संघ समाचार
|
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और आई.सी.सी.एस. के संयुक्त तत्वावधान में हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
“हमारे विचार, चिंतन और संस्कृतियां श्रेष्ठ हैं, लेकिन जब तक हम सामाजिक स्तर पर संगठित नहीं होंगे तब तक संस्कृतियों का संरक्षण और उत्थान संभव नहीं है। सभी पुरातन संस्कृतियां एक-दूसरे का सम्मान करें, पर रूपांतरण के दबाव से मुक्त रहें”। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत दिनों हरिद्वार के देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और आई.सी.सी.एस. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री भागवत ने देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में उपस्थित 35 देशों के करीब 70 प्राचीन संस्कृतियों के समूहों के समागम को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह मिलन एक नई सुबह की शुरुआत का संदेश दे रहा है। जिस तरह से प्राचीन संस्कृतियों ने स्वयं को बचाकर रखा है, यह विलक्षण है। इसके संरक्षण और उत्थान के लिए भावी पीढ़ियों का इनसे परिचय कराने की आवश्यकता है।
श्री भागवत ने कहा कि अपनी संस्कृति के मूलभूत तत्वों से परिचित होकर ही वे अपनी आज की समस्याओं का समाधान करने में समर्थ होंगे। “ब्रह्माण्ड के संतुलन की परिपुष्टता” विषय पर चिंतन और मनन समय की मांग है। पारिवारिक संस्कार, प्रकृति के प्रति आदर भाव और उसके संरक्षण के माध्यम से ही इस विषय की सार्थकता संभव है।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि विश्व की प्राचीन संस्कृतियों को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए कई बार खूनी क्रांति का सामना करना पड़ा है। आज भी वे संघर्षरत हैं। पुरातन संस्कृतियों के निरंतर समागम का प्रवाह उनमें एकजुटता के साथ सशक्त संबल प्रदान करेगा। इन सभी संस्कृतियों में काफी समानताएं हैं। प्रेम और आत्मीयता की भाषा इन्हें एक माला में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियो ने प्रज्ञा गीत से अतिथियों का स्वागत किया। समापन समारोह में अतिथियों ने पांच देशों की संस्कृतियों के परिचायकों को डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। इसमें ग्वाटेमाला के अलेक्जेंडर पेरेज, कनाडा के ग्रांड चीफ स्टेन बर्डी, लिथुवानिया के जोनास टिं्रकुनास, न्यूजीलैंड से आए माओरी संस्कृति के कैनेथ केनेडी और छत्तीसगढ़ के जगदेव राम शामिल थे। द हरिद्वार से मनोज गहतोड़ी
वासंती कवि सम्मेलन
अ.भा. साहित्य परिषद से संबद्ध इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती, दिल्ली तथा नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली में विगत दिनों सम्पन्न हुए विश्व पुस्तक मेला के दौरान वासंती कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि केन्द्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व प्रमुख सरदार जोगिन्दर सिंह थे, अध्यक्षता डा. देवेन्द्र आर्य ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
सम्मेलन में कवियों ने वसंत ऋतु और देशभक्ति पर अपनी रचनाएं सुनाकर उपस्थित गण्यमान्य लोगों को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर विशेष रूप से सर्वश्री अनुपम तेलंग, सुधीर शर्मा, कुलभूषण, कुसुम पाल उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डा. देवेन्दर आर्य ने किया। द प्रतिनिधि
हिन्दुओं पर हमले और अमरनाथ यात्रा की अवधि कम करने के विरोध में विहिप का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का पुतला फंूका
विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में हाल ही में हुए हिन्दुओं पर हमले, उन्हंे झूठे मुकदमों मंे फंसाने तथा बाबा अमरनाथ की यात्रा को 60 दिन से 38 दिन करने के विरुद्ध गत दिनों जंतर-मंतर पर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की हिन्दू विरोधी मानसिकता के खिलाफ उनका पुतला भी फंूका।
विहिप की केन्द्रीय सलाहकार समिति के सदस्य व पूर्व सांसद श्री बी.एल. शर्मा “प्रेम” ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा से सटे राजौरी में वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं, उनके जान-माल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, धार्मिक कार्यक्रमों में व्यवधान डाला जा रहा है, किन्तु राज्य सरकार इन सब विषयों पर मौन है। उन्होंने कहा कि अलगाववादियों के इशारे पर राज्य सरकार हिन्दुओं को सुरक्षा देने व अपराधियों पर अंकुश लगाने की बजाय उलटे हिन्दुओं पर झूठे केस बना रही है, यह सरासर अन्याय है। उन्होंने मांग की कि यदि हमलावरों के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई नहीं हुई तथा बाबा अमरनाथ यात्रा को पहले की तरह कम से कम दो माह का नहीं किया गया तो हिन्दू समाज देशव्यापी आन्दोलन को मजबूर होगा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में विहिप तथा बजरंग दल के कार्यकर्ता उपस्थित थे। दप्रतिनिधि
मोटरसाइकिल रैली
