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भाजपा ने की अमरीका की निंदा और कहा-क्षमा मांगोशाहिद रहीमगत 2 जून, 2005 को भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश के अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश के अधिवक्ताओं, चिकित्सकों, पत्रकारों, लेखकों, व्यापारियों के लगभग 1500 मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ अमरीकी सेना द्वारा क्यूबा के “ग्वान्तानामो-बे” जेल में पवित्र इस्लामी ग्रंथ कुरआन शरीफ के अपमान का विरोध करते हुए एक प्रदर्शन किया। साथ ही अमरीकी सरकार, संयुक्त राष्ट्र संघ और देश की संप्रग सरकार से “धार्मिक स्वतंत्रता” प्रदान करने की मांग की। उल्लेखनीय है कि ग्वान्तामो-बे, क्यूबा की धरती पर अमरीकी कब्जे वाला ऐसा क्षेत्र है जहां 11 सितम्बर की घटना के बाद सारी दुनिया से गिरफ्तार कर लाए गए आतंकवाद के आरोपियों को कैदी बनाकर रखा गया है। उन्हीं कैदियों को पिछले दिनों अमरीकी सेना ने पवित्र कुरआन के पन्ने फाड़कर “टिशु पेपर” की तरह उपयोग में लाने और उसे शौचालय में डालकर फ्लश चलाने का आदेश दिया। जिसने उनका आदेश नहीं माना उनके हाथ काट दिए गए। पवित्र कुरआन की प्रति शौचालय में रखी रही। इस आशय की खबर अमरीकी पत्रिका – “न्यूज वीक” ने छापी। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने अमरीका की जॉर्ज बुश सरकार से मांग की कि वह अपने सैनिकों द्वारा कुरआन शरीफ के अपमान की घटना पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, दोषी सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीकृत धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम-1998 के तहत दण्ड दें।शाहिद रहीमNEWS
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