इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मेंबर मोहम्मद गौस नयाजी को आखिरकार एनआईए ने गिरफ्तार कर ही लिया। वो 2016 में कर्नाटक आरएसएस के कार्यकर्ता आर रुद्रेश की हत्या का मुख्य साजिकर्ता है। उस पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने 5 लाख रुपए का इनाम रखा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पता चला है कि आरोपी नयाजी तंजानिया की राजधानी दार ए सलाम गया हुआ था। बीते 8 वर्षों से वह विदेशों में छुपा बैठा था। उसने सोचा होगा कि इन 8 वर्षों में उसके कुकर्म को लोग भूल गए होंगे। लेकिन वो भूल गया कि इंसाफ देर से ही सही होता अवश्य है। तंजानिया से लौटते वक्त जैसे ही उसने मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंड हुआ उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि बेंगलुरू के आरटी नगर का रहने वाला 41 वर्षीय मोहम्मद गौस नयाजी कर्नाटक के हेब्बाल विधानसभा क्षेत्र से पीएफआई की छात्र शाखा एसडीपीआई का अध्यक्ष था।
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क्या है पूरा मामला
कर्नाटक और केरल में पीएफआई काफी सक्रिय है और ये सर्वविदित है कि संघ या उससे जुड़े लोग कट्टरपंथियों को फूटी आंख नहीं सुहाते। ऐसा ही कुछ वर्ष 2016 में हुआ। NIA द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, SDPI का हेब्बाल अध्यक्ष मोहम्मद गौस नयाजी अपने एक अन्य साथी पीएफआई मेंबर असीम शरीफ के साथ मिलकर एक प्लान बनाते हैं कि कुछ ऐसा किया जाए कि चारों तरफ दहशत का माहौल बने। अपनी इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए ये टार्गेट के रूप में आरएसएस कार्यकर्ता आर रुद्रेश को चुनते हैं।
इसके बाद ये तलाश करते हैं अपनी ही तरह चार अन्य कट्टरपंथियों की, जिनसे इन्हें ये काम करवाना था। चार लोगों की तलाश के बाद ये उनका ब्रेनवॉश करते हुए उन्हें ये समझाते हैं कि रुद्रेश की हत्या संघ के खिलाफ पवित्र जंग है। इसके बाद उनकी हत्या कर दी जाती है। हत्यारों को इस बात की उम्मीद नहीं रही होगी कि मामले की जांच एनआईए को सौंप दी जाएगी। मामले में बाकी के आरोपियों को जांच एजेंसी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन नयाजी गिरफ्तारी से पहले ही दुबई भाग गया। सितंबर 2021 में वहां उसका वीजा एक्सपायर हो गया, लेकिन इसके बाद भी वो वहां रुका रहा।
इसके बाद दुबई के प्रशासन ने उसे इंडिया के लिए डिपोर्ट कर दिया। वो अहमदाबाद पहुंचा। हालांकि, वो फिर फरार होकर तंजानिया चला गया। अब जब वहां से लौटा तो एनआईए के हत्थे चढ़ गया।
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