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25 सूत्रीय दृष्टि पत्र- 2004महाशक्ति भारतदृष्टि-पथआलोक गोस्वामीरामनवमी (30 मार्च) के दिन अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनाने और देश में राम राज्य स्थापित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धताएं रेखांकित करते हुए भाजपा ने अपना 25 सूत्रीय दृष्टि पत्र-2004 जारी किया। हिन्दुत्व के सनातन मूल्यों पर अडिग रहते हुए समाज में सौमनस्यता लाने की बात कहकर भाजपा ने इस दृष्टि पत्र के जरिए उन तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने की चेष्टा ही की है कि भाजपा लीक से हट चुकी है, भाजपा सत्ता में रहकर अपने दर्शन को भूलती जा रही है आदि-आदि। दृष्टि पत्र प्रस्तुत करने के पीछे पार्टी की कोशिश है देश और दुनिया से जुड़े विभिन्न विषयों पर एक विशिष्ट पार्टी के नाते भाजपा का चिंतन सबके सामने रखा जाए। यह पुन: इस बात की आश्वस्ति करता है कि भाजपा वही है जिसके सिद्धान्त और दर्शन पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय ने पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ की स्थापना के समय गढ़े थे, जिनके अनुसार समाज में सौहार्द और ग्राम विकास के जरिए समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान ही राष्ट्रवादी राजनीति का एकमात्र लक्ष्य है।दरअसल यह सही भी है, क्योंकि जिस देश की 75 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृषि में संलग्न हो, गांवों में बसती हो, वहां ग्रामीण उत्थान प्राथमिकता होनी ही चाहिए। भाजपा अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा भी कि ग्राम राज्य ही राम राज्य का मार्ग है, अत: अपने दृष्टि पत्र में भाजपा ने ग्राम उत्थान को प्राथमिकता दी है।अगर आपकी अर्थव्यवस्था में तेजी से उछाल दिखे और 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हो तथा साथ ही क्रिकेट के मैदान में आपकी टीम पाकिस्तान की टीम को बुरी तरह रौंद दे तो यह सुखद अहसास ही कहलाएगा। इसी सुखद अहसास के साथ भाजपा ने दृष्टिपत्र के जरिए लोकसभा चुनाव-2004 की रणभेरी फूंकी है। इसके पहले ही बिन्दु में घोषणा की है कि भाजपा भारत को 2020 तक एक विकसित राष्ट्र तथा महाशक्ति बनाने की ओर अग्रसर है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों का आकलन करते हुए भाजपा ने अपनी दिशा और दशा का विस्तार से विवेचन किया है। इसमें राष्ट्र की आंतरिक और बाह्र सुरक्षा, आर्थिक सुधारों का बेहतर क्रियान्वयन, गांव व शहर के बीच दूरियों को पाटना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल, आवास, सिंचाई, बिजली, सड़कें, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, दूरसंचार आदि क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया है।पार्टी ने दूसरी हरित क्रांति पर बल देते हुए कृषि और कृषि आधारित उद्योगों के विकास की बात की है। पार्टी भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में चोटी पर पहुंचाने की सोच रखती है। विश्व अर्थव्यवस्था में आ रहे मूलभूत बदलाव के लिए देश को तैयार करने और स्वदेशी उद्योगों को बेहतर प्रतियोगिता के लिए सुदृढ़ करने के प्रति पार्टी ने अपने संकल्प को दोहराया है।अयोध्या में राम मंदिर बने और उसके लिए बातचीत से ही समाधान तलाशने को प्रमुखता दी गयी है। इस संदर्भ में श्री नायडू ने कहा कि यह पूरे देश की इच्छा है कि अयोध्या में सर्वसम्मति से राम मन्दिर बने। भाजपा ने हिन्दू और मुस्लिम पांथिक व सामाजिक नेताओं से बातचीत के जरिए सर्वमान्य हल खोजने की अपील की है। इसके साथ ही सभी मत-पंथों से भेदभावरहित व्यवहार, सभी को न्याय-तुष्टीकरण किसी का नहीं, का मूलमंत्र तो है ही। दृष्टि पत्र में अल्पसंख्यक वर्ग, विशेषकर मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए तीन आश्वासन दिए गए हैं-शिक्षा, आर्थिक उन्नति और सशक्तिकरण।एक और अहम मसला है समान नागरिक संहिता का। सर्वोच्च न्यायालय ने भी समान नागरिक संहिता बनाने की बात की थी। लेकिन इसके साथ ही भाजपा मानती है कि समान नागरिक संहिता महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। पार्टी ने हालांकि सावधानी बरतते हुए मांग की है कि इस पर कानून बनाने से पहले सामाजिक व राजनीतिक सहमति बनाए जाने की जरूरत है।दृष्टि पत्र में आंतरिक सुरक्षा संबंधी प्रयासों के साथ ही वामपंथी आतंकवाद को एक बड़ी समस्या के रूप में चिन्हित किया गया है। इस “गंभीर चुनौती” से निपटने के लिए राज्यों एवं केन्द्र के बीच आपसी समन्वय और सहयोग पर बल दिया गया है।जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में हालांकि पार्टी ने किन्हीं कारणों से सीधे-सीधे धारा-370 का उल्लेख नहीं किया है, परन्तु उसका आशय इन शब्दों में प्रकट अवश्य हो जाता है- “हम यह हमेशा से विश्वास करते आए हैं कि जम्मू-कश्मीर, पाक अधिकृत कश्मीर सहित, भारत का अटूट हिस्सा है। राष्ट्रीय सीमाओं को पुनर्निधारित करने का युग समाप्त हो चुका है। यह सही है कि संविधान ने जम्मू और कश्मीर के बारे में चंद विशिष्ट एवं तात्कालिक उपबंध कर रखे हैं। परन्तु हमारा मानना है कि वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है-आतंकवाद की समाप्ति, राज्य का तीव्र आर्थिक विकास और लोकप्रिय सरकार को सुदृढ़ करना जिससे प्रशासन लोकोन्मुखी हो।…. हम कश्मीरी पंडितों एवं अन्य विस्थापित लोगों की उनके मूल स्थान पर वापसी के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।” भाजपा ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के वासियों की टीस को पहचानते हुए कहा है कि राज्य के नागरिकों में किसी भी प्रकार का भेदभाव न बरता जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए उसने तीन निम्नलिखित बिन्दुओं और कार्यक्रमों का उल्लेख किया-क) जम्मू और लद्दाख के लिए ऐसी स्वायत्त परिषदों का गठन जिनके पास पर्याप्त वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार हों।ख) तीनों क्षेत्रों की मूल जनसांख्यिकीय पहचान का संरक्षण करना।ग) केन्द्र से मिलने वाली धनराशि का समान वितरण।हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित उस विधेयक की भाजपा ने कड़े शब्दों में निंदा की जिसके तहत राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से विवाह करने के बाद राज्य की महिलाओं के मौलिक अधिकारों पर आघात होगा।पाकिस्तान के साथ माहौल में आ रहे बदलावों के अलावा विदेश संबंध भाजपा की प्राथमिकता होंगे। दृष्टि-पत्र में उल्लेख है कि पाकिस्तान के साथ फरवरी 2004 के संयुक्त वक्तव्य के अनुसार बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखना और जम्मू-कश्मीर सहित सभी अनसुलझे मामलों का स्थायी हल तलाशना, दक्षिण एशिया आर्थिक संघ के निर्माण का प्रयास और पूरे क्षेत्र में एक समान मुद्रा का चलन, चीन के साथ सीमा रेखा विवाद का पारस्परिक स्वीकार्य हल ढूंढना, एक सहकारी बहुध्रुवीय विश्वव्यवस्था के निर्माण के लिए काम करना जिसमें भारत भी एक ध्रुव हो, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता पाने का प्रयास करना प्रमुख कार्य हैं।पांच साल के शासन की उपलब्धियों और भविष्य के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण के बल पर भाजपा अपने सहयोगी दलों (राजग) के साथ 14वीं लोकसभा के चुनाव में उतरी है। विश्वास असीम है इसीलिए, शायद, दृष्टि पत्र कहता है, भारतीय राजनीति में कांग्रेस युग का अंत हो चुका है, भाजपा के युग की शुरुआत हुई है। राजग का घोषणा पत्र अभी जारी होना है। जहां तक सरकार के कामकाज का प्रश्न है तो भाजपा राजग के एजेन्डे के प्रति प्रतिबद्ध रहेगी।राजग के साथ प्रधानमंत्री वाजपेयी जैसा अनुभवी नेतृत्व है तो उसके सामने कांग्रेस अपने जैसे-तैसे जोड़े कुछ तथाकथित पंथनिरपेक्ष दलों के साथ विदेशी मूल के व्यक्ति के नेतृत्व में मैदान में है। कोई कुछ भी कहे, देश की जनता जब मत डालने जाएगी तो विदेशी मूल का मामला उसे मथेगा जरूर। भाजपा ने तो अपने दृष्टि पत्र में यह बिन्दु प्रमुखता से जोड़ा है कि वह भारत में सभी सरकारी उच्च पदों पर केवल भारतीय मूल के नैसर्गिक भारतीय नागरिकों को ही योग्य ठहराने वाले कानून के निर्माण का प्रयास करेगी। भाजपा का लक्ष्य अपने बूते स्पष्ट बहुमत पाना है, परन्तु सरकार वह राजग के रूप में दो-तिहाई बहुमत पाकर ही बनाएगी।2020 की बात जरूर करनी चाहिए, लेकिन राष्ट्र को आर्थिक महाशक्ति बनाते हुए विकसित देशों की कतार में ला खड़ा करने के प्रयास तो अभी से जारी रहने चाहिए ताकि गति बनी रहे। देश के आम नागरिकों को एक विश्वास बंधा है। नहीं तो क्या कारण है कि राष्ट्र को महाशक्ति बनाने के आह्वान के साथ भारत उदय यात्रा पर निकले उपप्रधानमंत्री आडवाणी की सभाओं में अपेक्षा से अधिक देशवासी जुटे, प्रधानमंत्री वाजपेयी की चुनावी सभाओं में समाज के सभी वर्गों, समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। देश को महाशक्ति बनाने का स्वप्न संजोने वाले प्रधानमंत्री वाजपेयी ने जनता से कहा-हमारी जीत के साथ देश का भविष्य जुड़ा है। ये चुनाव निश्चित रूप से ऐतिहासिक रहेंगे। देश का भविष्य देश के जन-जन के हाथ सुरक्षित रहेगा, इसमें संदेह नहीं होना चाहिए।32
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