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न अलग झण्डा, न अलग विधानजम्मू-कश्मीर सरकार का प्रदेश के लिए अलग झण्डे का मुद्दा उस पर ही उल्टा पड़ गया है और उसके लिए मुंह छुपाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश का अलग झण्डा बनाए रखने की कांग्रेसनीत गठबंधन सरकार की मुहिम अब विवाद का विषय बन चुकी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक खजूरिया ने तो सार्वजनिक रूप से सरकार और नेशनल कांफ्रेंस को चुनौती दी है कि अगर सरकार उनके नारे “एक विधान-एक निशान” को गलत मानती है तो उन्हें गिरफ्तार करे। श्री खजूरिया ने खुलेआम मांग की है कि जम्मू-कश्मीर को 1957 में प्राप्त हुआ अलग झण्डा समाप्त किया जाए और राज्य का शासन भारतीय संविधान के अन्र्तगत किया जाए।भाजपा के करीब 5 दशक पुराने एक विधान, एक निशान, एक प्रधान के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में केवल भारतीय संविधान और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को मान्य करने की मांग उठाती आ रही है। श्री खजूरिया गत 25 जनवरी को जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद राज्य विधानसभा में विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों ने भारी बवाल खड़ा किया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। इस पर तीखा रुख अपनाते हुए श्री खजूरिया ने खुलेआम चेतावनी दी कि अगर एक विधान, एक निशान के नारे को सरकार गलत मानती है तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए। नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों ने तो इस मुद्दे पर इतनी हाय-तौबा मचाई की सदन की कार्रवाई कई बार बाधित हुई।पत्रकार वार्ता में श्री खजूरिया ने कहा, “अगर मैं गलत हूं तो गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं। लेकिन एक देशभक्त के नाते, एक भारतीय के नाते मुझे आवाज बुलंद करने से कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने कहा कि देश के ध्वज का मुद्दा हर देशभक्त की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। देश की स्वतंत्रता के 10 साल बाद 1957 में जम्मू-कश्मीर का, इस तथ्य के बावजूद, अलग झण्डा बना दिया गया कि यह राज्य भारत का अभिन्न अंग है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर 15 फरवरी से भाजपा रैलियां आयोजित करके लोगों में जागृति पैदा करेगी कि एक भारतीय के नाते हमें राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना है न कि किसी प्रादेशिक ध्वज का। भाजपा सम्भवत: मार्च में श्रीनगर स्थित लाल चौक पर एक बड़ी रैली आयोजित करके “एक निशान- एक विधान” की आवाज बुलंद करेगी। खजूरिया एस.कान्त28
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