Panchjanya
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

by
Mar 31, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देश को कहां ले जाएंगेकाजमी के कारिन्दे?

दिंनाक: 31 Mar 2012 16:52:25

देश को कहां ले जाएंगे

काजमी के कारिन्दे?

अरुण कुमार सिंह

दिल्ली के बटला हाउस में पुलिस और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ को फर्जी बताने वालों और आजमगढ़ के संजरपुर (यहां के अनेक युवक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं) में जाकर कट्टरवादियों को “सजदा” करने वालों की वजह से देश में एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है। जब भी किसी आतंकी घटना के संबंध में किसी की गिरफ्तारी होती है, तो मुसलमानों का एक बड़ा तबका उसकी रिहाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आता है। इन दिनों दिल्ली में यही हो रहा है। इस बार ये लोग पत्रकार सैयद अहमद काजमी की रिहाई के लिए कभी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, तो कभी “कैंडल मार्च” निकाल रहे हैं। 12 मार्च को इंडिया गेट पर “कैंडल मार्च” निकाला गया, जिसमें वे लोग शामिल हुए, जो यह मानते हैं कि देश में आतंकवाद के नाम पर “बेगुनाह” मुस्लिमों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

गंभीर आरोप

मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने 7 मार्च को काजमी को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वह 13 फरवरी को दिल्ली में इस्रायली दूतावास की गाड़ी से स्टिक बम विस्फोट में शामिल था। काजमी पर हमले की साजिश रचने, हमलावरों की मदद करने और इस्रायली दूतावास की जानकारी लेने के गंभीर आरोप हैं। काजमी के बारे में सुराग थाईलैण्ड से मिला था। उल्लेखनीय है कि उन्हीं दिनों थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक और जॉर्जिया में भी इसी तरह के विस्फोट हुए थे। बैंकाक विस्फोट में कुछ ईरानी युवक पकड़े गए थे। उन्होंने ही काजमी के बारे में बैंकाक पुलिस को बताया था। उनसे एक मोबाइल फोन भी मिला था। उसी से उन लोगों ने काजमी को फोन किया था। उसके बाद थाईलैण्ड सरकार ने भारत सरकार को काजमी के बारे में बताया। इसी आधार पर काजमी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उससे लम्बी पूछताछ की। मीडिया रपटों के अनुसार पूछताछ में काजमी ने पुलिस को कई ऐसी जानकारियां दी हैं, जिनसे साबित होता है कि काजमी ही वह शख्स है, जिसने ईरान के कुछ आतंकवादियों की मदद की है। इस कारण भारत में पहली बार ईरानी आतंकवादी दाखिल हुए और पहली बार स्टिक बम विफोट भी हुआ। इस दृष्टि से काजमी पर लगे आरोप बहुत ही गंभीर हैं। फिलहाल काजमी से पूछताछ पूरी हो गई है। 24 मार्च को उसे तीस हजारी न्यायालय के मुख्य महानगर दण्डाधिकारी विनोद यादव ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है।

कौन है काजमी

काजमी मूलत: मेरठ (उ.प्र.) के रसूलपुर गांव का रहने वाला है। कुछ वर्षों से वह दिल्ली की बी.के. दत्त कालोनी में सपरिवार रहता है। यह कालोनी प्रधानमंत्री निवास से सिर्फ 2 कि.मी. दूर है। इन दिनों वह रेडियो तेहरान का भारत में प्रतिनिधि था। बराबर ईरान जाता-आता रहता था। काजमी इस्रायल और अमरीका का घोर विरोधी रहा है। इस पर उसके लेख भी अखबारों में छपते रहे हैं।

यह है सच

सूत्रों के अनुसार काजमी ने ईरान से अपने गहरे रिश्तों को कबूला है। उसने पुलिस को बताया है कि वह 7 जनवरी 2011 को ईरान गया था। वहां उसकी भेंट सैयद अली और अली रजा से हुई थी। सैयद ने उससे ईरानी वैज्ञानिक की मौत का बदला लेने की बात कही थी। काजमी को तेहरान में 3000 डॉलर और मोबाइल  फोन सैयद ने उपलब्ध कराया था। दिल्ली लौटने के बाद भी काजमी और सैयद के बीच बातें होती थीं। मई 2011 में सैयद ने काजमी को फोन करके इस्रायली राजनयिक को निशाना बनाने के संबंध में चर्चा की थी। साथ ही उसे ये भी निर्देश दिए गए थे कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए जो लोग ईरान से दिल्ली जाएं उनकी मदद करो। सूत्रों के अनुसार योजना के तहत ईरानी हमलावरों के दिल्ली आने पर काजमी ने फैज रोड, करोलबाग के एक होटल में उन्हें ठहराया।