स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में
क्रीड़ा भारती, पश्चिम बंगाल के तत्वावधान में गत 11 मार्च को स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई। स्वामी विवेकानंद के जन्म स्थान हुगली से शुरू हुई रैली में 50 से अधिक मोटरसाइकिल सवारों ने भाग लिया तथा 150 कि.मी. की दूरी तय की। रैली में भाग लेने आए कार्यकर्ताओं को स्वामी विवेकानंद के जन्म स्थान स्थित रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सत्यप्रिय नंद एवं श्री तपन मोहन चक्रवर्ती ने संबोधित किया। रैली का नेतृत्व क्रीड़ा भारती, पश्चिम बंगाल के सचिव श्री जगन्नाथ सरकार और श्री संजय भूटिया ने किया।द बासुदेब पाल
श्रद्धाञ्जलि
दादा भाई दिवंगत
रा.स्व.संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री गिरिराज प्रसाद शास्त्री उपाख्य दादा भाई का गत 13 मार्च को जयपुर में निधन हो गया। वे 92 साल के थे। 9 सितम्बर, 1919 को जन्मे दादा भाई बाल्यकाल में ही संघ के स्वयंसेवक बन गए तथा 1946-50 तक संघ के प्रचारक रहे। उन्होंने शाखा, नगर, जिला, विभाग, प्रांत, क्षेत्र स्तर के अनेक दायित्वों का निर्वहन किया। अंत में वे संघ के राजस्थान क्षेत्र की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। दादा भाई के नेतृत्व में संस्कृत की मासिक पत्रिका “भारती” का प्रकाशन भी हुआ, जिसके वर्तमान में वे संरक्षक थे।द
“यूथ अगेंस्ट करप्शन” व अभाविप का संसद पर विरोध प्रदर्शन
गृहमंत्री चिदम्बरम को हटाने की मांग
भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपने संघर्ष को तेज करते हुए “यूथ अगेंस्ट करप्शन” व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने गत 12 मार्च को संसद पर विरोध प्रदर्शन किया। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सह अभियुक्त बनाने, गैर सरकारी संगठन व निजी क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और विदेशों में जमा कालेधन की वापसी की मांग को लेकर आयोजित इस प्रदर्शन में दिल्ली व आसपास के राज्यों से आये हजारों छात्र-युवाओं ने भाग लिया।
संसद पर प्रदर्शन से पूर्व प्रदर्शनकारी दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर एकत्रित होकर जंतर-मंतर की ओर “चिदंबरम इस्तीफा दो”, “विदेशों में जमा कालाधन वापस लाओ” के नारे लगाते हुए पहुंचे। रैली जंतर-मंतर पर पहुंचते ही सभा में परिवर्तित हो गई। सभा को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 122 टेलीकाम कम्पनियों के लाइसेंसों को रद्द करने से यह साबित हो गया है कि स्पेक्ट्रम आवंटन में भारी घोटाला हुआ है और इस घोटाले से 1.76 हजार करोड़ की आर्थिक क्षति देश को सहनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाले को बिना वित्तमंत्री की सहमति के अंजाम देना संभव नहीं था, फिर भी तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को दोषी मानने से इंकार करते हुए केंद्र सरकार उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। श्री उमेश दत्त ने कहा कि “यूथ अगेंस्ट करप्शन” व अभाविप पी. चिदंबरम को 2जी घोटाले में सह अभियुक्त बनाने व गृहमंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग करती है।
“यूथ अगेंस्ट करप्शन” के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुनील बंसल ने कालाधन देश में वापस लाने के लिए “फ्लोटिंग वारंट” के माध्यम से खाता धारकों की अविलम्ब जांच शुरू करने की मांग सरकार से की। “यूथ अगेंस्ट करप्शन” के राष्ट्रीय सह संयोजक श्री विष्णुदत्त शर्मा ने गैर सरकारी संगठन व निजी क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत बताते हुए कहा कि अनेक गैर सरकारी संगठन समाज सेवा व देश के विकास के नाम पर कार्य करने की बजाय घोर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कभी-कभी ये सरकार के जनहित से सम्बंधित निर्णयों को भी प्रभावित करते हैं। सभा में “यूथ अगेंस्ट करप्शन” व अभाविप ने सरकार से अपनी उपरोक्त तीनों मांगों को देश हित में तुरंत माने जाने की उम्मीद की। साथ ही साथ मांगों को न माने जाने की स्थिति में आंदोलन को अधिक तीव्र बनाने का ऐलान भी किया। सभा का संचालन अभाविप के दिल्ली प्रदेश मंत्री श्री रोहित चहल ने किया। सभा के बाद “यूथ अगेंस्ट करप्शन” व अभाविप के एक प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को मांगों से सम्बंधित ज्ञापन भी सौंपा।
सभा के बाद एक बड़े जनसमूह में तब्दील होकर छात्र-युवाओं की रैली ने संसद भवन की ओर कूच किया। संसद पर प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों व पुलिस के बीच हलकी झड़प भी हुई, जिसमें कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए। प्रदर्शन में मुख्य रूप से अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील अंबेकर, राष्ट्रीय मंत्री श्री श्रीरंग कुलकर्णी, श्री अनिल कुमार, “यूथ अगेंस्ट करप्शन” की राष्ट्रीय सह संयोजिका डा. रश्मि सिंह आदि शामिल थे। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