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बंगाल दिनांक-1 बंगाल-तड़प दूसरी आजादी की बेहाल बंगाल कम्युनिस्टों के शिकंजे से आजादी मांग रहा है बंगाल क्या चुनाव आयोग यहां भी सच्चाई और ईमानदारी से चुनाव कराने में सफल होगा?संप्रग सरकार ने बनाया अल्पसंख्यक मंत्रालय साम्प्रदायिक नफरत और दूरियां बढ़ाने की राजनीति? विशेष टिप्पणी, डा. नजमा हेपतुल्ला, सरदार तरलोचन सिंह सैयद शहाबुद्दीन सैयद शाहनवाज हुसैन शाहिद सिद्दिकी तनवीर हैदर उस्मानीकेरल का एक अनूठा कीर्तिमान 6000 घोषवादकों ने 700 कि.मी. संचलन करके गणतंत्र दिवस पर दिया संदेश सजग रहो, सबल बनो प्रयाग धर्मसंसद का आह्वान-निरंतर बहे गंगा की निर्मल धारप्रयाग धर्म संसद ने किया हिन्दू समाज का आह्वान शत्रुओं को पहचानें, परास्त करें -प्रयाग से हरिमंगलइस सप्ताह का कार्टूनजय हनुमान – 23विचार-गंगापचास वर्ष पहलेआपका भविष्यऐसी भाषा-कैसी भाषा रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न बनाने पर बिल्डरों को नोटिसश्रद्धाजलि खान अब्दुल वली खान नहीं रहे सच्चे भारत मित्र प्रतिनिधिगवाक्ष किसी दिये पे अंधेरा उछाल कर देखोसंस्कृति-सत्य स्वामी हरिदास की कृपा से अकबर में आया बदलाव वचनेश त्रिपाठी “साहित्येन्दु”चर्चा-सत्र धधक रह है बलूचिस्तान जनरल (से.नि.) वी.पी. मलिकगहरे पानी पैठ आतंक के नए अड्डेमंथन क्या भाजपा-वंशवाद गठबंधन सम्भव है? देवेन्द्र स्वरूपपूज्य सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन श्री गुरुजी जन्मशताब्दी समारोह समिति मेंमाकपा से मुक्ति दिलानी ही होगी – सिद्धार्थ शंकर रे, पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेतासरस्वती नमस्तुभ्यम् … – -डा. वेदज्ञ आर्य, पूर्व अध्यक्ष, संस्कृत-हिन्दी विभाग, सेन्ट स्टीफन्स कालेज (दिल्ली)तिरुअनन्तपुरम में रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह मोहनराव भागवत ने चेताया सावधान, खतरा मंडरा रहा हैकोलकाता में नेताजी के जन्मदिवस पर स्वयंसेवकों का पथ संचलनबिहार बंगलादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध भागलपुर में जनांदोलन – संजीव कुमारवल्र्ड आर्गेनाइजेशन आफ स्टूडेंट्स एण्ड यूथ” का पुनर्गठन सुशील पण्डित अध्यक्ष और रमेश पप्पा बने महामंत्री – प्रतिनिधि”स्वास्थ्य वाटिका” का लोकार्पण – प्रतिनिधिप्रयाग धर्म संसद ने किया हिन्दू समाज का आह्वान शत्रुओं को पहचानें, परास्त करें – -प्रयाग से हरिमंगलसंतों ने छेड़ा निर्मल- अविरल गंगा हेतु अभियानसरोकार ऐसे रोकें जंगली जानवरों को – डा. तारादत्त “निर्विरोध”मकर संक्रांति पर्व पर सामूहिक खिचड़ी भोज का आयोजन साथ-साथ, न कोई भेद-भाव – डा.वी.वी. पाण्डेयदिल्ली में दादा साहब आपटे जन्म शताब्दी वर्ष समापन समारोह सबको जोड़ा, सबको साथ लिया -कुप्.सी.सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ – प्रतिनिधि2संघ के विरुद्ध समाचारों का रहस्यराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक प. पू. श्री गुरुजी ने समय-समय पर अनेक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। वे विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे। इन विचारों से हम अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और सुपथ पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। इसी उद्देश्य से उनकी विचार-गंगा का यह अनुपम प्रवाह श्री गुरुजी जन्म शताब्दी के विशेष सन्दर्भ में नियमित स्तम्भ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। -संश्री गुरुजीकुछ समय पूर्व तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री ने समाचार-पत्रों में संघ के विरुद्ध प्रकाशित एक समाचार की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट किया। प्रत्युत्तर में मैंने उक्त मंत्री महोदय को यही कहा कि ऐसे समाचार तो उनके मंत्रालय द्वारा ही समाचार-पत्रों को दिए जा रहे हैं। मंत्री महोदय निरुत्तर हो गए। इसके बाद एक अन्य समाचार-पत्र में “संघ का रहस्य” शीर्षक से एक लेख प्रकाशित हुआ। मुझे आश्चर्य है कि शिक्षित पुरुष भी रहस्यों एवं चमत्कारों की चर्चा करते हैं। कोई भी वस्तु रहस्य उसी समय तक रहती है, जब तक उसे समझने में कोई असफल रहता है। लगभग तीस वर्ष पूर्व मैं कुछ स्वयंसेवक बंधुओं के साथ डाक्टर साहब से भेंट करने अकोला स्टेशन पर गया था। जैसे ही गाड़ी प्लेटफार्म पर आई, हम लोगों ने एक ग्रामीण व्यक्ति को बेतहाशा भागते देखा। मैंने जब उससे उसके भागने का कारण पूछा तब उसने बताया कि वह यह देखना चाहता था कि गाड़ी के इंजन को खींचने के लिए कितने बैल उसमें जोते गए थे। उस अबोध ग्रामीण ने उसके पूर्व रेलगाड़ी नहीं देखी थी इसलिए वह घोड़ों की भी कल्पना नहीं कर सकता। “रहस्य-चर्चा” करने वाले इन व्यक्तियों को देखकर मुझे उक्त ग्रामीण का स्मरण हो आता है। लेकिन दोनों में एक अंतर अवश्य है और वह यह है कि “रहस्य-चर्चा” करने वाले इन व्यक्तियों में उस ग्रामीण सरीखी अबोधता नहीं है।(साभार: श्री गुरुजी समग्र : खंड 9, पृष्ठ 18, 19)3
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