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स्वामी श्रद्धानन्द के निवास कोराष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएआर्य समाज की संस्था केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् ने गत 23 दिसम्बर को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास पर स्वामी श्रद्धानन्द का 76वां बलिदान दिवस मनाया।कार्यक्रम में केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने राष्ट्र की एकता और अखण्डता के लिए कार्य किया। उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर मन्त्रों का उच्चारण करते हुए हिन्दू-मुसलमानों को सम्बोधित किया था और एकता का संदेश दिया था। स्वामी जी जिस पालकी में बैठकर जामा मस्जिद आए थे, उस पालकी को 15-20 मुस्लिम युवकों ने अपने कन्धों पर उठा रखा था। धार्मिक सौहाद्र्र का ऐसा उदाहरण दूसरा नहीं हो सकता है। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने स्वामी जी द्वारा स्थापित किए गए गुरुकुलों को एक विचारधारा का नाम दिया। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान का उपयोग मानवता की सेवा में करने की शिक्षा इन गुरुकुलों में मिलती थी। आज के तनावपूर्ण, अशान्त वातावरण में आर्य समाज का विचार प्रसारित होना चाहिए ताकि समाज में शान्ति स्थापित हो सके। कार्यक्रम में स्वामी श्रद्धानन्द के निवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करवाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। मुख्यमंत्री ने स्मारक के लिए पूरा प्रयास करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर समाज में धर्म कार्य में लगे हुए कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने स्वामी श्रद्धानन्द का चित्र भेंटकर सम्मानित किया। द रवीन्द्र जुगरान29
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