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बालेश्वर अग्रवाल ने बतायाभारतवंशी सांसदों का भी सम्मेलन होगाअन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद्, ऐसे भारतवंशियों का, जो अपने-अपने देश में संसद सदस्य या मंत्री हैं और जिनकी संख्या लगभग 300 है, एक सम्मेलन 10 जनवरी को संसदीय सौध (पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी) में आयोजित करने जा रही है। इससे पूर्व 1998 में ऐसा एक सम्मेलन हुआ था, जिसमें भारतवंशियों से सम्बंधित महत्वपूर्ण विचार भी सामने आए थे। अभी तक विभिन्न देशों के लगभग 60 संसद सदस्यों ने सम्मेलन में आने की सूचना दी है। सम्मेलन का उद्घाटन 10 जनवरी, 2003 को उपराष्ट्रपति श्री भैरों सिंह शेखावत करेंगे। मारीशस के प्रधानमंत्री श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। जैसे-भारत तथा भारतवंशियों के सम्बंध, सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं मीडिया सम्बंधी आदान-प्रदान तथा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था आदि। इस सम्मेलन से भारत को हर दृष्टि से लाभ होगा। सभी भारतवंशियों के ह्मदय में अभी भी भारत के प्रति लगाव है। उस लगाव को प्रोत्साहन देना आवश्यक है। अमरीका में जो भारतवंशी हैं, चाहे वे अप्रवासी भारतीय हों या भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक, उन्होंने पोकरण-विस्फोट के बाद भारत पर लगे अमरीकी प्रतिबंधों को समाप्त करवाने के लिए काफी प्रत्यन किया था और सफल भी हुए थे।चीन के विकास में विदेशों में रहने वाले चीनियों का आर्थिक योगदान काफी अधिक है। इसी प्रकार विदेशों में बसे भारतवंशियों को यदि भारत के विकास के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी जा सके तो उनकी अकूत सम्पत्ति का भारत के विकास में महत्वपूर्ण उपयोग हो सकता है। अत: इन दो करोड़ भारतवंशियों के साथ जीवित संपर्क होना बहुत आवश्यक है।18
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