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एक ओर दिल्ली पुलिस आयुक्त पुलिस की छवि को सुधारने में लगे हैं तो दूसरी ओर उन्हीं के विभागीय अधिकारी अपराधियों को प्रश्रय देकर पीड़ित जनता को धमकाने में लगे हैं। सरिता विहार थाना क्षेत्र के आली विहार में 16 अप्रैल की रात हुई सात गायों की हत्या से व्यथित हिन्दुओं ने पुलिस से उम्मीद जतायी थी कि वह अपराधियों को शीघ्र पकड़कर हिन्दू जनभावनाओं से खिलवाड़ करने वालों के साथ सख्ती से पेश आएगी। किन्तु हुआ इसका ठीक उल्टा। एफ.आई.आर. दर्ज करने की बजाय, पुलिस थाने में अपनी गाय की हत्या की शिकायत कर लौट रहे मदनपुर खादर निवासी श्री अनिल पुत्र रामपत को थाने के ही एक सिपाही विजय ने बेरहमी से पीट डाला।गोभक्तों का एक प्रतिनिधिमंडल जब थानेदार से मिला तो पता चला कि न तो कोई एफ.आई. आर. दर्ज हुई है और न ही सिपाही के खिलाफ कोई कार्रवाई। विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांत सह गो रक्षा प्रमुख श्री विजय गुप्ता, बजरंग दल के श्री नरेश चौधरी एवं दिल्ली नगर निगम (दक्षिणी क्षेत्र) के अध्यक्ष श्री ब्राहृ प्रकाश नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमण्डल को पुलिस के कोरे आश्वासन के सहारे ही वापस आना पड़ा। घटना की लिखित शिकायत कर अविलम्ब कार्रवाई की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि गत एक वर्ष में इसी थाना क्षेत्र में गोहत्या की यह आठवीं घटना है। पुलिस की अकर्मण्यता की हद तो उसी समय पार हो गयी थी जब गो हत्यारों ने बछड़े का सिर काटकर जनता फ्लैट सरिता विहार के मन्दिर के यज्ञ कुंड में डाल दिया था। द विनोद बंसल30
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