भारत के चावल चीन को
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

भारत के चावल चीन को

by
Jun 23, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के चावल चीन को-आलोक गोस्वामी

दिंनाक: 23 Jun 2012 14:40:45

अभी 20 जून को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ब्राजील में 'रियो-20' पर्यावरण शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के प्रधानमंत्री वेन जिया बाओ से भी मिल लिए। दोनों ने हाथ मिलाए, फोटो खिंचाए और बड़ी गंभीर मुद्रा बनाते हुए दोनों देशों के बीच घटते कारोबारी रिश्ते पर चिंता जताई। दोनों ठहरे आखिर चोटी की एशियाई अर्थव्यवस्थाएं सो तय पाया गया कि 2015 तक दोतरफा कारोबार 100 अरब डालर तक पहुंचा दिया जाएगा। चीन ने भारत को अपने यहां चावल भेजने की इजाजत दे दी। लगे हाथों वेन ने भारत के ढांचागत क्षेत्र में चीनी निवेश करवाने का भी वायदा कर डाला। वैसे, ध्यान रहे, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी चीन ढांचागत सहायता दे रहा है और इस आड़ में उसने अपने 11 हजार सैनिक वहां जमा दिए हैं। इतना ही नहीं, दोनों नेता सुरक्षा, नौवहन वगैरह मामलों में भी अफसरों के बीच आधिकारिक बातचीत कराने को राजी हुए हैं। चीन के जानकारों का कहना है कि उस देश के बड़ा दिल दिखाने के पीछे की रणनीति पर भारत के नीतिकारों को ध्यान देना चाहिए। मुद्दा मुद्दे तक ही रहे तो बेहतर है।

पाकिस्तान की अजब कहानी
अदालत ने कुर्सी से हटाए गिलानी

मजहब के नाम पर पाकिस्तान बनाने वाले जिन्ना ने शायद तब ये सोचा न होगा कि महज 65 साल में ही वहां इतनी सिर-फुटौव्वल मचेगी कि सब चरमराकर ढहने लगेगा। पाकिस्तान के मौजूदा सियासी हालात अगर इसी तरह के बने रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इसका कोई नामलेवा ही न बचे। वहां की सबसे बड़ी अदालत ने देश के सियासी गलियारों को अपने ताजा फरमान से इस कदर हिला दिया कि नौबत 36 सी बन आई है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी के बेटे अर्सलान पर करोड़ों की घूस खाने का आरोप लगाकर जहां पाकिस्तान का 12वें नंबर का रईस, मलिक रियाज रातोंरात सुर्खियों में आ गया वहीं अर्सलान पर चलने वाले मुकदमे की सुनवाई से चौधरी ने खुद को खण्डपीठ से हटाने के दबाव के चलते अपना नाम अलग कर लिया। सियासी नेताओं को अपना पलड़ा भारी दिखने लगा। लेकिन इस बीच जब 19 जून को तस्वीरों के साथ सनसनीखेज खुलासा हुआ कि गिलानी के बेटे के इशारों पर एक टेलीविजन चैनल ने रियाज को पट्टी पढ़ाकर इंटरव्यू दिलाया था, तो अदालत का पैंतरा बदलना स्वाभाविक था। फिर क्या था, गिलानी के खिलाफ चंद लाइनों का फरमान सुना दिया गया कि मजलिसे-शूरा (संसद)) के सदस्य के नाते वे 'अयोग्य' पाए जाते हैं, लिहाजा 26 अप्रैल (जब अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराते हुए दिखावटी सजा दी थी) से आगे वह प्रधानमंत्री की कुर्सी के जायज हकदार नहीं रहे। इसके फौरन बाद वहां के चुनाव आयोग ने सूची के उनका नाम हटा दिया। गिलानी के मंत्रियों ने भी अपने पद त्याग दिए। बताते हैं, इसी दिन रात के अंधेरे में गिलानी बिना पाकिस्तानी झंडा लगी कार से प्रधानमंत्री निवास छोड़कर चले गए। माना जाता था कि उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी उनके साथ खड़ी है, पर वह भी अदालती फैसले को सिर-माथे रखकर प्रधानमंत्री बनाने को नए नेता पर चर्चा करने में जुट गई। राष्ट्रपति जरदारी ने मख्दूम शहाबुद्दीन का नाम तय किया, पर उन पर भी एक पुराने मामले में 21 जून को गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया। अटकलों का सिलसिला राजा परवेज अशरफ पर टिकता दिख रहा है। पर अजब कहानी का छोर अब भी नजर से   दूर है।

पाकिस्तान में जिहादियों का फरमान

कोई पोलियो–वोलियो नहीं

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी कबीलाई इलाके में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिहादियों को मनाने में जुटे हैं कि पोलियो की दवा पिलाने के अभियान पर लगायी पाबंदी हटा लें। लेकिन जिहादी तत्व अमरीकी ड्रोन हमलों के विरोध के अपने इस पैंतरे से डिगने को राजी नहीं हो रहे। तालिबान और अल कायदा के गुर्गों से पटे इस इलाके के जिहादी कमांडर हाफिज गुल बहादुर ने कह दिया है- 'कोई पोलियो-वोलियो नहीं चाहिए। जब तक कबीलाई इलाकों पर ड्रोन की बमबारी नहीं रुकती, तब तक पाबंदी लगी रहेगी।' अधिकारी कहते हैं कि इलाके के 161,000 बच्चों की खातिर पोलियो की दवा पिलाने की इजाजत दे दी जाए। अफगानिस्तान और नाइजीरिया के साथ ही पाकिस्तान भी पोलियो के खतरे में जकड़ा देश है।

जीत 'मुस्लिम…' की, ताकत फौज की

इजिप्ट के राष्ट्रपति चुनाव में आखिरकार 'मुस्लिम ब्रदरहुड' बाजी मार गया। कांटे की टक्कर में ब्रदरहुड के मोहम्मद मुरसी आगे निकल गए और उन्होंने जीत का दावा ठोंक दिया। पूर्व तानाशाह राष्ट्रपति हुसनी मुबारक के सत्ता से बाहर होने के बाद फौजी हुक्मरानों की देख- रेख में ये चुनाव हुए थे। पर फौज ने भी तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच ऐसा दांव चला कि भले मुरसी राष्ट्रपति बन जाएं, पर सत्ता की ज्यादातर कमान फौजी अधिकारियों के हाथ में ही रहे। दो जनरलों ने हालांकि घोषणा कर दी है कि 30 जून को नए राष्ट्रपति को सत्ता सौंप दी जाएगी और उनके हाथ में 'पूरी ताकत' होगी।

अरबी जगत के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में राष्ट्रपति पद पर पहली बार कोई इस्लामवादी बैठेगा। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि फौज इतनी आसानी से हुकूमती ताकत अपने साथ से जाने नहीं देगी। अगर वह ऐसा करेगी भी तो इस्लामवादियों और सेकुलर विपक्ष से बातचीत कर, अपने हित सुरक्षित करके ही करेगी। उधर मुरसी की टक्कर में चुनाव लड़े हुसनी मुबारक के काल में प्रधानमंत्री रहे वहां के पूर्व वायुसेना अध्यक्ष अहमद शफीक ने मुरसी की जीत पर विवाद खड़ा कर दिया है। वैसे इजिप्ट के 27 सूबों के वोटों की गिनती में मुरसी को 51 फीसदी वोट पड़े जबकि शफीक 49 फीसदी पर अटक गए। इजिप्टवासियों को यह चिंता सताए थी कि कहीं शफीक जीत गए तो वह हुसनी युग फिर से लौट आएगा, जिसके खिलाफ तहरीर चौक पर वहां के नागरिकों ने लगातार प्रदर्शन करके देश-दुनिया को हिलाए रखा था। लेकिन जीत के बाद मुरसी के चाहने वालों ने उसी तहरीर चौक पर इकट्ठे होकर जश्न मनाया। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies