वतंत्रता में सहायता करे'।
तेजपुर में माधव स्मृति संस्कृति सेवा न्यास की ओर से 1962 के शहीदों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि भारतीय संसद ने 1962 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आज से 50 साल पहले संकल्प लिया था 'हम किसी भी तरीके से चीन के कब्जे में गई एक-एक इंच भूमि को मुक्त करवायेंगे' लेकिन दुर्भाग्य से उस भूमि की मुक्ति के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।प्रतिनिधि
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