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हमारी मातृभमि को स्वतंत्र कराने में अनेक वीर हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर लटक गए, अनेक घोर यातनाएं सहते हुए शहीद हो गए। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, इनमें से बहुत ही कम शहीदों की जानकारी लोगों को है। ऐसे ही शहीदों की विस्तृत जानकारी उड़ीसा का एक छात्र देवाशीष दास इकट्ठा कर रहा है। बारहवीं कक्षा का यह छात्र ऐसे गुमनाम शहीदों की जानकारी इकट्ठा कर उनके चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाता है। वनवासीबहुल मयूरभंज जिले के उदला गांव का निवासी यह छात्र शहीदों की जानकारी इकट्ठी करने के लिए समय-समय पर उड़ीसा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करता है। अभी वह केवल उड़ीसा के शहीदों की ही जानकारी इकट्ठा कर रहा है। आम लोगों को शहीदों से परिचित कराने के लिए इस छात्र को उड़ीसा की विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं ने सम्मानित भी किया है। छात्र देवाशीष उम्र में अभी छोटा है, किन्तु उसके सपने बहुत बड़े-बड़े हैं। उसकी हार्दिक इच्छा है स्वतंत्रता संग्राम के वीरों से संबंधित एक संग्रहालय स्थापित करने की। उसका मानना है कि लोगों में देशभक्ति और स्वाभिमान जगाने के लिए शहीदों का स्मरण आवश्यक है। द पंचानन अग्रवाल11
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