भारत छत्रपति शिवाजी महाराज ने असंगठित, आत्मस्वाभिमान विस्मृत, निर्जीव से हो चुके समाज को फिर से चैतन्य किया: सरकार्यवाह
भारत स्वार्थी तत्व जनजातीय समाज को हिंदुओं से अलग दिखा कर समाज में विभेद पैदा करना चाहते हैं : डॉ सुखी उरांव