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हिन्दुस्थान समाचार की राष्ट्रीय संगोष्ठीआतंकवाद और घुसपैठ परमीडिया की चुप्पी घातकगत 18 दिसम्बर को बहुभाषी संवाद संस्था हिन्दुस्थान समाचार द्वारा नई दिल्ली में “मीडिया और भावी भारत” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री पी.ए. संगमा ने संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से जनसामान्य पर राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक प्रभाव पड़ता है। अत: समाज में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।इस अवसर पर लोकसभा के उपाध्यक्ष श्री चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि मीडिया को ऐसी सूचनाओं के प्रेषण से बचना चाहिए जो गलत हैं और जिनका प्रभाव देश के लिए नकारात्मक हो सकता है। विशिष्ट अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खंडूरी ने कहा कि मीडिया भविष्य निर्माण का साधन है, लेकिन बढ़ते व्यावसायीकरण ने उसकी छवि को प्रभावित किया है।वरिष्ठ पत्रकार श्री अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि खेद की बात है कि मीडिया अब पाठकों का नहीं बल्कि विज्ञापनदाता के हितों का पोषण कर रहा है। कार्यक्रम में श्री पी.ए. संगमा ने श्री रामशंकर अग्निहोत्री के काव्य संग्रह “सत्यम् एकमेव” का लोकार्पण भी किया। उद्घाटन सत्र के बाद तीन सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई। सुप्रसिद्ध इतिहासकार व स्तम्भकार श्री देवेन्द्र स्वरूप ने “जनसांख्यिक परिवर्तन और मीडिया” की भूमिका विषयक सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश में हो रहे जनसांख्यिक परिवर्तन को राजनीतिक दृष्टिकोण की बजाय सामाजिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। समाज का प्रहरी माना जाने वाला मीडिया इस समस्या को गंभीरता से न लेकर इसकी आलोचना करने में जुटा हुआ है।इस सत्र के मुख्य वक्ता चेन्नै स्थित सेंटर फार पालिसी रिसर्च के डा. जितेन्द्र बजाज ने कहा कि जनसांख्यिक परिवर्तन यदि इसी गति से होता रहा तो आने वाले समय में भारत की सीमाएं और छोटी हो जाएंगी। उतर-पूर्व के राज्यों में इस समय 90 प्रतिशत ईसाई हैं। एक दशक में इनकी संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है। इस संबंध में प्रज्ञा प्रवाह के सह-समन्वयक श्री राजेन्द्र चड्ढा ने कहा कि जनसांख्यिक असंतुलन के लिए मतांतरण और घुसपैठ प्रमुख रूप सेजिम्मेदार हैं।एक अन्य सत्र में ब्रिगेडियर (से.नि.) राज बहादुर शर्मा ने कहा कि आतंकवाद और घुसपैठ जुड़वां संकट हैं। सीमाओं पर मदरसों और मस्जिदों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति चाहे जितना वादा करें, वह आतंकवाद को समाप्त नहीं कर सकते हैं। शिलांग से आए प्रो. बी.बी. दत्त ने कहा कि उत्तर-पूर्व में आतंकवाद की समस्या का प्रमुख कारण ईसाइयत और बंगलादेशी घुसपैठियों की बढ़ती जनसंख्या है।”भारत की सुरक्षा और मीडिया” विषयक सत्र के अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खंडूरी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सेना की खबरों को सनसनीखेज बनाने से बचना चाहिए और यदि कोई एक व्यक्ति अपराध करता है तो उसके लिए सेना को जिम्मेदार ठहराने की प्रवृत्ति को त्यागना चाहिए।सत्र में अपने विचार रखते हुए तरुण भारत (मुंबई) के संपादक श्री मिलिंद गाडगिल ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के रक्षा जैसे संवेदनशील विषयों पर सनसनीखेज समाचार देने से बचना चाहिए। प्रसिद्ध पत्रकार श्री शाहिद रहीम ने कहा कि बंगलादेशी घुसपैठियों ने असम के कई विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पैठ बना ली है। इस आयोजन में देशभर से आए प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। हिन्दुस्थान समाचार के संपादक डा. रवीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रबुद्ध वर्ग का संगोष्ठी में भाग लेना इस बात का द्योतक है कि समाचार जगत में हिन्दुस्थान समाचार की कितनी महती आवश्यकता है।-प्रतिनिधितलपटलंदन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र “द टाइम्स” में “फोकस आन रिलीजन” के हवाले से जानकारी दी गई है कि ब्रिटेन में बसे 1.60 करोड़ मुसलमानों के बच्चे शायद ही अपने घर के मालिक बनें। “आफिस फार नेशनल स्टैटिस्टिक्स” द्वारा प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि इन बच्चों को भीषण बीमारी और बेरोजगारी की अति उच्च दर का सामना भी करना पड़ेगा। साथ ही यह भी बताया गया है कि अन्य मतानुयायियों के बच्चों की तुलना में मुस्लिम बच्चों के पास शैक्षणिक योग्यताएं कम होंगी।NEWS
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