कर्मों की सुगंध
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श्वेत क्रांति के थे जनक, कुरियन जिनका नाम
आखिर वे भी चल दिये, परमेश्वर के धाम।
परमेश्वर के धाम, स्वप्न को सत्य बनाया
कठिन राह सहकार, मगर उसको अपनाया।
कह 'प्रशांत' गुड़िया अमूल की याद करेगी
बहुत दूर तक कर्मों की सुगंध जाएगी
-प्रशांत
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