|
हमारे देश में मैत्रेयी, पुष्पा, गार्गी, लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई सरीखी महिलाएं हुई हैं। जिनकी ख्याति उनकी सुन्दरता से नहीं बल्कि उनके गुणों के कारण हुई। केवल देह प्रदर्शन किसी को सार्थक ऊंचाई तक नहीं ले जाता। व्यक्ति की पहचान उसके गुणों के कारण होती है। आज आवश्यकता है कि भारतीय स्त्री अपनी सार्थक ऊंचाई के लिए पहल करे। यह विचार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बिहार प्रदेश छात्रा सम्मेलन में उभरकर सामने आए। ज्ञात हो कि विद्यार्थी परिषद् पूरे देश में अपनी स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मना रही है। इसी कड़ी में पटना के विद्यापति भवन में गत 20 जुलाई को बिहार प्रदेश की छात्राओं का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न कालेज और विद्यालयों की छात्राओं ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार प्रदेश की युवा, खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती रेणु ने कहा कि इस सम्मेलन की सार्थकता तभी होगी जब हम दहेज प्रथा व भ्रूण हत्या रोकने के लिए कृतसंकल्प रहेंगे। सम्मेलन में बिहार के परिदृश्य में महिला शिक्षा एवं सुरक्षा विषय पर एक प्रस्ताव भी पारित हुआ। प्रस्ताव में परिषद् ने बिहार सरकार से मांग की कि महिला साक्षरता के लिए सरकार सुदृढ़ कदम उठाए। महिला विद्यालय और महाविद्यालयों की अधिक स्थापना हो और पूरे साल शिक्षा सत्र सुनियोजित ढंग से चलें। इस अवसर पर विद्यार्थी परिषद् के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री बीक्ष सुरेन्द्रन सहित विद्यार्थी परिषद् के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। द संजीव कुमार30
टिप्पणियाँ