|
पूर्व सैनिकों को संगठित करने वाले अभिनव भगीरथ-कुप्.सी. सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व.संघरा.स्व.संघ के पूज्य सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन ने स्व. ग्रुप कै. मनोज घोष के प्रति श्रद्धाञ्जलि स्वरूप जो वक्तव्य जारी किया, उसका अविकल पाठ यहां प्रस्तुत हैं।-सं.मनोज दा आप भी हम को छोड़कर चले गए। अभी 14 दिसम्बर को ही आपको देखने सैनिक अस्पताल गया था। तब आपका वही आशावादी रुख और उमंग ज्यों की त्यों बरकरार थी, जिस उमंग से आपने पूर्व सैनिक सेवा परिषद् का गठन किया था। वैसे तो पूर्व सैनिकों के योगक्षेम की चिंता करने वाली कई संस्थाएं हैं, किन्तु समाज के अनुशासित अंग को सेवा कार्यों में लगाने का आपका विचार अभिनव था और आप शीघ्र ही इस संस्था के प्राण केन्द्र बन गए। पहले दिल्ली, मुम्बई इत्यादि शहरों में सम्मेलन करके आप की योजना कलकत्ता में भी एक सम्मेलन करने की थी। उसी निमित्त आप जुटे भी थे, किन्तु ईश्वर को वह मंजूर नहीं था और उसने आपको हम सबके बीच से उठा लिया। मुझे विश्वास है कि जो प्रेरणा देश के अनेक बन्धुओं में आपने जगाई वे उसे उसी संकल्प के साथ आगे बढ़ाएंगे जिस संकल्प के साथ आप काम करते थे। ज्येष्ठ सक्रिय स्वयंसेवक स्व. मनोज दा को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।NEWS
टिप्पणियाँ