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बस्ती के बच्चे, मन के सच्चेकार्यक्रम में थिरकते बच्चेदिल्ली की सक्षम भारती संस्था एक ऐसा अभिनव प्रयोग कर रही है, जिसका आने वाली पीढ़ियों पर लम्बा असर होगा। संस्था से जुड़ी सम्पन्न परिवारों की बहनें दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों के बच्चों में शिक्षा, कला एवं संस्कार को पहुंचाने के लिए कीचड़ सने रास्तों को पार कर पहुंचती हैं। वर्ष में एक बार इस संस्था की ओर से शहरी धनाढ्य और इन बस्तियों के बच्चों का एक सम्मिलित कार्यक्रम किया जाता है। इस वर्ष यह कार्यक्रम गत 24 अक्तूबर को हुआ। इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद्, दिल्ली प्रदेश के संगठन मंत्री श्री सूर्य कृष्ण और नवनिर्वाचित कांग्रेसी विधायक एवं संस्था के उपाध्यक्ष श्री रमेश लाम्बा विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती ज्योतिका कालरा के अनुसार इसमें 175 बच्चों ने भजन, लोक नृत्य, नाटक जैसी कुल 8 विधाएं प्रस्तुत कीं। इनमें 125 बच्चे सेवा बस्तियों के थे। बच्चों ने भांगड़ा नाच प्रस्तुत कर जहां दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया, वहीं पुलिस तंत्र की विकृतियों को नाटक “आईना” ने उजागर किया। कार्यक्रम में सक्षम भारती के अधिकारी, कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधि34
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