गहरे पानी पैठ
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गहरे पानी पैठ

by
Aug 12, 2002, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Aug 2002 00:00:00

वेतन दो हजार, लेकिन गाड़ी….आतंकवादग्रस्त जम्मू-कश्मीर में जहां सब कुछ अस्त-व्यस्त है, वहीं मदरसों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है। 1990 में पुंछ जिले में जहां 13 मदरसे थे, अब वहां 37 मदरसे सक्रिय हैं। इसी तरह राजौरी जिले में मदरसों की संख्या 19 से बढ़कर 26 हो गई है। ऐसे ही अन्य जिलों में भी मदरसों की संख्या बढ़ी है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इन मदरसों के अधिकांश मौलवी राज्य के बाहर के हैं। स्थानीय लोगों का कहना है ये मौलवी शिक्षा के नाम पर बच्चों के मन-मस्तिष्क में जहर भर रहे हैं। विशेष रूप से हिन्दू धर्म और हिन्दुओं के प्रति। इसके अलावा ये मौलवी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर इस्लाम का प्रचार करते हैं। पूछने पर ये लोग अपना वेतन दो से तीन हजार तक बताते हैं, किन्तु इनमें से अधिकांश के पास अत्याधुनिक गाड़ी और आलीशान मकान है। कागजों पर इन मदरसों का संचालन अकाफ बोर्ड के हाथ में है, किन्तु सूत्रों का कहना है कि अधिकांश मदरसे विभिन्न आतंकवादी गुटों द्वारा संचालित होते हैं।मदरसों की बढ़ती संख्या पर प्रशासन का कोई वरिष्ठ अधिकारी मुंह तक नहीं खोलना चाहता। किन्तु पुलिस सूत्र मदरसों की बढ़ती संख्या की जानकारी देते हैं। यह भी ज्ञात हुआ है कि इन मदरसों को राज्य सरकार की सहायता मिल रही है। चिन्ता तो इस बात की है कि ये मदरसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी पनपने लगे हैं।…और अब मदनी की रिहाई की मांगराजनीतिक स्वार्थ सिद्ध होने चाहिए, फिर यह नहीं देखा जाता कि इसका देश पर क्या असर होगा? कुछ ऐसा ही आजकल केरल में देखने को मिल रहा है। यहां सत्ता के गलियारों से 1998 में कोयम्बटूर बम विस्फोट के आरोपी अब्दुल नसीर मदनी को जेल से रिहा करने की मांग जोर-शोर से उठ रही है। माक्र्सवादी नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन वाली वाममोर्चा सरकार इस खतरनाक व्यक्ति को रिहा करने की मांग कर रही है। यह वही मदनी है, जिसे कोयम्बटूर में बम विस्फोट करके श्री लालकृष्ण आडवाणी की हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल मदनी कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि राजनेता है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) का अध्यक्ष है। पी.डी.पी. का कहना है कि अवसरवादी राजनेताओं ने मदनी की पूरी तरह उपेक्षा की है। उसे चार साल तक जेल में बंद रखना सरासर अन्याय है। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा ने चुनाव से पहले वादा किया था कि मदनी को छोड़ दिया जाएगा, लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बावजूद आज भी उसे रिहा नहीं किया गया।राजनीतिक स्वार्थों के चलते मदनी जैसे खतरनाक व्यक्ति को अगर छोड़ा जाता है तो देश के लिए इससे अधिक दुर्भाग्य की बात क्या होगी? कोयम्बटूर बम विस्फोट की जांच के लिए नियुक्त विशेष जांच दल ने जिन आरोपियों की सूची न्यायालय को दी थी, उसमें मदनी का नाम 15वें क्रमांक पर था। आरोप है कि उसने इन विस्फोटों के लिए उच्च स्तर के विस्फोटकों की आपूर्ति की थी। उल्लेखनीय है कि मई, 1998 में कोयम्बटूर में 12 स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे, जिनमें 58 लोगों की मृत्यु हुई थी और 250 लोग घायल हुए थे। इसके साथ ही 4.37 करोड़ रुपए की सम्पत्ति की हानि भी हुई थी। जांच दल द्वारा प्रस्तुत किए गए आरोप पत्र में मदनी को उन लोगों में भी शामिल बताया गया, जिन्होंने दंगों के दौरान 18 मुस्लिमों को मरवाया था। केरल पुलिस ने इससे पहले 31 मार्च, 1998 को भी मदनी को गिरफ्तार किया था। उस समय केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा का शासन था। यह गिरफ्तारी मदनी द्वारा 1992 में कोझिकोड में भड़काऊ भाषण देने के लिए की गई थी। तभी से वह जेल में है। केरल पुलिस के अनुसार मदनी के खिलाफ 24 और मामले भी हैं।7 जुलाई, 1998 को जब कोयम्बटूर न्यायालय द्वारा मदनी को जमानत पर रिहा करने की घोषणा की गई थी, तब तमिलनाडु पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत मदनी की कैद बरकरार रखी। कानून का रास्ता बंद होते देख मदनी की पार्टी और उसके परिवार वाले राजनीति का रास्ता खोज रहे हैं। मदनी की रिहाई का मामला तब ज्यादा गरमाया जब गत सितम्बर में मदनी के राजनीतिक समर्थकों ने मदनी को रिहा न करने का कारण सत्तासीन सरकार के विरुद्ध आंदोलन शुरू करने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री ए.के. एंटोनी का घेराव भी किया गया था। लगता है पीडीपी की राजनीतिक चाल सफल होती दिखाई दे रही है, क्योंकि अब मदनी की रिहाई की मांग सत्ता के गलियारों से उठने लगी है।5

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

पंजाब: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, पाकिस्तानी कनेक्शन, 280 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies