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कश्मीर के संबंध में विगत दिनों दिए विवादास्पद बयान पर लेखिका अरुंधती राय को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा भुवनेश्वर (उड़ीसा) में तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। परिषद् के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उन्हें कश्मीर संबंधी बयान पर काला झंडा दिखाया और वापस चले जाने की मांग की। शांति व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं पर अरुंधती के समर्थकों ने लाठियों से हमला कर दिया, जिससे कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।गत दिनों माओवादी समर्थक संगठनों द्वारा भुवनेश्वर के स्वाधीनता संग्राम मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं अरुंधती राय का विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाकर विरोध किया। ये कार्यकर्ता “अरुंधती गो बैक”, “देशद्रोही अरुंधती पाकिस्तान जाओ”, “गद्दार अरुंधती हाय-हाय” जैसे नारे लगा रहे थे। लेकिन पहले से ही तैयारी करके बैठे माओवादी समर्थकों ने इन कार्यकर्ताओं पर लाठियों से हमला कर दिया। निर्दोष कार्यकर्ताओं पर लाठियों से वार होते रहे, लेकिन वहां उपस्थित पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनकर देखते रहे। हमले में विद्यार्थी परिषद् के एक जनजातीय छात्र के सिर पर चोट लगी और वह घायल हो गया, जिसे बाद में अस्पताल ले जाया गया। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जता रहे परिषद् के कार्यकर्ता, जिन्हें माओवादी समर्थकों ने भी लाठियों से पीटा था को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परिषद् के कुल 11 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस घटना पर रोष प्रकट करते हुए विद्यार्थी परिषद् की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य श्री महेश मिश्र ने कहा कि हमारा विरोध कश्मीर के संबंध में दिए गए बयान को लेकर है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और राष्ट्र को विभाजित करने की पैरवी करने वाले किसी भी व्यक्ति का विद्यार्थी परिषद् विरोध करेगी। द समन्वय नंद37
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