किसने दिए लाखों रुपए

जांच से पता चला है कि हाल ही में विदेश से  काजमी के खाते में 3.50 लाख रु. और उसकी पत्नी जहांआरा के खाते में 18 लाख, 78 हजार, 500 रु. जमा हुए हैं। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने जहांआरा से पूछताछ की है। किन्तु उसने जो जवाब दिया है, उससे प्रवर्तन निदेशालय सन्तुष्ट नहीं है। काजमी और उसकी पत्नी के खातों में आए विदेशी पैसे के स्रोतों की जानकारी के लिए आर.बी.आई और दुबई तथा इंग्लैण्ड के संबंधित अधिकारियों से भी सम्पर्क किया गया है।

काजमी दोषी है या नहीं, इसका फैसला तो अदालत करेगी। किन्तु वे लोग काजमी को “निर्दोष” मानकर उसकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, जो कहते हैं अफजल को फांसी होने से देश में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। काजमी की रिहाई की मांग करने वालों में वे लोग भी शामिल हैं, जो दिन-रात एक मजहब विशेष के लिए काम करते हैं, पर अपने आपको सेकुलर कहते थकते नहीं हैं। काजमी को छोड़ने की मांग वे मजहबी नेता भी कर रहे हैं, जिन्होंने आजतक किसी आतंकवादी घटना की निन्दा तक नहीं की है।

कट्टरवादियों की कुचालें

ऐसे ही लोग कथित सेकुलर राजनीतिक दलों की शह पर पिछले कुछ समय से पुलिस-प्रशासन, यहां तक कि न्यायपालिका को भी “मुस्लिम विरोधी” ठहराने में नहीं हिचक रहे हैं। यही लोग सड़कों पर उतर रहे हैं और भोले-भाले मुस्लिम युवकों को बरगला रहे हैं कि इस मुल्क में उनके साथ बड़ा “अन्याय” हो रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा 26 मार्च को दिल्ली में संसद मार्ग थाने के सामने हुए प्रदर्शन में दिखा। यह स्थान संसद से बिल्कुल निकट है। यातायात बन्द करके बीच मार्ग पर एक मंच बनाया गया था। मंच पर टंगे बैनर पर लिखा था, “आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुसलमानों की गिरफ्तारी के विरुद्ध धरना व प्रदर्शन”। “कॉर्डिनेशन कमेटी फॉर इंडियन मुस्लिम्स” (सीसीआईएम) द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन को तमाम मुस्लिम संगठनों का समर्थन प्राप्त था। फिर भी अंगुली पर गिनाने लायक ही लोग वहां पहुंचे। श्रोता से अधिक वक्ता थे। सबने यही बताने की कि कोशिश की इस मुल्क में मुसलमानों को हर तरह से दबाया जा रहा है। मुस्लिमों को आतंकवाद के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। इसी के तहत काजमी को गिरफ्तार किया गया है। प्राय: सभी वक्ताओं ने यह भी कहा कि काजमी की गिरफ्तारी इस्रायल और अमरीका के इशारे पर हुई है। यह भी कहा कि इस्रायल और अमरीका के खिलाफ लगातार लिखने की वजह से काजमी को दण्ड दिया जा रहा है। राज्यसभा सदस्य मोहम्मद अदीब ने इस्रायल से कूटनीतिक संबंध खत्म करने की भी मांग की। भाषणों के बीच-बीच में “अल्लाह ओ अकबर” के नारे भी गूंजते रहे। काजमी के इन कारिन्दों की हरकतों से देश-विभाजन के पूर्व की स्थितियां याद आ गईं। उस समय भी कट्टरवादी किसी न किसी मुद्दे पर मजहबी लोगों को भड़काते थे जिसका परिणाम देश बंटवारे के रूप में सामने आया था। यदि उनकी नाजायज मांगें मान ली गईं तो देश के सामने एक बार फिर विभाजन का खतरा आ खड़ा होगा।द

आतंकवादियों के “वकील”

देश में कुछ लोग ऐसे हैं, जो आंख मूंदकर किसी आतंकवादी के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। संसद पर हमले के लिए फांसी की सजा का इन्तजार कर रहे अफजल के लिए भी कुछ लोगों ने “अफजल बचाओ कमेटी” बनाई थी। इस कमेटी में शामिल लोग आज भी अफजल को “निर्दोष” मानते हैं। काजमी के लिए भी ऐसे लोग आगे आ रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान, माकपा नेता ए.बी. वद्र्धन, अतुल अंजान, शबनम हाशमी, पत्रकार सईद नकवी, जावेद नकवी, सीमा मुस्तफा, लेखिका अरुंधती राय, शर्मिला टैगोर, फरहा नकवी, अभिनेत्री नंदिता दास, फिल्म निर्माता महेश भट्ट, जे.एन.यू. के प्रो. कमल मित्र चिनॉय, डा. जफरुल इस्लाम आदि। देशवासी जानना चाहते हैं कि आखिर ये लोग अदालती फैसले का इन्तजार क्यों नहीं करना चाहते हैं? ये लोग सरकार पर दबाव डाल कर क्यों काजमी को छुड़ाना चाहते हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्यों का समाधान’

विश्लेषण : दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्यों का समाधान’

विश्लेषण : दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies