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कोलकाता में स्वामी विवेकानंद पर संगोष्ठीस्वामी विवेकानन्द की चेतावनी आज भी प्रासंगिक- पी. परमेश्वरन, अध्यक्ष-विवेकानन्द केन्द्र (कन्याकुमारी)गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री पी. परमेश्वरनगत दिनों विवेकानन्द केन्द्र की कोलकाता इकाई द्वारा “स्वामी विवेकानन्द के विचारों का आज के संदर्भ में उपयोग” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात चिंतक और विवेकानंद केन्द्र (कन्याकुमारी) के अध्यक्ष श्री पी. परमेश्वरन मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। संगोष्ठी में श्री परमेश्वरन ने कहा कि स्वामी जी ने हिन्दुओं के मुस्लिमकरण एवं ईसाईकरण के बारे में बहुत पहले ही चेतावनी दे दी थी। हाल ही में आए जनसंख्या आंकड़े स्वामीजी की उसी चेतावनी की पुष्टि करते हैं। राष्ट्र जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं था जिस पर वे विचार नहीं करते थे। भारत की गरीबी एवं अशिक्षा स्वामीजी को व्यथित एवं दु:खी करती थी। उन्होंने कहा कि स्वामीजी आध्यात्मिक मार्ग के जरिए भारत का भौतिक एवं प्रौद्योगिक विकास चाहते थे। शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामीजी ने भारत के “वसुधैव कुटुम्बकम” के विचार को सर्वत्र गूंजाया। हर दृष्टि से स्वामीजी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। विवेकानंद केन्द्र स्वामीजी के इन्हीं विचारों का प्रसार करने में प्रयासरत है।इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री शिवाजी घोष ने उपस्थितजन को केन्द्र की जानकारी दी। श्री जनार्दन घोष ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।21
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