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कोक-पेप्सी भारत छोड़ोदेश की जनता प्यासी मरे और उसके पानी का भयानक दोहन विदेशी कम्पनियां करती रहें, भला यह कब तक चलेगा? केरल से लेकर काशी तक आज यह आवाज गूंज रही है, “कोक-पेप्सी भारत छोड़ो”। आखिर क्यों? क्योंकि इन कम्पनियों ने देश के उन 87 स्थानों पर, जहां इनकी उत्पादन इकाइयां हैं, के भू-जल का भयानक शोषण किया है। केरल के पलाछीमादा गांव के और वाराणसी के मेहंदीगंज के आस-पास जमीन के नीचे जल स्तर में तो तेजी से गिरावट आई है। मेहंदीगज में कोका-कोला कम्पनी की स्थापना के तीन वर्षों के भीतर भू-जल स्तर 60 मीटर नीचे चला गया, परिणामत: गांव के कुंए, हैण्डपम्प जवाब दे गए। इन कम्पनियों के खिलाफ अब जनता आन्दोलित हो गई है।NEWS
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