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बिल्ली अशुभ क्यों?
बिल्ली द्वारा रास्ता काटे जाने को लोग अशुभ मानते हैं। आप इसको किस रूप में देखती हैं?
-ऋषिदेव महतो
प्रेमनगर, सबौर, भागलपुर (बिहार)
मैं इसे अशुभ नहीं मानती। रास्ता काट करके बिल्लियां अच्छे भाग्य का संकेत देती हैं। मैं बहुत खुश होती हूं जब कोई बिल्ली मेरा रास्ता काट दे, क्योंकि मैं जानती हूं कि मेरा दिन अच्छा गुजरेगा। बहुत से मुल्कों में बिल्ली को देवता मानकर पूजा की जाती है, क्योंकि बिल्ली शुभ मानी जाती है। आप भी बिल्ली अवश्य पालिए।
मैंने दो बिल्लियां पाली हैं। मेरे एक मित्र मुझे बार-बार कहते हैं कि बिल्ली पालना अशुभ, अस्वास्थ्यकर है। क्या यह सच है?
-इंदिरा किसलय
बल्लालेश्वर, रेनुका विहार, नागपुर (महाराष्ट्र)
आपके मित्र बिल्कुल ही गलत बात करते हैं। बिल्ली का इतिहास पढ़िए, हर देश में इसको पूजनीय माना जाता है। यह एक बुद्धिमान प्यारा जानवर है। अमरीका और यूरोप में बिल्लियां कुत्तों से ज्यादा पाली जाती हैं। क्या इन सबका मतलब अशुभ होता है? बिल्लियां कोई भी रोग नहीं लातीं, बल्कि यह एक साफ सुथरा जानवर है।
थ्कुत्ते और बिल्ली का रोना खराब माना जाता है एवं लोग उनकी आवाज सुनकर उन्हें मारने दौड़ते हैं। क्या यह अन्याय नहीं है?
-राजेश्वर चौधरी
अधिवक्ता, मधुबनी चौक, पूर्णिया (बिहार)
दृजानवर रात को रोते नहीं हैं- ये आपस में अपनी ठंड या भूख का दुखड़ा एक-दूसरे को अपनी आवाज में बयान करते हैं। जो लोग ऐसा करने पर उनको मारते हैं उनको चाहिए कि एक-दूसरे को भी पीटें, क्योंकि वे भी तो अपने बारे में एक-दूसरे को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हैं।
क्या सांपों से कोई लाभ मिलता है?
किसन बहादुर थापा
नैनीताल (उत्तरांचल)
सांप सबसे अधिक लाभदायक होता है। अगर आप सांप को खत्म कर दें तो करोड़ों चूहे पूरे देश का अनाज खा जाएंगे। भारतीय खाद्य निगम सांपों को पालने के बारे में सोच रहा है, ताकि उन्हें अनाज के गोदामों में डाल दें और एक तिहाई अनाज बच जाए जिसे चूहे खा जाते हैं। अगर आप सांपों को नष्ट कर देंगे तो चील जैसे पक्षी भी खत्म हो जाएंगे जो सांपों को खाते हैं। यदि इस तरह के पक्षी खत्म हो गए तो बहुत सारे पेड़-पौधे भी खत्म हो जाएंगे, क्योंकि इनका फैलाव इन्हीं पक्षियों के द्वारा होता है। महाभारत में सांप और मनुष्य एक-दूसरे से मिले हुए हैं। कृष्ण के भाई बलराम शेषनाग के अवतार हैं। अर्जुन की शादी एक नाग कन्या उलुपी से हुई थी। समुद्र मन्थन भी शेषनाग से हुआ था, जिससे अमृत निकला था। स्वयं विष्णु की शैय्या भी शेषनाग हैं। ऋषि-मुनि भी कह गए हैं कि सांपों को मारना अगली पीढ़ी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, इसलिए सांपों का संरक्षण करना चाहिए।
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