विविध
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स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन में उठी मांग
झारखंड के देवघर में गत दिनों स्वदेशी जागरण मंच का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा होने के साथ-साथ कुल चार प्रस्ताव भी पारित हुए। सम्मेलन में 21 राज्यों के प्रतिनिधि सहभागी हुए।
सम्मेलन का उद्घाटन स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरुण ओझा, सह-संयोजक श्री सरोज मित्रा, श्री कुमार स्वामी, राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल, राष्ट्रीय विचार मंडल प्रमुख डा. अश्विनी महाजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री श्री सुनील अंबेकर द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अरुण ओझा ने कहा कि साम्यवाद और पूंजीवाद के बाद अब पूरी दुनिया तीसरे विकल्प की तलाश कर रही है। विश्व आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ रहा है। भारत की आर्थिक संप्रभुता को बचाने के लिए तीसरा विकल्प क्या हो, इसके लिए देशभर के दो हजार से ज्यादा चिंतक, विचारक यहां आए हैं।
कार्यक्रम को श्री कश्मीरी लाल, डा. अश्विनी महाजन, श्री सुनील अंबेकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद प्रो. रीता वर्मा, मंच के सह-संयोजक डा. धनपत अग्रवाल आदि ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन में “विदेशी निवेश के रूप में आर्थिक आक्रमण” नाम से पारित पहले प्रस्ताव में स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से मांग की है कि देश में घरेलू बचत को प्रोत्साहन दिया जाए और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को खुदरा क्षेत्र में पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाए। दूसरा प्रस्ताव “भारतीय कृषि एवं किसानों की हत्या”, तीसरा “भ्रष्टाचार और कालाधन” तथा चौथा अमरीका के आर्थिक सत्ता केन्द्र न्यूयार्क शहर में चल रहे “आक्यूपाय वालस्ट्रीट” आंदोलन के बारे में है। द अनिल सौमित्र
सिरसा (हरियाणा) में विश्व हिन्दू परिषद का कार्यक्रम
हिन्दुओं के साथ धोखा है पिछड़ा वर्ग में मुसलमानों को आरक्षण
-डा. प्रवीण भाई तोगड़िया, महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद
“देश में राजनेता वोट बैंक की राजनीति के लिए देशहित को ही भूल रहे हैं। संविधान में मजहब आधारित आरक्षण पर प्रतिबंध के बावजूद वर्तमान केन्द्र सरकार मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। यह देश के संविधान की भावना के विपरीत है तथा देश के 80 प्रतिशत हिंदू युवाओं के साथ धोखा है। विश्व हिंदू परिषद ऐसे किसी भी संविधान विरोधी कार्य का डटकर विरोध करेगी। यदि सरकार ने संविधान की भावना के विपरीत धर्म आधारित आरक्षण के अपने प्रयासों को नहीं रोका तो विहिप देशव्यापी आंदोलन चलाएगी”। उक्त विचार विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने गत 4 दिसम्बर को सिरसा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद, हरियाणा के अध्यक्ष श्री कांति लाल सैनी, इन्द्रप्रस्थ क्षेत्र के संगठन मंत्री श्री कैलाश सिंहल, बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक श्री सुरेश वत्स और विहिप के प्रदेश मंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
डा. तोगड़िया ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि भारतीय समाज में जातिगत आधार पर विषमताओं को दूर करने के लिए कुछ वर्षों के लिए जो आरक्षण का प्रावधान किया गया था, अब उसे मुस्लिम वोट बैंक को मोहित करने के लिए प्रयोग करने का प्रयास किया जा रहा है। खुदरा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में बोलते हुए डा. तोगड़िया ने कहा कि इससे देश का विकास रुक जाएगा। “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” के संबंध में उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर वर्तमान प्रारूप में इस कानून को नहीं बनने देंगे। द प्रतिनिधि
स्वर्गद्वार की जमीन हड़पने वालों पर
विहिप की कड़ी कार्रवाई की मांग
श्री जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा) स्थित श्मशान भूमि स्वर्गद्वार की जमीन में से कुछ हिस्से को बेच दिए जाने की घटना सामने आने के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। परिषद ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस गैर कानूनी काम में शामिल प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह राजनेता हो या फिर प्रशासनिक अधिकारी सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए तथा जमीन वापस ली जाए। विहिप, उत्कल प्रांत के प्रदेश कार्यालय में गत दिनों सम्पन्न हुई प्रांतीय प्रबंध समिति की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक में विहिप के केन्द्रीय मंत्री श्री वाई. राघवेलु भी उपस्थित थे। प्रस्ताव में कहा गया है कि स्वर्गद्वार हिन्दुओं के लिए अत्यंत पवित्र है। उड़ीसा में इस स्थान पर दाह संस्कार किए जाने का अलग महत्व है। लेकिन जमीन माफिया इस श्मशान भूमि को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों व राजनेताओं की भी मिलीभगत है। विहिप इस भूमि को तत्काल वापस कराने तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती है। प्रस्ताव में कहा गया है कि देवोत्तर संपत्ति की रक्षा करने में सरकार विफल हो रही है। मंदिरों की संपत्ति पर माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है। राजधानी भुवनेश्वर स्थित रामेश्वर मंदिर व नंदकुड को भी बेचे जाने की घटना सामने आयी है। यह अत्यंत चिंताजनक है। इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके अलावा राज्य में जो भी गोचर भूमि है, उन पर भी कब्जा किया जा रहा है। इसे भी रोका जाए। बैठक में विहिप, उत्कल प्रांत अध्यक्ष श्री दुर्गा प्रसाद, उपाध्यक्ष श्री शिव प्रसाद राजू, डा. नगेन, सह सचिव श्री प्रशांत पंडा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। समन्वय नंद
देशभर में यूथ अगेंस्ट करप्शन के महाधरने सम्पन्न
भ्रष्टाचार एवं कालेधन के विरुद्ध
भ्रष्टाचार तथा विदेश में जमा कालेधन की वापसी को लेकर गत दिनों यूथ अगेंस्ट करप्शन के तत्वावधान में देशभर में महाधरनों का आयोजन किया गया। यह महाधरने 30 नवंबर, 2011 से लेकर 2 दिसम्बर, 2011 तक चले। धरनों को अनेक सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया। हैदराबाद, बंगलूरु, मुम्बई, पटना, आगरा, शिमला, रांची, लखनऊ, रोहतक आदि अनेक स्थानों पर बड़ी संख्या में छात्र, युवा तथा सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इन धरनों में भाग लिया। धरनों को मुख्य रूप से भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ आदि संगठनों ने समर्थन दिया। रायपुर में प्रसिद्ध कवियों की उपस्थिति में भ्रष्टाचार विरोधी काव्य सम्मेलन सम्पन्न हुआ। लखनऊ में यूथ अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुनील बंसल, बंगलूरु में सह संयोजक श्री रवि कुमार, जबलपुर में सह संयोजक श्री विष्णुदत्त शर्मा आदि ने धरनों का नेतृत्व किया। द प्रतिनिधि
पाकिस्तान से आए पीड़ित हिन्दुआंे से विहिप प्रतिनिधिमण्डल की भेंट
गत 3 दिसम्बर को इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद् का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान से आए हिन्दुओं से मिला। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में गए इस प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के मजनंू का टीला स्थित शिविरों में रह रहे पाकिस्तान से आए लगभग 150 हिन्दुओं के दुख दर्द को सुना तथा उनकी मदद के लिए हर सम्भव प्रयास का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल श्री प्रकाश शर्मा के साथ इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद् के अध्यक्ष श्री स्वदेश पाल गुप्ता, महामंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन, उपाध्यक्ष श्री बृजमोहन सेठी तथा मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल शामिल थे। द प्रतिनिधि
श्रीकांत जोशी का अमृत महोत्सव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकांत जोशी द्वारा जीवन के 75 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में गत 2 दिसम्बर को दिल्ली में अमृत महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ, विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत एवं अन्य संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। साथ ही राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका सुश्री प्रमिला ताई मेढ़े, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी, पूर्व अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह, शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज भी उपस्थित थे।
