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जबसे स्वामी लक्ष्मणानंद जी की हत्या हुई है और हिन्दू समाज ने अपना आक्रोश प्रकट किया है तभी से उड़ीसा में माओवादियों ने हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसे मिशनरियों और माओवादियों का गठजोड़ न कहें तो क्या कहें? गत 24 अप्रैल की मध्यरात्रि में माओवादियों ने मल्कानगिरि में एक प्रमुख भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी। 58 वर्षीय कोसा माधी उड़ीसा में पिछले 1 माह में माओवादी हिंसा के तीसरे शिकार बने। उड़ीसा की छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश से लगने वाली सीमा, जो माओवादियों के लाल गलियारे का एक हिस्सा है, में इन दिनों हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता माओवादियों के निशाने पर हैं। घटनाक्रम के अनुसार 23-24 अप्रैल की मध्य रात्रि में लगभग 15 माओवादी कोसा माधी के घर में घुसे और उसे पकड़कर ले गए। सुबह के समय गांव से लगभग 500 मीटर दूर उनकी लाश मिली। उनका शरीर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। हालांकि इस बार माओवादी जिम्मेदारी लेने वाला पत्र नहीं छोड़ गए, जैसा कि वे हर बार करते हैं। इससे पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। द22
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