सम्पादकीय
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय

by
Apr 5, 2008, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Apr 2008 00:00:00

संसार में कोई भी समस्या हल करनी हो, तो वह शक्ति के आधार पर ही हो सकती है। शक्तिहीन, दुर्बल, डरपोक राष्ट्र की कोई भी आकांक्षा कभी भी सफल नहीं होती।-डा. हेडगेवारनेपाल किधर जाएगा?संविधान सभा चुनावों के परिणाम आने के बाद से नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियों में प्रतिदिन बदलाव दिख रहा है। प्रत्यक्ष चुनाव में 240 में से 120 (स्पष्ट बहुमत से दो कम) सीटें जीतकर माओवादियों के हौसले बुलंद जरूर हैं, पर आनुपातिक प्रणाली के अन्तर्गत जिन 335 सीटों पर चुनाव हुए हैं उनमें से माओवादियों की कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल (माओवादी) को कुल 100-101 सीटें मिलने की उम्मीद ने प्रचंड को चौंका दिया है। इसमें नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल (एकीकृत माक्र्सवादी-लेनिनवादी) और तीन मधेशी दलों के ज्यादा स्थान जीतने की उम्मीद जताई जा रही है। समग्रता से आकलन करने पर ये तस्वीर उभरती दिख रही है कि माओवादी नेता प्रचंड सबसे बड़े दल के नेता रूप में प्रधानमंत्री पद पर बैठेंगे (हालांकि नेपाल विश्लेषकों का एक वर्ग ऐसा भी है जो उनके प्रतिपक्ष के नेता बनने की संभावना जता रहा है)। बहरहाल, प्रचंड ने पिछले दिनों सत्ता-प्रमुख की भूमिका अपनाते हुए कई बयान दिये हैं, अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों पर टिप्पणी की है और भारत-नेपाल रिश्तों पर भी काफी कुछ कहा है। नेपाल हमारे निकटतम पड़ोस में है और इस देश के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक-सामाजिक सम्बंध रहे हैं, इस दृष्टि से नेपाल की परिस्थितियों पर गंभीरता से गौर करना जरूरी है।नेपाल में आज जो राजनीतिक स्थिति बनी है उसमें, पहली बात तो यह है कि, माओवादी प्रचलित अनुमानों के विपरीत प्रभावशाली स्थिति में आ गए हैं। दूसरे, यह परिस्थिति माओवादियों के लिए एक परीक्षा की घड़ी भी है। सशस्त्र संघर्ष और विद्रोही गतिविधियों में संलग्न रहे माओवादी किस तरह लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में जुटेंगे, यह सवाल सहज उठ खड़ा हुआ है। घृणा और विद्वेष की जो लीक उनकी अब तक रही थी, उसके आधार पर संघर्ष आसान होता है। मगर जब सवाल पुनर्निर्माण का होता है तो उसके लिए एक सकारात्मक सोच रखते हुए चीजों को सुधारा जाता है। इस दृष्टि से प्रचंड के दो, तीन बयानों पर गौर करना होगा। उन्होंने भारत के साथ तमाम ऐतिहासिक संधियों को निरस्त करने की बात की है, विशेषकर 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि की जगह कोई नया समझौता करने की उनकी मंशा है। प्रचंड ने हाल ही में “आतंकवादियों की सूची” में से माओवादियों को हटाने की मांग की थी, जिसे फिलहाल अमरीका ने ठुकरा दिया है। भारत से सम्बंधों पर शुरूआत में सकारात्मक रूख दिखा था मगर मैत्री संधि पर प्रचंड की टिप्पणी ने फिर शंकाएं पैदा कर दी हैं। जबकि उनके साथी कामरेड बाबूराम भट्टराई भारत से दोस्ती बढ़ाने केभारत और ब्रिटिश सेनाओं में गोरखा टुकड़ी के संदर्भ में माओवादियों का कहना है कि वे विदेशी सेना छोड़ दें। इस वक्त भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की संख्या 40 हजार है तो ब्रिटिश सेना में करीब 3,400। गोरखा माओवादियों के इस “सुझाव” से परेशान हैं, क्योंकि इससे उनके लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी। प्रचंड अपने माओवादी “जनसैनिकों” द्वारा सभी तरह की हिंसा बंद करने के प्रति आश्वस्त करने से भी कतरा रहे हैं। वे कहते हैं “प्रतिक्रियात्मक” हिंसा नहीं की जाएगी। इसके क्या मायने हैं? क्या “जनसेना” बनी रहेगी?सवाल यह भी है कि अगर चीन की ही तरह पूंजीवाद के रास्ते विकास की बात की गई है तो “माओवादी” नाम की प्रासंगिकता क्या रह जाती है? चीन भी “माओवाद” को नहीं मानता, फिर “माओवाद” का आवरण किसलिए? क्यों वे माओवादी विचारधारा को सामने रखने से कतरा रहे हैं।करीब एक पखवाड़े बाद संविधान सभा का गठन होगा। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल (एकीकृत माओवादी-लेनिनवादी) और मधेशी जनाधिकार फोरम जैसे दल, जो फिलहाल क्रमश: 110, 103 और 52 सीटों पर जीते हैं, आपस में मिल जाएं तो गैर माओवादी सरकार बनने के आसार बढ़ जाएंगे। मगर फिलहाल यह धुंधली तस्वीर है। साफ तस्वीर उभरने के बाद ही पता चलेगा कि नेपाल किधर जाएगा।5

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies