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चीन की आर्थिक उड़ानचीन सरकार द्वारा वर्ष 2003 के लिए घोषित आर्थिक नीतियों में तेज गति से आर्थिक विकास और आर्थिक उदारीकरण पर विशेष बल दिया गया, जिसका लक्ष्य है वर्ष 2003 में 7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद दर हासिल करना। इस लक्ष्य को पाने के लिए घरेलू मांग की आपूर्ति पर जोर दिया गया। इसे उपभोक्ता और निवेश दोनों ही संदर्भों में देखा गया। वित्तमंत्री जू ने सरकारी योजनाओं की घोषणा करते हुए 16.8 अरब अमरीकी डालर के बराबर रेमजिनबी (चीनी मुद्रा) जारी करने की बात कही और इस राशि को ढांचागत कार्यों में खर्च करने की घोषणा की। वर्ष 2003 में औद्योगिक कार्यक्षेत्र के और अधिक विस्तार के लिए सरकार ने विदेशी उद्यमियों को प्रोत्साहन देने, अपने देश के बड़े उद्योग समूहों को विदेशी कम्पनियों के साथ प्रतियोगी भाव से उतरने को बढ़ावा दिया है।एक बार फिर कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया। इस नयी आर्थिक नीति का लक्ष्य है किसानों की आय में वृद्धि, ग्रामीण भूस्वामित्व अनुबंध व्यवस्था में सुधार करना, खाद्यान्न और कपास के वितरण तंत्र में सुधार, कृषि व्यवस्था में सुधार, किसानों पर करों और अधिभार का बोझ कम करना, अन्न उत्पादक क्षेत्रों को सहायता देना आदि।बढ़ती बेरोजगारी की समस्या और अपर्याप्त सुरक्षा प्रावधानों पर इस योजना में विशेष ध्यान दिया गया। चीन सरकार ने वर्ष 2003 में 80 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना में यह भी ध्यान रखा गया कि शहरों में बेरोजगारी की दर किसी भी तरह मौजूदा 4.5 प्रतिशत से ज्यादा न हो पाए।चीन के वित्त मंत्री ने वर्ष 2002 में राज्यों के निर्धारित बजट का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि सरकार ने कृषि के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, सामाजिक विकास के लिए अनेक ऐसे कदम उठाए जो देश को दूरगामी स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होंगे। वर्ष 2003 में रक्षा बजट की राशि बढ़ाकर 22.4 अरब अमरीकी डालर कर दी गई। वर्ष 2002 के मुकाबले इसमें 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2001 के मुकाबले 2002 में रक्षा बजट में 17.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत रपट में उल्लेख किया गया कि रक्षा बजट में यह वृद्धि बदली अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को देखते हुए चीन की राष्ट्रीय रक्षा पंक्ति मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। सैन्य बलों को लड़ाई के आधुनिक शस्त्र और उच्च प्रौद्योगिकी उपकरण उपलब्ध कराना रक्षा बजट में वृद्धि का लक्ष्य है। यह प्रस्तावित सकल घरेलू उत्पाद का 1.8 प्रतिशत है और पूरे बजट का 7.8 प्रतिशत।25
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