स्त्री
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

स्त्री

by
Aug 5, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Aug 2005 00:00:00

हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भजेठानी से मिला मां जैसा प्यारप्रेमलता बैद,छतरीबाड़ी, गुवाहाटीमेरी सास, मेरी मां, मेरी बहू, मेरी बेटीजब भी सास बहू की चर्चा होती है तो लगता है इन सम्बंधों में सिर्फ 36 का आंकड़ा है। सास द्वारा बहू को सताने, उसे दहेज के लिए जला डालने के प्रसंग एक टीस पैदा करते हैं। लेकिन सास-बहू सम्बंधों का एक यही पहलू नहीं है। हमारे बीच में ही ऐसी सासें भी हैं, जिन्होंने अपनी बहू को मां से भी बढ़कर स्नेह दिया, उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। और फिर पराये घर से आयी बेटी ने भी उनके लाड़-दुलार को आंचल में समेट सास को अपनी मां से बढ़कर मान दिया। क्या आपकी सास ऐसी ही ममतामयी हैं? क्या आपकी बहू सचमुच आपकी आंख का तारा है? पारिवारिक जीवन मूल्यों के ऐसे अनूठे उदाहरण प्रस्तुत करने वाले प्रसंग हमें 250 शब्दों में लिख भेजिए। अपना नाम और पता स्पष्ट शब्दों में लिखें। साथ में चित्र भी भेजें। प्रकाशनार्थ चुने गए श्रेष्ठ प्रसंग के लिए 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।जिस घर में मैं बहू बनकर गयी, वहां सास के रूप में मैंने अपनी जेठानी श्रीमती शांति बैद को पाया। मेरे पति तो उनकी गोद में खेले-खाये थे सो उम्र का अन्तर समझा जा सकता है। 35 वर्ष पूर्व एक साधारण आय वाले, नौ भाई तथा चार बहनों के बड़े परिवार में 16 वर्ष की आयु में बहू बनकर आई थीं मेरी जेठानी। पुराने विचारों के ससुरजी परदा-प्रथा के प्रबल समर्थक थे। घर में दूध-दही की कमी न थी क्योंकि 4 भैंसें और गाए थीं यहां। हमारी सास अत्यंत सरल स्वभाव की थीं। अपनी मां के घर में हमारी जेठानी ने सारे सुख पाए थे पर अपनी ससुराल में अपने शिशु देवरों की देखभाल करने का जो पारिवारिक प्रबंधन उन्होंने संभाला, वह आज भी मुझे अचंभित करता है। अपनी सौतेली सास के बच्चों की भी उन्होंने जो सेवा की, वह अनुकरणीय है। समाज द्वारा सौतेली कही जाने वाली सास की पुत्री के विवाह में अपने मायके से आये दहेज को सहजभाव से उन्होंने प्रस्तुत कर दिया। अपने दो सगे देवरों तथा सौतेली सास के दो पुत्रों में इन्होंने कोई भेद-भाव नहीं किया तथा उनकी शिक्षा की समुचित व्यवस्था की।सामान्य घरों से आईंअपनी देवरानियों के लिए उन्होंने एक अनुपम पारिवारिक व्यवस्था का निर्माण किया। हम बाकी बहुओं के मायके साधारण थे। अत: हमारे पास न उतनी साड़ियां थीं न तरह-तरह के अन्य वस्त्र। उन्होंने व्यवस्था की कि सभी की साड़ियां और कपड़े एक ही अलमारी में रहेंगे तथा उसमें ताला नहीं लगेगा, जिस भी बहू को बाहर जाना हो, वह उसी अलमारी से कपड़े निकालेगी तथा पहनेगी। इस तरह किसी भी बहू में उन्होंने हीन-भावना को पैदा नहीं होने दिया।श्रीमती प्रेमलता बैद के जेठ-जेठानी उनके पति (बैठे हुए)के साथ वैवाहिक रस्म सम्पन्न कराते हुएएक बार उनके मायके के किसी रिश्तेदार ने उन्हें ज्यादा काम न करने की सलाह के साथ परिवार से अलग होने की राय दी तथा जेठजी के लिए अलग व्यवसाय भी ठीक कर देने का आश्वासन दिया। मेरे जेठ इस प्रस्ताव पर थोड़ा विचलित हुए पर जेठानी ने उन्हें समझा-बुझाकर परिवार के साथ रहने को राजी कर लिया। इस बीच मेरी ननद अपने ससुराल से किसी रोग के चलते मायके आ गयीं तो उनकी सेवा-सुश्रुषा कर उन्होंने हमें नई प्रेरणा दी और हम लोग भी उनकी सेवा में जुट गए। पिछले चार वर्षों में मेरे सास-ससुर तथा रोगग्रस्त ननद ने प्राण त्यागे परन्तु वे सभी जेठानी द्वारा की गई सेवा से अभिभूत थे। अन्तिम समय में उन लोगों ने मेरी जेठानी को जिस तरह हाथ पकड़कर, सिरहाने बिठाकर आशीर्वाद दिया, उसकी याद कर मैं आज भी रोमांचित हो जाती हूं। उनके साधनायुक्त जीवन का ही परिणाम है कि उनकी दूसरी पुत्री एम.बी.बी.एस.की पढ़ाई पूरी कर आज डाक्टर बन गयी है। रोगियों की सेवा में वे अपनी मां के संस्कारों से प्रेरणा लेना नहीं भूलतीं। मुझे गर्व है कि मैं इस परिवार की बहू और उनकी देवरानी बनकर आयी हूं।प्रेमलता बैद,छतरीबाड़ी, गुवाहाटीNEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

Europe Migrant crisis:

Europe Migrant crisis: ब्रिटेन-फ्रांस के बीच ‘वन इन, वन आउट’ डील, जानिए क्या होगा असर?

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

Europe Migrant crisis:

Europe Migrant crisis: ब्रिटेन-फ्रांस के बीच ‘वन इन, वन आउट’ डील, जानिए क्या होगा असर?

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना की अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies