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-दिनेश चंद्र, उत्तर क्षेत्र प्रचारक, रा.स्व.संघविश्वनाथ जी को जब निकट से देखा, सुना, समझा उसमें से यह बात स्पष्ट हुई कि वे बड़े परिपक्व विचारों और बड़े मन के थे। वे बड़े शांत मन से, संतुलित होकर उचित व्यक्तियों का चयन करते और उन्हें उचित काम में लगाते थे। स्
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