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श्रमिक आंदोलन का एक अविश्रांत पथिकरमण भाई शाहजन्म- 31 दिसम्बर 1926, निधन- 1 अगस्त, 2007भारतीय मजदूर संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमण भाई शाह नहीं रहे। गत 1 अगस्त को पुणे में उनका निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे।31 दिसम्बर, 1926 को पुणे के तलेगांव दाभाड़े में जन्मे श्री रमण गिरधर शाह ने पुणे विश्वविद्यालय से स्नातक (बी.एससी.) तक की शिक्षा प्राप्त की। विद्यार्थी काल में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आए। अध्ययन के दौरान उन्होंने संघ के तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् वे दो वर्ष तक संघ के प्रचारक रहे। बाद में मुम्बई की स्वस्तिक रबर फैक्ट्री में नौकरी की। यहीं उन्होंने एक राष्ट्रवादी मजदूर यूनियन की स्थापना की। उल्लेखनीय है कि तब तक भारतीय मजदूर संघ की स्थापना नहीं हुई थी। सन् 1953 में जब भोपाल में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना हेतु बैठक हुई, तब दत्तोपंत ठेंगडी जी ने उन्हें उसमें बुलाया था। रमण भाई भारतीय मजदूर संघ के संस्थापकों में से एक थे। मजदूर संघ की स्थापना से लेकर अन्तिम सांस तक वे मजदूर हितों के लिए ही कर्मशील और चिंतनशील रहे।रमण भाई विवाहित थे। उनकी सहधर्मिणी श्रीमती पन्ना बेन पुणे में ही रहती हैं। पन्ना बेन के साथ उनके भाई श्री विपिन भी रहते हैं। पारिवारिक होते हुए भी रमण भाई देशभर में निरंतर प्रवास करते रहते थे। उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी, मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं को ही वे पुत्रवत् मान स्नेह देते थे और उनका मार्गदर्शन करते थे। 1960 में पारिवारिक सम्पत्ति के बंटवारे में मिली एक बड़ी राशि उन्होंने भारतीय मजदूर संघ को अर्पित कर दी थी। उन्होंने जीवन भर कभी प्रथम श्रेणी के रेल डिब्बे में यात्रा नहीं की। प्रवास में सदैव साधारण शयनयान का ही प्रयोग किया।रमण भाई की मजदूर क्षेत्र में तब ख्याति हुई जब 20 अगस्त, 1963 को उन्होंने मुम्बई बन्द का नेतृत्व किया। 1972 में भारतीय मजदूर संघ के तृतीय अखिल भारतीय अधिवेशन में भी वे हजारों घरेलू कामगार महिलाओं को लेकर पहुंचे थे। मुम्बई में असंगठित रूप से काम करने वाली महिलाएं पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एकत्र हुई थीं। रमण भाई के इस प्रयास की सराहना अन्तरराष्ट्रीय स्तर के मजदूर संगठनों ने भी की। रमण भाई को इस बात का भी श्रेय दिया जाता है कि उनके अध्यक्षता काल में भारतीय मजदूर संघ देश का सबसे बड़ा केन्द्रीय श्रमिक संगठन घोषित हुआ। मृदुभाषी, मिलनसार तथा सादगीपूर्ण जीवनयापन करने वाले रमण भाई सन् 1993 से सन् 2002 तक भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। मजदूर संघ के संस्थापक श्री दत्तोपंत ठेंगडी के निधन के पश्चात् रमणभाई ही कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक और संरक्षक थे। उनके निधन से भारतीय मजदूर संघ सहित देश के श्रमिक आन्दोलन का एक अविश्रांत पथिक हमारे बीच से चला गया।पाञ्चजन्य परिवार की ओर से स्व. रमण भाई शाह को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित है।13
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