|
सबीना के संजाल में फंसे सब
गत 29 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में तीन लोगों को गिरफ्तार कर घाटी में अब तक के सबसे बड़े यौन संजाल को उजागर किया। देह व्यापार एवं अश्लील फिल्म तैयार करने के इस कांड से बाद में जो तथ्य सामने आए, उनसे घाटी के राजनीतिक गलियारों में हलचल मची है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस कांड में कई प्रभावशाली नेताओं सहित सेना व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, कई कारोबारी एवं एक पूर्व आतंकवादी भी शामिल हैं। इस मामले में सत्ताधारी गठबंधन के कुछ नेताओं के शामिल होने की खबर से सकते में आई कांग्रेस व पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट की साझा सरकार ने शुरू में इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। लेकिन भारी जनाक्रोश के कारण अंतत: इस मामले को सी.बी.आई. को सौंपना पड़ा। वहीं इस शर्मनाक कांड में पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब तक इस यौनाचार संजाल की सरगना मानी जानी वाली सबीना सहित तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें आत्मसमर्पण कर चुका एक आतंकवादी मेराजुद्दीन भी शामिल है। बताया जाता है कि यह व्यक्ति ही लड़कियों को नशा देकर अथवा पैसे का लालच देकर उनकी अश्लील फिल्में तैयार कर लेता था और फिर उन पर दबाव डालकर वेश्यावृति के लिए मजबूर करता था। गिरफ्तार अन्य लोगों में नसीर अहमद और रियाज लंगू भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार इससे पहले श्रीनगर के हब्बा कदल के वरिष्ठ नागरिकों ने पुराने शहर शहीदगंज थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया कुछ लोग नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल कर उन पर अश्लील फिल्मों में काम करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने पुलिस को दो सीडी भी दीं जो स्थानीय लड़कियों पर फिल्माई गई थी। पुलिस ने बताया कि उसमें से एक 15 वर्षीय लड़की की पहचान कर पूछताछ करने पर यह कांड सामने आया। अश्लील फिल्म में दिखाई गई यास्मीना ने बताया कि अलग अलग उम्र की 42 और महिलाएं हैं जिन्हें डरा-धमकाकर या बहला फुसलाकर देह व्यापार और अश्लील फिल्म बनाने के षड्यंत्र में शामिल किया गया है। यास्मीना ने सबीना की करतूतों पर से पर्दा भी उठाया।
इस कांड के सामने आने के बाद घाटी में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई। लोग इस कांड में लिप्त आरोपियों के नाम सामने लाए जाने की मांग करने लगे। इसी मांग को लेकर राज्य में एक दिन का बंद भी रखा गया, कई धरने प्रदर्शन किए गए। कश्मीर बार एसोसिएशन तो इस संबंध में राज्य के उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर कर चुका है। मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने पूरे मामले पर नजर रखने के लिए न्यायमूर्ति बशीर अहमद की अध्यक्षता में एक सदस्यीय खंडपीठ का गठन कर दिया।
पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में सत्ताधारी गठबंधन के तीन बड़े नेताओं के अतिरिक्त चार अन्य विधायक, तीन पुलिस अधीक्षक, सात डी.एस.पी., सीमा सुरक्षा बल के एक डी.आई.जी., 10 स्थानीय व्यवसायियों और कई सरकारी अधिकारियों के नाम दर्ज हैं जिनके पास इन लड़कियों को भेजा जाता था। माना जा रहा है कि 5 मई को श्रीनगर में प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ का उग्र होकर यौनाचार संजाल की कथित सरगना सबीना के घर पर जबरदस्त तोड़ फोड़ करना एक सोची समझी योजना थी। इस भीड़ में शामिल कुछ संदिग्ध लोगों ने सबीना के घर से उन सभी दस्तावेजों और पुख्ता सबूतों को जला दिया जो जांच के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे। स्वयं पुलिस कहती है कि भीड़ कुछ आपत्तिजनक चीजें अपने साथ ले गई जिसमें ए.एस.आई. और बी.एस.एफ. के कुछ अधिकारियों की तस्वीरें भी थीं। सवाल उठता है कि पुलिस ने उग्र भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की? इससे भी बढ़कर, जब सबीना के घर को सीलबंद कर दिया गया था तो भीड़ बिना पुलिस की अनुमति के घर का सामान बाहर ले कैसे गई?
फिलहाल सी.बी.आई. इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। इसके समक्ष दिए बयान में सबीना और पीड़ित लड़की ने 50 पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों सहित 42 युवतियों के नाम बताए जो इस कांड में शामिल हैं। सी.बी.आई. ने आरोपियों की पहचान भी कराई है जिनमें कुछ राजनेता भी उपस्थित थे। लेकिन जांच की धीमी रफ्तार से नाराज जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने 29 मई को सी.बी.आई. को निर्देश देते हुए कहा कि वह चार अलग-अलग दलों का गठन कर ताकि इस यौनाचार संजाल मामले की त्वरित एवं प्रभावी जांच हो सके। खण्डपीठ ने कहा कि राज्य पुलिस की केस डायरी और यासमीना के बयान से पता चलता है कि पीड़िता ने कुछ खास लोगों के नाम का खुलासा किया था लेकिन पर्याप्त समय होने के बावजूद सी.बी.आई. उन सभी लोगों से पुछताछ नहीं कर सकी। वहीं राज्य उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां अब्दुल कयूम ने सी.बी.आई. पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसी अपना सारा ध्यान आरोपियों की पहचान कराने पर लगा कर आरोपियों को गैर जमानती वारंट हासिल करने का समय दे रही है। प्रतिनिधि
16
टिप्पणियाँ