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-भिक्षु जामयांगचीन के दमन से बचकर नेपाल के रास्ते 1993 में भारत आए भिक्षु जामयांग का शुरू में उद्देश्य तिब्बती धर्म-संस्कृति का अध्ययन और प्रचार-प्रसार था। धर्मशाला आने पर परम पावन दलाईलामा ने उन्हें कर्नाटक के एक बौद्धविहार में अध्ययन के लिए भेज दिया। फि
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