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एक खुली किताब सा जीवनपूर्व प्रधानमंत्री श्री पी.वी. नरसिंह राव का गत 23 दिसम्बर को निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। उनके निधन पर सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश को न सिर्फ स्थिरता दी बल्कि भारत को आर्थिक सुधारों की नई राह पर ले गए। पामुलपर्ति वेंकट नरसिंह राव का जन्म 28 जून, 1921 को आंध्र प्रदेश के करीमनगर जिले में एक कृषक परिवार में हुआ था। उन्हें तेलुगू, अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू, मराठी, तमिल, कन्नड़, संस्कृत, फारसी, अरबी, फ्रांसीसी तथा स्पेनिश भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के अलावा वे कवि, पत्रकार, लेखक और वकील भी थे। उनकी लिखी आत्मकथनात्मक पुस्तक “इनसाइडर” उनकी सशक्त लेखन प्रतिभा का परिचय देती है। राजनीति में उनका प्रवेश हैदराबाद के स्वतंत्रता संग्राम के समय कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में 1956 में हुआ। करीब दो दशक बाद 1977 में उनका लोकसभा में प्रवेश हुआ। इससे पूर्व 1971 से 1973 तक वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1975-76 में पहली बार वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किए गए। स्व. राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में श्री राव ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रक्षा, मानव संसाधन विकास और विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सम्भाली। 1991 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के साथ देश में लगातार पांच साल तक आर्थिक सुधारों को लागू किया। हालांकि इस दौरान उनके साथ कुछ विवाद भी जुड़े। लेकिन मूलत: श्री पी.वी. नरसिंह राव सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।NEWS
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