|
सह महामंत्री कृपा प्रसाद सिंह ने सम्मान स्वीकारादेर से प्राप्त एक समाचार के अनुसार गत 18 जून को ग्वालियर में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम को अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद राष्ट्रीय सम्मान-2006-07 से सम्मानित किया गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने आश्रम के अ.भा. सह महामंत्री श्री कृपा प्रसाद सिंह को यह सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा की पूर्व उपसभापति श्रीमती नजमा हेपतुल्ला, पूर्व सांसद श्री जयभान सिंह पवैया, रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री राममाधव, म.प्र. के संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह सम्मान इसी वर्ष म.प्र. के संस्कृति विभाग ने शुरू किया है। स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों, राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियां अर्जित करने वाले साधनारत मनीषी/संस्था को प्रतिवर्ष यह सम्मान अर्पित किया जाता है। सम्मान के अन्तर्गत 1,50,000 रु. की सम्मान निधि, प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान पट्टिका प्रदान की जाती है।कल्याण आश्रम को सम्मान दिए जाते समय जो प्रशस्ति पत्र दिया गया उसमें लिखा गया है-“प्रेरणा, प्रतीक्षा, पुरुषार्थ और प्रगति के सूत्रों को अपने सेवाभावी संस्कारों में साकार करने की अनुष्ठानिक मिसाल है- अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम केन्द्र। 1952 में जशपुर (छत्तीसगढ़) से शुरू हुआ यह अभियान अपने पवित्र संकल्पों को दृढ़ता से अंगीकार करता हुआ गति, गौरव और गरिमा के सोपान गढ़ चुका है। सेवा की महान संकल्पना में इस केन्द्र ने सदियों से अलक्षित उस वनवासी समाज की उन्नति का उद्देश्य रखा जिसके जीवन तथा संस्कृति के धूसर पन्नों पर उत्कर्ष की सुनहरी इबारतें दर्ज हैं। जंगलों में जीवन यापन कर रहे ऐसे समुदायों के चहुंमुखी विकास के लिए चरणबद्ध सामूहिक समर्पण का ही प्रतिफल है कि वनवासी कल्याण केन्द्र आज नि:स्वार्थ सेवा का मानक बन गया है।अपने सरोकारों में शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, खेलकूद और राष्ट्रीय चेतना के उदात्त मूल्यों को अंगीकार करते हुए इस संस्था ने जनजातीय समाज में एक आत्मीय रचनात्मक रिश्ते का सूत्रपात किया। यह केन्द्र छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमाओं को पार कर आज वनवासी बहुल सुदूर प्रदेशों में सक्रियता के साक्ष्य गढ़ रहा है। आज कल्याण आश्रम की शाखाएं असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैण्ड जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा महाकौशल तथा बिहार में भी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रही हैं। अनेक शालाएं, छात्रावास, चिकित्सा केन्द्र, क्रीड़ा केन्द्र, कला-संस्कृति संकुल, ग्राम विकास तथा जन-जागृति की इकाइयों का संचालन बच्चों, पुरुषों तथा महिलाओं के लिए किया जा रहा है। आश्रम द्वारा संचालित लगभग तेईस सौ शिक्षा केन्द्रों में आज लगभग छह हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन, देशभक्ति, चरित्र गठन तथा संस्कार सुलभ गतिविधियों से जीवंत संलग्नता बनाए हुए हैं। श्रद्धा जागरण के जरिये सांस्कृतिक विरासत से जनजातीय समाज की नातेदारी को प्रगाढ़ करने की परिकल्पना भी साकार हुई है। आश्रम द्वारा वनवासी वीरों, संतों, समाज सेवकों के जन्म दिवस, बलिदान दिवस मनाकर न केवल उनकी स्मृति को अक्षुण्ण रखने की पावन भावना मुखरित होती है। बल्कि उनके अप्रतिम अवदान प्रतिकृत होने की प्रेरणा भी जागती है।मध्य प्रदेश शासन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, जशपुर (छत्तीसगढ़) को राष्ट्रीयता पर विदेशी औपनिवेशिक विघटनकारी आघातों के समक्ष सेवा, करुणा, मैत्री तथा राष्ट्रभक्ति द्वारा वीरोचित जनजातीय प्रतिरोध सुसंगठित कर भारतीयता की पहचान एवं स्वाधीनता संग्राम और सेवा के आदर्शों के अनुरक्षण में यशस्विता के मानार्थ 2006-07 के अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रीय सम्मान से सादर विभूषित करता है।” प्रतिनिधि28
टिप्पणियाँ