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उनके विचारों में छिपे हैं वर्तमान अर्थव्यवस्था के विकल्प
'क्या आज भारत एवं विश्व की अर्थव्यवस्था एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है? वैश्वीकरण एवं बाजार को प्रधानता देने वाली आज की मुक्त अर्थव्यवस्था ने मानवीय संवेदना को संवेदनशून्य बना दिया है? क्या मानवीय संबंधों को भी बाजार की परिभाषा में परिभाषित कर दिया है? आज की अर्थव्यवस्था से उत्पन्न प्रश्नों से चिंतित विश्व के अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री कुछ विकल्प खोजने की कोशिश में लगे हैं। ऐसी स्थिति में स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी ने जो विचार समय-समय पर व्यक्त किए उनके आधार पर आज की बाजार प्रधान अर्थव्यवस्था से निर्माण हुए प्रश्नों के स्थायी समाधान खोजे जा सकते हैं'। उक्त विचार गत दिनों स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी स्मृति प्रतिष्ठान, नागपुर द्वारा अमरावती में सम्पन्न हुए दो दिवसीय परिसंवाद में विद्वानांे ने व्यक्त किए।
दो दिवसीय परिसंवाद के विषय थे 'वर्तमान आर्थिक स्थिति के संदर्भ में पर्यायी अर्थव्यवस्था की खोज' और 'भारत के श्रमिक आंदोलन के बदलते संदर्भ'। परिसंवाद का उद्घाटन संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मोहन खेड़कर द्वारा किया गया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सदाशिवरा देवधर और प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री योगानंद काले भी उपस्थित थे।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख प्रो. अनिरुद्ध देशपांडे ने कहा कि स्व. ठेंगड़ी जी ने जो आर्थिक विचार दिए उनका मूल एकात्म मानव दर्शन में है।
परिसंवाद के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध चिंतक श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि स्व. ठेंगड़ी जी का जीवन अलौकिक था। वे शाश्वत, सनातन परम्परा के प्रतिनिधि थे और उन्होंने अपना सारा जीवन मातृभूमि की सेवा में समर्पित कर दिया। ठेंगड़ी जी मानते थे कि नि:स्वार्थ स्नेह अपने कार्य का आधार है। उनके जीवन में यह नि:स्वार्थ स्नेह देखने को भी मिला। परिसंवाद में 200 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया। सुषमा पाचपोर
रा.स्व.संघ के पश्चिमबंग प्रांत की 'वेबसाइट' का उद्घाटन
स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में उतारना ही सच्ची श्रद्धाञ्जलि
–मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
गत 14 मई को रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने संघ के पश्चिमबंग प्रांत की 'वेबसाइट' (www.rssbangla.com)EòÉ उद्घाटन किया। संघ के कोलकाता स्थित कार्यालय में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में संघ के विदेश विभाग के सह संयोजक श्री सदानंद सप्रे, क्षेत्र संघचालक श्री रणेन्द्रलाल बंद्योपाध्याय एवं सह प्रांत प्रचारक श्री विद्युत मुखोपाध्याय भी उपस्थित थे।
वेबसाइट का उद्घाटन करने के पश्चात श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि देशभर में अनेक संस्थाएं स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाएंगी। परन्तु संघ ऐसे महान संत की सार्धशती अलग ढंग से मनाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वामी विवेकानंद के विचारों का स्मरण करने मात्र से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन विचारों को अपने दैनन्दिन आचरण में उतारना होगा। यही उस महान संत को सच्ची श्रद्धाञ्जलि होगी। इस दृष्टि से अंतरताने (वेबसाइट) का उद्घाटन और जनवरी, 2013 में होने वाला 'विवेकानंद युवा शिविर' एक सार्थक पहल है।
श्री भागवत ने कहा कि स्वामीजी के कारण पराधीन भारत का सम्मान बढ़ा, अमरीका जाकर उन्होंने हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता प्रतिपादित की। वे भारतीयों के दारिद्र्य, अज्ञान, अशिक्षा और शोषण के कारण दुखी थे। इस अवसर पर श्री भागवत ने 'विवेकानंद युवा शिविर' की सफलता के लिए उपस्थित कार्यकर्ताओं को बधाई दी।बासुदेब पाल
कोलकाता में आचार्य विष्णुकांत शास्त्री स्मृति व्याख्यानमाला
'नेता, प्रशासक एवं व्यापारियों के त्रिकोण से त्रस्त देश के समक्ष संत साहित्य की चर्चा करना बड़ा कठिन है। आज का आदमी हवा के हवाले हो गया है, वह दिशाहीन है। ऐसे में संतों की जीवन दृष्टि एवं अनुशासन से ही मूर्छित होती प्रज्ञा को बचाया जा सकता है। देश की वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में संतों की लोकहितकारी दृष्टि पूर्णतया समर्थ है'। उक्त विचार प्रख्यात शिक्षा शास्त्री एवं चिंतक डा. देवेन्द्र दीपक के हैं। वे गत दिनों कोलकाता में श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा आयोजित आचार्य विष्णुकांत शास्त्री व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. रामेश्वर मिश्र ने की। स्वागत उद्बोधन पुस्तकालय के अध्यक्ष डा. प्रेम शंकर त्रिपाठी ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया श्री जुगलकिशोर जैथलिया ने। प्रतिनिधि
मीडिया में भारतीय दृष्टिकोण की जरूरत
प्रेम कुमार धूमल, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
विश्व संवाद केंद्र, शिमला द्वारा गत दिनों आदि पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती के उपलक्ष्य में पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित किया। इसमें वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रकाश चंद लोहमी, महिला पत्रकार श्रीमती पूनम भारद्वाज, युवा पत्रकार श्री निकुंज सूद, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार श्री राकेश कुमार शर्मा, छाया पत्रकार श्री अमित कंवर को प्रशस्ति पत्र तथा स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि पत्रकारिता एक बडे उद्देश्य की प्राप्ति का माध्यम था जिसमें ध्येय निहित होता था, किन्तु वर्तमान में पत्रकारिता में व्यावसायिकता निहित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। कार्यक्रम को रा.स्व.संघ के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र कुमार ने भी संबोधित किया। प्रतिनिधि
'देश विभाजन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी' लोकार्पित
गत 11 मई को नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीटयूशन क्लब में 'देश विभाजन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी' पुस्तक का लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। बहुभाषी संवाद समिति हिन्दुस्थान समाचार द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के लेखक डा. दिनेश चंद्र सिन्हा हैं। मूल रूप से यह पुस्तक बंगला भाषा में है, जिसका हिन्दी में अनुवाद श्रीमती वंदना चौधरी ने किया है। पुस्तक का लोकार्पण भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह, पूर्व राज्यपाल श्री केदारनाथ साहनी एवं रा.स्व.संघ के अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार ने संयुक्त रूप से किया। प्रतिनिधि
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