अमृत महोत्सव में विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने कहा कि जोशी जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। महोत्सव का संयोजन हिन्दुस्थान समाचार के विशेष कार्यकारी अधिकारी श्री अनिरुद्ध शर्मा ने किया। द प्रतिनिधि
महामना मदनमोहन मालवीय की 150वीं जयंती पर लखनऊ में आयोजन
मानव जीवन का सार है गीता
-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गीता को मानव जीवन का सार बताते हुए कहा कि भगवद्गीता मानव जाति की यात्रा का सारांश है। उसी के तत्व ज्ञान ने संसार से भागने वालों को जोड़ा, पलायनवादी होने से रोका। वह संसार में लिप्त लोगों को संसार में रहकर उससे ऊपर उठने का बोध कराती है। वह ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी है। वे गत 6 दिसंबर को गोमती नगर (लखनऊ) स्थित मालवीय विद्या मंदिर सभागार में महामना मदनमोहन मालवीय की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। समारोह महामना मालवीय मिशन, गायत्री परिवार, कबीर शांति मिशन, चिन्मय मिशन और संस्कृत भारती के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
श्री भागवत ने आगे कहा कि गीता विश्व के लिए है। आज हर जगह बाजारवाद का प्रभाव दिखाई देता है। ऐसे हालात में गीता को भी “प्रमोटर” (प्रोत्साहनकर्ता) की जरूरत है। हिंदू समाज उसका “प्रमोटर” बने, यह उसका कर्तव्य है। गीता के ज्ञान को पूरे संसार में प्रसारित किए जाने की आवश्यकता है। उसे समझना जरूरी है, साथ ही आचरण में उतारना उससे भी जरूरी है। उन्होंने आह्वान किया कि पलायनवादी बनने की बजाय लड़ना श्रेयस्कर है। यही गीता का ज्ञान है। महाभारत में अर्जुन को भी भगवान श्रीकृष्ण ने यही उपदेश दिया था। धर्म और समाज की भलाई के लिए इस सम्बंध में सभी को प्रयास करना चाहिए।
श्री भागवत ने कहा कि पश्चिमी सीमा से लगातार आक्रमण हो रहा है और कहा जा रहा है कि उदारतापूर्वक सोचना और काम करना चाहिए। यह गलत है। इसे उदारता बताना ठीक नहीं है। यह दुर्बलता है। जीवन-संग्राम में भागने का विकल्प कतई नहीं चुनना चाहिए। जीतने के लिए लड़ते रहो, जब तक जिंदा हो, निराश हुए बिना लड़ते रहो। उन्होंने कहा कि निष्काम कर्मयोग, स्वार्थों से ऊपर उठकर कर्तव्य पालन का ही नाम है। सब कुछ करो, समाज के लिए करो लेकिन उसके पीछे कोई निजी मंतव्य नहीं होना चाहिए। बिना स्वार्थ के सेवा ही तो कर्मयोग है। “खुद कमाओ, दूसरों को खिलाओ”, जीवन का यही लक्ष्य होना चाहिए। समाज के सभी लोगों का विकास लक्ष्य बने, इसकी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म कर्तव्य है। यह जीवन में संतुलन पैदा करता है। यह कहना गलत है कि धर्म का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। हर बात में धर्म का हस्तक्षेप होना चाहिए। धर्म से कभी नहीं भागना चाहिए। धर्म से भागकर कार्य करना श्रेयस्कर नहीं है। बिना धर्म के समाज नहीं होता।
श्री भागवत के उद्बोधन से पूर्व कार्यक्रम के संयोजक श्री प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने गीता जयंती को विश्व निष्काम दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया। श्री श्रीवास्तव इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून को एक पत्र भी लिख चुके हैं। समारोह में सुबह आठ बजे से दो घंटे तक करीब एक हजार लोगों ने गीता का सस्वर पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश कुमार मित्तल ने की। इस अवसर पर उन्होंने मानव कल्याण की भावना विकसित करने का आह्वान किया। श्री आर.एन. वर्मा ने अतिथियों एवं उपस्थित गण्यमान्य नागरिकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र और रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार के अलावा वरिष्ठ प्रचारक श्री ओम प्रकाश, रा.स्व.संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री शिव नारायण, अवध प्रांत प्रचारक श्री कृपा शंकर, अवध प्रांत के सह प्रचार प्रमुख श्री अमरनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही और डा.दिलीप अग्निहोत्री उपस्थित थे। द शशि सिंह
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