हमारा ही खाया, हम पर ही गुर्राया सुल्तान
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

हमारा ही खाया, हम पर ही गुर्राया सुल्तान

by
Oct 1, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राज्यों से

दिंनाक: 01 Oct 2011 18:00:59

“गुलाम कश्मीर” के पूर्व प्रधानमंत्री ने अलगाववादियों को दिया समर्थन

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी सुल्तान महमूद गत दिनों श्रीनगर आए। यद्यपि उनका यह आगमन एक मित्र के पुत्र के विवाह में भाग लेने के लिए था और पूर्णत: निजी बताया गया था, किन्तु जिस प्रकार से राज्य सरकार की ओर से उनकी आवभगत की गई, राजनेताओं की जो गतिविधियां रहीं, जाने से पूर्व उन्होंने जो वक्तव्य दिए, उनसे केन्द्र व राज्य सरकार की सोच और समझ पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। श्रीनगर पहुंचने के बाद चौधरी सुल्तान महमूद का सबसे पहला कार्यक्रम यह रहा कि वे आतंकवाद के कारण मारे गए लोगों की कब्र पर गए, जिन्हें घाटी के बहुत से लोग “शहीद” का दर्जा देते हैं। आतंकवादियों की मजार पर फूल चढ़ाने के पश्चात सुल्तान महमूद ने कहा कि इन युवकों के बलिदान के कारण ही कश्मीर समस्या अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हुई है और ब्रिटेन के हाउस आफ कामंस जैसे बड़े संस्थानों में मानवाधिकारों का यह विषय कई बार गूंजा है।

श्रीनगर पहुंचकर “गुलाम कश्मीर” के इस पूर्व प्रधानमंत्री की विवाह वाले घर में प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंट हुई। उमर अब्दुल्ला और चौधरी महमूद अलग से मिले, फोटो खिंचवाया, इस भेंट में दोनों के बीच क्या चर्चा-वार्ता हुई, किसी को पता नहीं। इसके विपरीत सुल्तान महमूद अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के हैदरपुर स्थित निवास पर मिलने गए, उनसे गले मिले, क्या बातें हुईं इस संबंध में कुछ अधिक जानकारी सामने नहीं आयी है, अपितु महमूद ने उनकी नीतियों का समर्थन अवश्य किया। अली शाह गिलानी के अतिरिक्त अलगाववादी सोच रखने वाले दूसरे धड़ों के कुछ कार्यक्रमों में भी महमूद सम्मिलत हुए तथा अलगाववादियों का परोक्ष रूप से समर्थन किया। इसके बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुल्तान महमूद को सरकारी हैलीकाप्टर उपलब्घ करवाया तथा उन्हें सरकारी खर्च पर  पहलगाम तथा अन्य पर्यटन स्थलों की सैर करवाई। किन्तु श्रीनगर से वापस लौटने से पूर्व सुल्तान महमूद ने एक पत्रकार वार्ता करके यह बात कह दी कि वे जम्मू-कश्मीर की इस निर्वाचित सरकार को जनता का सच्चा प्रतिनिधि नहीं मानते। कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जिसके लिए कई वर्षों से संघर्ष जारी है। नियंत्रण रेखा के इस ओर विकास कार्य अधिक हुए हैं लेकिन विकास से मूल समस्या से कुछ लेना-देना नहीं है। चौधरी महमूद ने अपनी इस पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि अगर मोहम्मद अफजल को फांसी दी जाती है तो भारत-पाकिस्तान के संबंधों में खटास और बढ़ेगी तथा शांति प्रक्रिया प्रभावित होगी।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के इस पूर्व प्रधानमंत्री की निजी यात्रा के दौरान पत्रकार वार्ता का आयोजन क्यों हुआ, किसने करवाया, सरकारी खर्च पर पर्यटन व सुख-सुविधाएं किसने प्रदान कीं, इसे लेकर कई राष्ट्रवादियों ने आपत्ति उठाई तथा विरोध प्रदर्शन भी किए। बड़ा प्रश्न यह है कि आतंकवाद व अलगाववाद के समर्थकों पर इस व्यय के लिए स्वीकृति किसने दी थी?

उनकी इस यात्रा के दौरान स्थानीय समाचार पत्रों के अतिरिक्त मीडिया तथा सरकारी रेडियो और दूरदर्शन तक ने चौधरी सुल्तान महमूद को “आजाद कश्मीर” का पूर्व प्रधानमंत्री कहा। कई जानकारों के लिए यह कोई नई बात नहीं कि अलगाववादियों के अतिरिक्त मुख्यधारा के भी कई नेता जाने-अनजाने में पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर को “पाक अधिकृत कश्मीर” या “गुलाम कश्मीर” कहने के स्थान पर प्राय: आजाद कश्मीर कहते हैं। दरअसल इस शब्द प्रयोग का अर्थ यह होता है कि यदि वह आजाद कश्मीर है तो यह कश्मीर भारत का गुलाम है। अलगाववादी सोच के इस शब्द प्रयोग पर भी राष्ट्रवादी शुरू से आपत्ति प्रकट करते रहे हैं।

इस बीच जम्मू-कश्मीर में समस्याओं का समाधान तलाश करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकारों में से डा. राधा कुमार ने रहस्यमय परिस्थितियों में चौधरी सुल्तान महमूद से भेंट की। डा. राधा कुमार तथा चौधरी सुल्तान महमूद के बीच क्या बातचीत हुई, यह स्पष्ट नहीं है किन्तु राधा कुमार की नियुक्ति तथा उनकी गतिविधियां सदा से ही आपत्तियों का कारण बनती रही हैं। तीन वार्ताकारों में से कम से कम दो ऐसे हैं जिनके विषय में यह कहा जाता है कि उनके संबंध अमरीका स्थित तथा वहां गिरफ्तार किए गए आई.एस.आई. एजेन्ट गुलाम नबी फई से साथ रहे हैं। केन्द्र की संप्रग सरकार ने इन विवादित व्यक्तियों को ही कश्मीर में समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए क्यों चुना, इसका उत्तर केन्द्र के गृहमंत्री को ही देना होगा, क्योंकि इन वार्ताकारों की गतिविधियों तथा उनके वेतन पर अभी तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जो इस देश की जनता के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई का ही भाग है। डा. राधा कुमार ने “गुलाम कश्मीर” के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ श्रीनगर में भेंट केन्द्र की अनुमति से की या स्वयं ही उनसे मिलने चली गईं, यह प्रश्न इसलिए महत्वपूर्ण है कि सुल्तान महमूद ने कई ऐसे वक्तव्य दिए हैं जो भारत की एकता तथा कश्मीर में देश को प्रभुसत्ता से जुड़े हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies